Share

अनिल बसाक मूल रूप से किशनगंज, बिहार के निवासी हैं। उनके पिता एक स्थानीय कपड़ा विक्रेता थे। उनकी कहानी आज भी कई ऐसे उम्मीदवारों को प्रेरित करती है, जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।

अनिल को IAS अधिकारी बनने में थोड़ा समय लगा। हालांकि, वह अपने पहले प्रयास में प्री-परीक्षा पास करने में असफल रहे और उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में 616वीं रैंक हासिल की थी। इसके बाद भी वह प्रयास में लगे रहे और खुद को हार नहीं मानने दी। उन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में तीसरी बार भाग लिया और ऑल इंडिया 45वीं रैंक हासिल की थी।

बता दें, उनके पिता बिनोद बसाक पहले गांव-गांव घूमकर कपड़े बेचते थे। उनके पिता का जीवन बेहद चुनौतीपूर्ण था। अनिल चाहते थे कि उनके पिता संघर्ष करना बंद कर दें। अनिल पूरे परिवार में कक्षा 10वीं पास करने वाले परिवार के दूसरे सदस्य हैं। वहीं यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले अपने परिवार के पहले सदस्य हैं।

अनिल ने अपनी स्कूली पढ़ाई किशनगंज से पूरी की है। इसके बाद उन्होंने IIT JEE की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने JEE परीक्षा में 2 प्रयास दिए थे और अपने दूसरे प्रयास में, यानी साल 2014 अनिल को आईआईटी दिल्ली में सिविल इंजीनियरिंग कोर्स के लिए चुना गया था।

जब वह इंजीनियरिंग के तीसरे साल के पहले सेमेस्टर में थे उस समय उन्होंने अपनी यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी। साल में अपनी पहले प्रयास के दौरान वह यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा क्लियर नहीं पाए थे। वहीं साल 2019 में उन्होंने दूसरा प्रयास दिया और 616वीं रैंक हासिल की और IRS IT में ज्वाइन किया। हालांकि उनका सपना IAS अधिकारी बनने का था। जिसके बाद उन्होंने फैसला लिया कि वह तीसरी बार भी यूपीएससी की परीक्षा में शामिल होंगे। बता दें, वह 28 दिसंबर, 2020 को नागपुर में नेशनल अकेडमी ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (NADT)में शामिल हुए थे। फिर यूपीएससी 2020 के लिए मेन्स परीक्षा का आयोजन 8 जनवरी, 2021 को होना था। जिसके बाद अनिल आईआरएस आईटी से इस्तीफा दे दिया था और पूरा फोकस यूपीएससी की परीक्षा में दिया। आखिरकार वह अपनी तीसरे प्रयास में IAS अधिकारी बनने में सफल रहे।


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading