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बिहार के स्कूलोें में छात्रों की ऑनलाइन हाजिरी बनेगी, हाजिरी की ऑनलाइन निगरानी होगी

राज्य के सरकारी स्कूलों में अब शिक्षकों और विद्यार्थियों की हाजिरी ऑनलाइन दर्ज होगी। इसके लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने मोबाइल एप तैयार किया है। इसकी शुरुआत 16 जुलाई से पटना जिले में होगी।

गौर हो कि इस मोबाइल एप पर स्कूल, प्राचार्य, शिक्षक और विद्यार्थियों के अलग-अलग मॉडयूल बनाए गए हैं। संबंधित मॉड्यूल के तहत यू-डायस 2021-22 के आधार पर पहले शिक्षक प्रोफाइल से संबंधित सारे आंकड़ों की इंट्री होगी। फिर उनकी आईडी बनेगी। इसी से शिक्षक रोजाना हाजिरी बनाएंगे। इसमें विद्यार्थियों का भी पूरा डेटा होगा। शिक्षक उपस्थिति दर्ज करने के बाद छात्रों की हाजिरी बनाएंगे। इसके लिए कक्षावार शिक्षक की आईडी बनेगी। उसी आईडी से फिर शिक्षक अपनी कक्षा में छात्र-छात्राओं की हाजिरी ऑनलाइन दर्ज करेंगे।

स्कूलों में अगस्त से ऑनलाइन हाजिरी बनेगी 

पटना जिले में शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति 16 जुलाई से शुरू हो जाएगी। सभी स्कूल प्राचार्य को ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर लॉग-इन करने के लिए 15 जुलाई तक का समय दिया गया है। शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति शुरू होने के बाद अगस्त के दूसरे सप्ताह से छात्रों की ऑनलाइन हाजिरी बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

बिहार चौथा राज्य जहां पर एप से बनेगी हाजिरी बिहार देश का चौथा राज्य होगा जहां के सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन हाजिरी बनेगी। बिहार के पहले कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केरल के सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन हाजिरी बनाई जाती है। वहीं बिहार के निजी स्कूलों की बात करें तो एक भी स्कूल में ऑनलाइन हाजिरी न तो शिक्षकों की बनती है न ही छात्रों की दर्ज की जाती है।

16 जुलाई से ऑनलाइन हाजिरी बनाने की व्यवस्था पटना से शुरू होगी

यू-डायस कोड से जुड़ेंगे तमाम स्कूल

ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर यू-डायस के आंकड़ों के आधार पर स्कूल, प्राचार्य, शिक्षक और छात्र का मॉड्यूल अलग-अलग बनाया गया है। प्राचार्य पोर्टल पर लॉग-इन करेंगे। उनके बाद शिक्षकों की सूची पोर्टल पर आ जाएगी। प्राचार्य सभी शिक्षकों को यूजर आईडी और पासवर्ड देंगे जिससे वे हाजिरी बनाएंगे।

स्कूल परिसर में ही काम करेगा मोबाइल एप

बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के अनुसार, शिक्षक कहीं से भी अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कर सकते। स्कूल परिसर में रहने पर ही एप काम करेगा। इसकी जानकारी राज्य के सभी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूल के प्राचार्यों को दे दी गयी है।

ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर शिक्षक मॉड्यूल को अपडेट किया जा रहा है। यह प्रक्रिया 15 जुलाई तक पूरी हो जाएगी। 16 जुलाई से जिले के सभी स्कूलों में शिक्षक ऑनलाइन हाजिरी बनाएंगे। बाद में बच्चों की भी हाजिरी बनेगी।

-अमित कुमार, डीईओ पटना

बेतिया में दर्जनों छात्रों का साल बर्बाद, एक ही रोल नंबर से 3-3 छात्रों को मिला एडमिट कार्ड

बेतिया: पश्चिमी चंपारण स्नातक प्रथम खंड की परीक्षा में एक ही रोल नंबर पर तीन-तीन प्रवेश पत्र जारी कर दिए गए हैं। इस कारण नगर के एमजेके कॉलेज में चल रही स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षा में कई परीक्षार्थी परीक्षा से वंचित रह गए। हर दिन ऐसे दर्जनों की संख्या में छात्रों के परीक्षा हॉल पहुंचने से परेशान महाविद्यालय प्रशासन ने राम लखन सिंह यादव कॉलेज पर फर्जी एडमिट कार्ड और नामांकन करने का आरोप लगाया है।

स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षा के दौरान एक ही रोल नंबर और एक ही नाम के तीन-तीन, चार-चार परीक्षार्थी पहुंचते हैं, जबकि विश्वविद्यालय से भेजी गई अटेंडेंस शीट पर उस रोल नंबर पर एक ही व्यक्ति के परीक्षा देने का नाम अंकित है। ऐसे में दो-तीन रोल नंबर निकाल देने से एमजेके कॉलेज में अफरा-तफरी का माहौल बन गया है।

महाविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. नवल किशोर बैठा और डॉ. चंद्रशेखर का कहना है कि हर दिन राम लखन सिंह यादव कॉलेज से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि वहां फर्जी नामांकन कराया गया है। बाद में ऑपरेटर द्वारा फर्जी एडमिट कार्ड निकाल कर उस पर फोटो चस्पा कर दिए जा रहे हैं और उसे महाविद्यालय में परीक्षा देने के लिए भेज दिया जा रहा है।

उन्‍होंने कहा कि महाविद्यालय प्रशासन को इस पर संज्ञान लेना चाहिए। ऐसे कई मामले को एमजेके कॉलेज प्रशासन ने पकड़ा है और परीक्षार्थियों को परीक्षा देने से वंचित किया है। वही परीक्षा से वंचित छात्रों का भविष्य एक साल के लिए बर्बाद हो गया है।

परीक्षा नियंत्रक को मिली धमकी

एमजेके कॉलेज के परीक्षा नियंत्रक डॉ. नवल किशोर बैठा व प्राध्यापक डॉ. चंद्रशेखर का कहना है कि राम लखन सिंह यादव कॉलेज से आने वाले छात्र नेता और नामांकन करने वाले माफिया महाविद्यालय में आकर धमकी दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि कई नेता और दलाल आकर प्रोफेसर के पद से हटवा देने का धमकी देते हैं। ये लोग दबाव बनाते हैं कि जितने भी छात्र हैं, सभी को परीक्षा देने दी जाए। सारे फर्जी परीक्षार्थियों को भी परीक्षा दिलवाने के लिए डराते-धमकाते हैं। उन्हें फटकार लगाकर भगाया गया है।

कॉलेज प्रशासन की लापरवाही से दर्जनों छात्र नहीं दे पाए परीक्षा

नगर के आरएलएसवाई कॉलेज से पढ़ाई कर रहे स्नातक प्रथम वर्ष के कई छात्र परीक्षा नहीं दे पाए। कॉलेज द्वारा छात्रों का परीक्षा फॉर्म विश्वविद्यालय के पोर्टल पर अपडेट नहीं करने से विश्वविद्यालय ने इन छात्रों का एडमिट कार्ड जारी नहीं किया है। ऐसे में परीक्षा में हिस्सा नहीं लेने से इन छात्रों का एक वर्ष बर्बाद हो गया है। वंचित छात्र रोजाना कॉलेज का चक्कर लगा रहे हैं।

इस राज्य में खुले कक्षा 1 से 8वीं तक के स्कूल, विस्थापित छात्रों के लिए सरकार ने किया ये ऐलान

मणिपुर में 5 जुलाई से का 1 से लेकर 8वीं तक के स्कूलों को खोल दिया गया है। शिक्षा विभाग ने सोमवार को इस बाबत आदेश जारी करते हुए कहा था कि 3 मई से जातीय संघर्ष के कारण स्कूलों को बंद किया गया था जिन्हें 5 जुलाई को खोल दिया जाएगा। शिक्षा विभाग का कहना है कि छात्रों के हित व कल्याण को ध्यान में रखकर यह फैसला लिया गया है। गर्मियों की छुट्टियों के बाद स्कूल के खुलने से बच्चों के माता-पिता काफी खुश हैं। स्कूल खोले जाने को लेकर छात्रों ने खुशी जाहिर की है। बता दें कि स्कूलों द्वारा गर्मियों को छुट्टी को बढ़ाते हुए 4 मई से 4 जुलाई तक कर दिया गया था क्योंकि मणिपुर इस दौरान हिंसा की चपेट में आ चुका था।

मणिपुर में खुले स्कूल

पहली से 8वीं तक की जिन स्कूलों को खोला गया है उनमें से कुल 4617 स्कूलों में से 96 स्कूलों को नहीं खोला जा सका है क्योंकि उन स्कूलों में मणिपुर हिंसा संबंधि राहत कैंप व अन्य चीजों की व्यवस्था की गई है। राज्य में हाल ही में हिंसा से विस्थापित छात्रों को नजदीकी स्कूलों में मुफ्त एडमिशन की अनुमति दी गई है। साथ ही स्कूल बदलवने का विकल्प चुनने वाले हिंसा प्रभावित छात्रों के लिए कक्षा 9 से 12वीं के लिए  BoSEM/CoHSEM की पूर्व अनुमति की आवश्यकता में छूट दी गई है। BoSEM/CoHSEM के साथ पंजीकरण के अद्यतनीकरण के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

खेल-कूद की व्यवस्था

शिक्षा विभाग के समग्र शिक्षा मणिपुर द्वारा छात्रों को किताबों, अभ्यास पुस्तकें, पेन, पेंसिल, खेल सामग्री, स्कूल ड्रेस इत्यादि का वितरण किया गया। बता दें कि अबतक 27,629 पाठ्य पुस्तकें, 20,735 नोट बुक, 4955 पेंसिल, 3483 शार्पनर और इरेजर और 5171 के पेन छात्रों के बीच वितरित किया जा चुका है। साथ ही छात्रों के खेल कूद के लिए राहत शिविरों में फुटबॉल, कैरम बोर्ड, शतरंज और लूडो जैसे खेल की 1539 सामग्रिया वितरित की गई हैं। जांच के दौरान स्कूल खुलने पर पाया गया है कि राहत शिविरों के विस्थापित छात्रों की स्कूलों में उपस्थिति सबसे अधिक है।

डेटा एंट्री ऑपरेटर बनी IAS, बार-बार फेल होने के बाद भी नहीं मानी हार, छठे बार में क्लियर हुआ UPSC

UPSC परीक्षा पास कर डेटा एंट्री ऑपरेटर राम्या बनी अधिकारी, 5 बार फेल होकर भी नहीं मानी हार : आईएएस अधिकारी राम्या सीएस ने छठे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की। आईएएस राम्या सीएस ने 2021 में यूपीएससी परीक्षा में एआईआर 46 हासिल की।

राम्या सीएस तमिलनाडु के कोयम्बटूर जिले से ताल्लुक रखती हैं। स्टेट लेवल पर उसने दूसरा रैंक हासिल किया था। उसके पास इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग (EEE) में स्नातक की डिग्री है।

उन्होंने कोयंबटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से ग्रेजुएशन किया है। सीखने की इच्छुक राम्या ने इग्नू से एमबीए भी पूरा किया। राम्या ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए 2017 में बेंगलुरु की एक इंस्ट्रूमेंटेशन कंपनी की नौकरी छोड़ने का फैसला किया। राम्या सीएस ने डेटा एंट्री ऑपरेटर के रूप में भी काम किया और अपनी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए पैसे कमाने के लिए डेटा एंट्री ऑपरेटर का काम किया।

अब मैट्रिक में भी होगी वोकेशनल की परीक्षा, ये विषय किए गए शामिल

बिहार बोर्ड अब मैट्रिक में भी वोकेशनल विषय की परीक्षा लेगा. 9वीं में दाखिले के लिए हो रहे रजिस्ट्रेशन में बोर्ड वोकेशनल सब्जेक्ट में पंजीकरण कर रहा है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति अभी तक केवल 11वीं और 12वीं में ही वोकेशनल विषय की परीक्षा लेता है, लेकिन अब इसे 10वीं में शामिल किया गया है. साल 2024-25 में होनी वाली मैट्रिक परीक्षाओं मे इन विषयों के भी एग्जाम होंगे।

बिहार बोर्ड की ओर से अब तक राज्य के कुल 81 स्कूलों में इस पाठ्यक्रम को शुरू किया जा चुका है. मैट्रिक में वोकेशनल पाठ्यक्रम के तहत आटोमोबाइल, ब्यूटी एंड वेलनेस, रिटेल और टूरिज्म को शामिल किया गया है. 3 हजार के करीब वोकेशनल कोर्स के छात्र वर्ष 2024 में मैट्रिक की बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे।

वहीं 9वीं में दाखिले के लिए अभी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही है, इसमें भी वोकेशनल पाठ्यक्रम में पंजीकरण किए जा रहे हैं. इन पाठ्यक्रम में लिखित परीक्षा के अलावा प्रैक्टिकल एग्जाम भी होंगे।

वहीं बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड ने मैट्रिक परीक्षा 2025 के लिए कक्षा 9 के छात्रों के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. छात्र संबंधित स्कूलों के माध्यम से बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2025 के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं. बीएसईबी 10वीं परीक्षा 2025 के लिए आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 14 जुलाई है।

दाखिले के लिए पंजीकरण फॉर्म स्कूल प्रमुखों द्वारा science.biharboardonline.com पर जमा किए जाएंगे. छात्रों को सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट से आवेदन पत्र डाउनलोड करना होगा और आवेदन पत्र में आवश्यक विवरण भरना होगा. आवेदन पत्र भरने के बाद छात्रों को इसे स्कूल प्रमुखों के पास जमा करना होगा।

IBPS में क्लर्क के 4045 पदों पर निकली वैकेंसी, 21 जुलाई तक करें आवेदन

पटना: इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन यानी आईबीपीएस ने देश के विभिन्न राज्यों के लिए क्लर्क के 4045 पदों परवैकेंसीनिकाली है. इसकी प्रीलिम्स परीक्षा अगस्त के आखिरी सप्ताह से सितंबर के प्रथम सप्ताह के बीच होना प्रस्तावित है. वही प्रीलिम्स क्वालिफाइड अभ्यर्थियों के लिए मेंस एग्जाम अक्टूबर में इसी वर्ष होना तय है. बिहार में इस परीक्षा के तहत क्लर्क के 239 पद भरे जाएंगे।

इस परीक्षा के जरिए 11 बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक में क्लर्क के पद भरे जाएंगे. सर्वाधिक वैकेंसी उत्तर प्रदेश में 674 पदों पर है. जिसके बाद महाराष्ट्र है, जहां 527 पद है।

आईबीपीएस क्लर्क रिक्रूटमेंट का आवेदन शुल्क सामान्य वर्ग और ओबीसी उम्मीदवारों के लिए ₹850 है, जबकि एससी एसटी और पीडब्ल्यूडी के लिए आवेदन शुल्क ₹175 है. उम्मीदवारों का चयन प्रीलिम्स परीक्षा, मेंस परीक्षा और इंटरव्यू राउंड के आधार पर किया जाना है. चयनित उम्मीदवारों को ₹19900 से लेकर ₹47920 के बीच प्रतिमाह का वेतनमान दिया जाएगा।

शिक्षा विभाग के कर्मियों की प्रतिनियुक्ति रद्द, के.के पाठक के आदेश से हड़कंप..

पटना: शिक्षा विभाग के अपर सचिव का पद संभालते ही तेज तर्रार आईएएस के.के पाठक रोज नए-नए आदेश निकाल रहें हैं और लापरवाह अधिकारियों एवं कर्मियों के साथ ही शिक्षकों पर सख्ती कर रहें हैं.के.के पाठक के आदेश के बाद पटना में शिक्षा विभाग के कर्मियों और शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति वापस कर दी गई है और तत्काल प्रभाव से उन्हें अपने मूल जगह पर योगदान देने के लिए कहा है।

ऐसी शिकायत है कि कई कर्मचारी और शिक्षक मनमाने जगह पर अपनी प्रतिनियुक्ति करवा रखी थी.इस प्रतिनियुक्ति को खत्म करने के लिए के.के पाठक ने आदेश दिया था जिसके बाद विभाग की तरफ से प्रतिनुयुक्ति को खत्म करने की प्रकिया शुरू कर दी गई है।

वहीं दूसरी ओर स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए के.के पाठक ने सभी जिलाधिकारियों को रोस्टर बनाकर निरीक्षण करने का आदेश जारी किया था.इस आदेश के बाद 1 जुलाई को 32 जिलों के 7051 स्कूलो का निरीक्षण डीएम एवं अन्य सीनियर अधिकारियों द्वारा की गई है और इस निरीक्षण की रिपोर्ट पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के पाठक खुद निगरानी कर रहें हैं।

सोमवार 3 जुलाई से निरीक्षण के कार्य में और गति आयेगी..विभागीय आदेश के मुताबिक दो सप्ताह में राज्य के हर जिले के हरेक इलाके के स्कूलों का निरीक्षण किया जाना है और गैर हाजिर रहने वाले कर्मियों ौर शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बिहार के सभी सरकारी स्कूलों में निरीक्षण के दौरान शिक्षक गायब मिले तो कटेगा वेतन

राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में शनिवार से गहन निरीक्षण शुरू होगा। निरीक्षण के दौरान स्कूलों से गायब मिले शिक्षकों का वेतन कटना तय है। शिक्षा विभाग के निर्देश पर मुख्यालय से लेकर जिला स्तर तक निरीक्षण का दायित्व संबंधित पदाधिकारियों और कर्मियों को सौंप दिया गया है।

निरीक्षण के दिन ही इसकी रिपोर्ट संबंधित प्रखंड के शिक्षा पदाधिकारी (बीईओ) के पास चली जाएगी। बीईओ की यह जिम्मेदारी होगी वह शिक्षकों की अनुपस्थिति, बच्चों की 50 प्रतिशत से कम उपस्थिति आदि गड़बड़ी की रिपोर्ट को अगले ही दिन जिला शिक्षा पदाधिकारी को देंगे। जिला शिक्षा पदाधिकारी तुरंत एक दिन का वेतन काटते हुए आगे की अनुशासनिक कार्रवाई शुरू करेंगे। इसके बाद पूरी रिपोर्ट विभाग को उसी दिन जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा भेजा जाएगा।

निरीक्षण की जानकारी विभाग द्वारा तय फॉरमेट में देनी है। निरीक्षण करने गये अधिकारी स्कूल में उपस्थित शिक्षकों के हस्ताक्षर भी फॉरमेट में लेंगे। साथ ही निरीक्षण पदाधिकारी स्कूल की पंजी में अपना हस्ताक्षर करेंगे। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का निर्देस है कि सप्ताह में दो दिन हर एक स्कूल का निरीक्षण अनिवार्य रूप से होगा। निरीक्षण कार्य को सुनिश्चित कराने को लेकर केके पाठक ने जिलाधिकारियों को भी दिशा-निर्देश जारी किया है।

निरीक्षण में इन बातों का रखना है ध्यान

निरीक्षण में जाने वाले अधिकारी-कर्मी स्कूलों में शिक्षकों-बच्चों की उपस्थिति, मध्याह्न भोजन योजना की सफलता, शौचालय की स्थिति, पेयजल की सुविधा आदि का जायजा लेंगे। जिलों को विभाग का यह भी निर्देश है कि आश्यकता पड़े तो कार्यालय में उपस्थित लिपिक, लेखा लिपिक और डाटा इंट्री ऑपरेटर को भी निरीक्षण करने स्कूलों में भेजें। किसी भी हाल में निरीक्षण प्रभावी रूप से सुनिश्चित कराएं।

बिहार के शिक्षा विभाग में ‘ई-ऑफिस’ लागू होगी, फाइलों को दूसरे जगह पर भेजना आसान होगा

 फाइलों के निष्पादन में अब पदाधिकारियों की बहानेबाजी नहीं चलेगी। बेवजह फाइल को अपने पास कोई रखेगा तो उन्हें इसका जवाब देना पड़ेगा। बिहार शिक्षा विभाग में इसे लेकर पूर्ण रूप से ई-ऑफिस प्रणाली लागू होगी। हर कागजातों की स्कैनिंग और पदाधिकारियों-कर्मियों का प्रशिक्षण शुरू हो गया है। ई-ऑफिस प्रणाली लागू होने से फाइलों का निपटारा जल्द हो सकेगा।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि अगस्त तक ई-ऑफिस प्रणाली लागू करा दें। इसके लिए हर आवश्यक कार्य जल्द-से-जल्द कराएं। फाइलों के हर पन्ने की स्कैनिंग हो रही है। हर एक पत्र की स्कैनिंग होने के बाद उसका डिजिटाइजेशन किया जाएगा। इसके बाद पदाधिकारी ई-मेल के जरिये ही दूसरे के पास फाइल भेज सकेंगे।

कागज की जरूरत कम-से-कम रह जाएगी। कौन सी फाइल किस पदाधिकारी के पास कब गई और कितनी देर में उन्होंने इसका निष्पादन किया, इसकी जानकारी एक क्लिक पर ही मिल जाएगी। इस काम में दिक्कत नहीं हो, इसको लेकर उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विपार्ड में भेजकर भी कुछ पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

गौरतलब है कि कोई फाइल किस अधिकारी के पास कितने समय तक रहेगी, इसे लेकर नियम बना हुआ है। लेकिन, कई बार कर्मी इसको नजरअंदाज कर देते हैं।