बिहार के सभी जिलों के MIS प्रभारियों का वेतन बंद कर दिया गया है। इनके द्वारा काम में लापरवाही बरतने के चलते कार्रवाई की गई है। एमआईएस प्रभारियों ने छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और स्कूलों का प्रोफाइल अपलोड नहीं किया है इस वजह से यह एक्शन हुआ है। बिहार के सभी जिलों के एमआईएस प्रभारियों का वेतन बंद कर दिया गया है। इनके द्वारा काम में लापरवाही बरतने के चलते कार्रवाई की गई है। एमआईएस प्रभारियों ने छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और स्कूलों का प्रोफाइल अपलोड नहीं किया है इस वजह से यह एक्शन हुआ है।

वहीं, बिहार शिक्षा परियोजना ने सभी जिलों के डीपीओ और जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी चेतावनी दी है। उन्हें 25 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया गया है। अगर तब तक काम पूरा नहीं होता है, तो उनका वेतन भी रोक दिया जाएगा। राज्य परियोजना निदेशक के अनुसार यह रोक तब तक लागू रहेगी, जब तक काम पूरा नहीं हो जाता है।

बताया जा रहा है कि,यू-डायस के लिए डेटा एंट्री 14 जनवरी तक पूरी करनी थी, लेकिन15 जनवरी को समीक्षा में पाया गया कि61 फीसदी छात्र, 67 प्रतिशत शिक्षक तो88 फीसदी स्कूलों की विवरणी अपलोड नहीं की जा सकी है। इस कारण शिक्षा बजट बनाने में दिक्कत हो रही है।

वहीं, इस मामले मेंएसपीडी बी. कार्तिकेय धनजी ने बताया कि डेटा एंट्री को एमआईएस प्रभारियों ने गंभीरता से नहीं लिया। अब डीईओ और सर्व शिक्षा अभियान डीपीओ को आदेश दिया गया है कि हर हाल में25 जनवरी तक बच्चों का वर्गवार संख्या और नये नामांकन वाले बच्चों के आंकड़े की एंट्री समय से करा दी जाए।

आपको बताते चलें की, यू-डायस शिक्षा के लिए‘एकीकृत जिला सूचना प्रणाली’ का संक्षिप्त रूप है। यह केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा शुरू की गई सबसे बड़ी प्रबंधन सूचना प्रणालियों में से एक है, जो14.89 लाख से अधिक स्कूलों, 95 लाख शिक्षकों और26.5 करोड़ बच्चों से संबंधित पूरा आंकड़ा संजोये रखती है। इसी आंकड़े के आधार पर शिक्षा बजट बनाया जाता है।


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