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राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में शनिवार से गहन निरीक्षण शुरू होगा। निरीक्षण के दौरान स्कूलों से गायब मिले शिक्षकों का वेतन कटना तय है। शिक्षा विभाग के निर्देश पर मुख्यालय से लेकर जिला स्तर तक निरीक्षण का दायित्व संबंधित पदाधिकारियों और कर्मियों को सौंप दिया गया है।

निरीक्षण के दिन ही इसकी रिपोर्ट संबंधित प्रखंड के शिक्षा पदाधिकारी (बीईओ) के पास चली जाएगी। बीईओ की यह जिम्मेदारी होगी वह शिक्षकों की अनुपस्थिति, बच्चों की 50 प्रतिशत से कम उपस्थिति आदि गड़बड़ी की रिपोर्ट को अगले ही दिन जिला शिक्षा पदाधिकारी को देंगे। जिला शिक्षा पदाधिकारी तुरंत एक दिन का वेतन काटते हुए आगे की अनुशासनिक कार्रवाई शुरू करेंगे। इसके बाद पूरी रिपोर्ट विभाग को उसी दिन जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा भेजा जाएगा।

निरीक्षण की जानकारी विभाग द्वारा तय फॉरमेट में देनी है। निरीक्षण करने गये अधिकारी स्कूल में उपस्थित शिक्षकों के हस्ताक्षर भी फॉरमेट में लेंगे। साथ ही निरीक्षण पदाधिकारी स्कूल की पंजी में अपना हस्ताक्षर करेंगे। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का निर्देस है कि सप्ताह में दो दिन हर एक स्कूल का निरीक्षण अनिवार्य रूप से होगा। निरीक्षण कार्य को सुनिश्चित कराने को लेकर केके पाठक ने जिलाधिकारियों को भी दिशा-निर्देश जारी किया है।

निरीक्षण में इन बातों का रखना है ध्यान

निरीक्षण में जाने वाले अधिकारी-कर्मी स्कूलों में शिक्षकों-बच्चों की उपस्थिति, मध्याह्न भोजन योजना की सफलता, शौचालय की स्थिति, पेयजल की सुविधा आदि का जायजा लेंगे। जिलों को विभाग का यह भी निर्देश है कि आश्यकता पड़े तो कार्यालय में उपस्थित लिपिक, लेखा लिपिक और डाटा इंट्री ऑपरेटर को भी निरीक्षण करने स्कूलों में भेजें। किसी भी हाल में निरीक्षण प्रभावी रूप से सुनिश्चित कराएं।


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