संसद की सुरक्षा में चूक मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए नए खुलासे हो रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इस घटना को बड़ा बनाने के लिए आरोपियों ने स्मोक केन का इस्तेमाल करने की योजना बनाई थी। दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी अपने साथ एक दो नहीं बल्कि सात स्मोक केन लेकर संसद में घुसे थे। इन्हीं स्मोक केन से संसद के अंदर पीले रंग का धुआं फैला था।

गूगल से सर्च किया संसद भवन के आसपास का इलाका

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपियों ने गूगल का इस्तेमाल कर संसद भवन के आसपास का इलाका सर्च किया था। इन लोगों ने संसद की सुरक्षा को लेकर पुराने वीडियो भी सर्च किए थे। पुलिस से बचने के लिए इन लोगों ने सेफ चैट्स कैसे की जाती है, इसे भी सर्च किया था। सभी आरोपी एक दूसरे से सिग्नल एप पर बात करते थे ताकि पकड़े न जा सकें।

ललित झा पूरे केस का मास्टरमाइंड

अब तक की जांच में ललित झा ही खुद को इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड बता रहा है। मीडिया में प्रभाव साबित करना उसका सबसे बड़ा मकसद था इसलिए उसने संसद सत्र के दौरान संसद में घुसने की योजना बनाई। इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने एक स्थानीय अदालत में कहा कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोप में गिरफ्तार ललित झा पूरे षड्यंत्र का सरगना है और वह तथा अन्य आरोपी देश में अराजकता फैलाना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी मांगें मनवाने के लिए मजबूर कर सकें। सूत्रों ने कहा कि पुलिस 13 दिसंबर को हुई इस घटना को रीक्रिएट करने के लिए संसद से अनुमति मांग सकती है। यह घटना 2001 में संसद पर हुए हमले की बरसी पर हुई थी। पश्चिम बंगाल के रहने वाले झा को कल रात गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को सात दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

एक-दूसरे से मिले थे आरोपी

पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में दावा किया कि झा ने स्वीकार किया है कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश रचने के लिए आरोपी कई बार एक-दूसरे से मिले थे। पुलिस ने कहा कि इसके अलावा आरोपी से पूछताछ कर यह पता लगाने की जरूरत है कि क्या उसका किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठन से कोई संबंध है। जांच की दिशा के बारे में बात करते हुए पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे झा को राजस्थान ले जाएंगे ताकि उस स्थान का पता चल सके जहां उसने अपना फोन फेंका था और दूसरों के फोन जला दिए थे।

सभी फोन नष्ट किए

पुलिस के मुताबिक मामले में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि पुलिस के पास आरोपियों के मोबाइल फोन नहीं हैं, जिससे साजिश का पता लगाने और अधिक लोगों की संलिप्तता के बारे में जानकारी जुटाने में मदद मिल सके। बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किए गए ललित झा ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि उसने अपना फोन दिल्ली-जयपुर सीमा के पास फेंक दिया था और अन्य आरोपियों के फोन भी नष्ट कर दिए थे।” आरोपियों ने जिस तरह से साजिश रची थी और घटना से पहले रेकी करने के लिए कई बार दिल्ली का दौरा किया था, उससे पुलिस को इसमें विदेशी ताकत का हाथ होने का संदेह है। सूत्रों ने बताया कि पुलिस उस व्यक्ति की भी तलाश कर रही है, जिसने केन को जूते में छिपाने में आरोपियों की मदद की थी।


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