नीतीश सरकार की ओर से कर्मचारियों और पदाधिकारियों के प्रमोशन पर तेजी से काम हो रहा है, लेकिन इस बीच भीम आर्मी की ओर से पटना में पोस्टर लगाकर इस प्रमोशन को गलत ठहराया गया रहा है. पोस्ट के माध्यम से कहा गया है कि बिना आरक्षण का प्रमोशन तुगलकी फरमान है, ये समाजिक न्याय नहीं तानाशाही है. भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष जौहर आजाद की तरफ से लताए गए इस पोस्टर में नीतीश कुमार को अहंकारी और तेजस्वी यादव को दलीत विरोधी बताया गया है।

एक तरफ बिहार सरकार की ओर से लगातार प्रमोशन को लेकर की अधिसूचना जारी हो रही है तो दूसरी तरफ इस पर सियासत भी शुरू है. इसे गलत बता कर पोस्ट भी लगाए गए हैं भीम आर्मी के तरफ से पोस्टर लगाकर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर निशाना साधा गया है, क्योंकि एससी एसटी के आरक्षण में प्रमोशन का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लटका हुआ है और सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही प्रमोशन का रास्ता साफ कर दिया है. हालांकि 6 साल से भी अधिक समय से प्रमोशन कर्मचारी और अधिकारियों का रुका हुआ था उसके बाद सरकार के तरफ से यह फैसला लिया गया है।

आपको बता दें कि बिहार में कर्मचारियों और पदाधिकारियों का प्रमोशन 2016 से ही रुका हुआ था. इसे लेकर बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से 16 अक्टूबर को स्क्रीनिंग कमेटी बनाई गई और सभी विभागों में प्रमोशन के लिए कमेटी बनाने का निर्देश भी दिया गया था. उसके बाद से लगातार प्रमोशन की अधिसूचना जारी हो रही है. 17 अक्टूबर को 532 अधिकारियों का प्रमोशन सामान्य प्रशासन विभाग में दिया गया था और 20 अक्टूबर को 294 अधिकारियों को प्रमोशन दिया गया है।


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