बिहार सरकार के द्वारा शिक्षक नियुक्ति में डोमिसाइलको खत्म किए जाने के बाद शुरू हुआ राजनीतिक घमासान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ इस फैसले को लिए जाने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनता दल प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने इसे सरकार का तुगलकी फरमान ठहरा दिया था. वहीं दूसरी तरफ बुधवार को भी उन्होंने नीतीश कुमार पर हमला बोला।

आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने लिखा कि पहली बार सरकार में आने के बाद नीतीश जी ने शिक्षक भर्ती के लिए एससी वर्ग के अभ्यर्थियों की सभी पंचायतों में उपलब्धता नहीं होने के कारण पंचायत से बाहर प्रखंड भर के अभ्यर्थियों की आवेदक होने का अवसर देने का निर्णय लिया था।

उन्होंने ट्वीट कर लिखा की धूमधाम से राज करने वाली लालू सरकार की यही थी उपलब्धि कि 15 वर्षों में इस एससी वर्ग के विद्यार्थी सभी पंचायतों में इंटर तक भी नहीं पहुंच पाए और आज देखिए वर्तमान सरकार ने शिक्षक भर्ती के लिए राज्य से बाहर के विद्यार्थियों के लिए यह कह कर दरवाजा खोल दिया कि गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, संस्कृत, हिंदी आदि विषयों में बिहार में नहीं है शिक्षक बनने के योग्य विद्यार्थी।

आगे लिखा की घोर सुशासन वाली सरकार की यही है उपलब्धि कि 18 वर्षों में अपने राज्य में स्कूल में पढ़ाने लायक पर्याप्त शिक्षक भी नहीं बना पाए. इसे कहते हैं को बड़ छोट कहत अपराधु. ज्ञात हो कि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी नियमावली में संशोधन किए जाने के बाद से ही लगातार मुखर है और इस संशोधन का विरोध कर रही है।


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