मुस्लिम बच्चों को स्कॉलरशिप देने के नाम पर बहुत बड़ा घोटाला सामने आया है। इस घोटाले के तार तमाम राज्यों से जुड़े हुए हैं, जहां पर बड़े स्तर से फर्जीवाड़ा किया जा रहा था। अल्पसंख्यक मंत्रालय ने इस मामले की जांच CBI से कराने की सिफारिश की है।

क्या है ये मामला?

ये घोटाला 2007/08 से 2021/22 तक माइनॉरिटिज स्कॉलरशिप के नाम पर किया गया है। मुस्लिम बच्चों को स्कॉलरशिप देने के नाम पर इस घोटाले को अंजाम दिया गया। इसकी जांच 10 जुलाई 2023 को अल्पसंख्यक मंत्रालय ने CBI से कराने की सिफारिश की है। इस स्कॉलरशिप की शुरुआत 2007-2008 में हुई थी।

देशभर के अलग-अलग राज्यों में ये फर्जीवाड़े का खेल चल रहा था। सिर्फ पैसे की लूट नहीं बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी इसमें खतरा सामने आया है। असल में फर्जी बैंक अकाउंट बनाकर ऐसे स्टूडेंट्स के नाम पर स्कॉलरशिप ली गई, जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है। फर्जी नाम पर, फर्जी KYC और फर्जी हॉस्टल के बदले में पैसे लिए गए।

इतना ही नहीं, गर्ल्स कॉलेज में लड़के के नाम से स्कॉलरशिप ली गई। अकाउंट में पैसा आने के बाद अगले साल वो बच्चा ही गायब हो गया। एक-एक फोन से सैकड़ों स्कॉलरशिप ली गईं। 22 बच्चे एक ही मां-बाप के नंबर पर स्कॉलरशिप के लिए रजिस्टर्ड मिले।

सीबीआई जांच की सिफारिश

माइनॉरिटी स्कॉलरशिप में फर्जीवाड़े की जांच के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है। 10 अगस्त 2023 को मंत्रालय ने CBI जांच की सिफारिश की है। इस स्कॉलरशिप की शुरुआत 2007/2008 से हुई थी। देशभर के अलग-अलग राज्यों में फर्जीवाड़े का खेल चल रहा था। सिर्फ पैसे की लूट नहीं, सुरक्षा के लिहाज से भी खतरा है। फर्जी बैंक अकाउंट बनाकर पैसे लिए जाते रहे। ऐसे स्टूडेंट्स का भी बैंक अकाउंट निकला, जिनका कोई अस्तित्व नहीं है।


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