बिहार की राजधानी पटना के एसएसपी ऑफिस में तैनात कांस्टेबल आलोक कुमार ने भी इस बार बीपीएससी की परीक्षामें बाजी मारी है. अब वह प्रखंड कल्याण पदाधिकारी के पद पर अपना योगदान देंगे. मूल रूप से छपरा के नैनी गांव के रहने वाले आलोक कुमार 2013 में बिहार पुलिस में कांस्टेबल के पद पर योगदान दिया था. शुरुआत में वह बिहार पुलिस के सूचना तंत्र इकाई में तैनात थे. जब वह 2019 में पटना ट्रांसफर होकर आए, तो बीपीएससी की तैयारी शुरू की।

अपने माता पिता के साथ आलोक

डीएसपी बनने की थी ललक : बातचीत के दौरान आलोक ने बताया कि उनका सपना बीपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर डीएसपी बनने का था. इस बार की परीक्षा में रैंक उस हिसाब से नहीं आ पाया. इस वजह से वह डीएसपी बनने से चूक गए. अब वह प्रखंड कल्याण पदाधिकारी के पद पर योगदान देंगे. उन्होंने बताया कि जब भी ड्यूटी से छुट्टी मिलती मैं अपने पढ़ाई में लग जाता था. उन्होंने तैयारी करने वाले अन्य युवाओं से कहा है कि निरंतर प्रयास जारी रखें और लगातार पढ़ते रहे एक न एक दिन सफलता जरूर मिलेगी।

मां और भाई के साथ आलोक

बीपीएससी मेरी इच्छा डीएसपी बनने की थी, लेकिन रैंक नीचे रहा तो मुझे प्रखंड कल्याण पदाधिकारी का पद मिला है. आगे भी प्रयास जारी रहेगा. पिछला बीपीएससी 69 का पीटी और मेंस भी दिया है.”-आलोक कुमार, सफल अभ्यर्थी

पिता भाई पुलिस सेवा में : आलोक ने बताया कि मेरी इस सफलता से घर वालों में काफी खुशी है. उन्होंने बताया कि दो बार मैंने इससे पहले बीपीएससी के लिए प्रयास किया. लेकिन पीटी भी नहीं निकाल पाए. तीसरे प्रयास में मुझे सफलता मिली है. अपने परिवार के बारे में उन्होंने बताया कि पिता सतेन्द्र राय बिहार पुलिस में ही वायरलेस में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं और उनके बड़े भाई विवेक राय झारखंड पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं. आलोक तीन भाई और दो बहन है।


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