पटना: राज्य में बिहार लोक सेवा आयोग की लिखित परीक्षा के आधार पर चयनित सभी एक लाख 20 हजार 336 विद्यालय अध्यापकों को दो नवंबर को नियुक्ति पत्र मिलेंगे। इसको लेकर पटना के गाँधी मैदान में बड़े समारोह का आयोजन किया जा रहा है।

वहीं, इस टीचर बहाली को लेकर एक समय नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने मोर्चा खोल रखा है। उन्होंने इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया है और इसका उन्होंने सीएम नीतीश और आयोग को सबूत भी सौंपे जाने की बात कही है।

जीतन राम मांझी ने कहा है कि – राज्य ने जो टीचरों की बहाली करवाई जा रही है इसमें बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। इसको लेकर हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शिकायत भेज रहे हैं। इसके साथ ही हम इसकी शिकायत बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को भी भेज रहे हैं। हम इस मामले में जांच की मांग करते हैं,इस मामले में बारीकी से जांच किया जाना चाहिए और उसके बाद रिजल्ट जारी किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि- इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर खले हुआ है और मैं पहले दिन से ही यह बातें कह रहा हूं। मैं हर दिन कह रहा हूं कि इस परीक्षा में वापस से जांच की जानी चाहिए। इसमें धांधली हुई है और 2 तारीख को नियुक्ति पत्र बांटना गलत है। जेडीयू के नेता कहते है की जीतनराम मांझी ऐसे ही बोलते है,उनको प्रमाण देना चाहिए। तो हमारे पास प्रमाण है। हर परीक्षा में 5 से 10 परसेंट उपस्थित नहीं रहते है।


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