फाइलों के निष्पादन में अब पदाधिकारियों की बहानेबाजी नहीं चलेगी। बेवजह फाइल को अपने पास कोई रखेगा तो उन्हें इसका जवाब देना पड़ेगा। बिहार शिक्षा विभाग में इसे लेकर पूर्ण रूप से ई-ऑफिस प्रणाली लागू होगी। हर कागजातों की स्कैनिंग और पदाधिकारियों-कर्मियों का प्रशिक्षण शुरू हो गया है। ई-ऑफिस प्रणाली लागू होने से फाइलों का निपटारा जल्द हो सकेगा।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि अगस्त तक ई-ऑफिस प्रणाली लागू करा दें। इसके लिए हर आवश्यक कार्य जल्द-से-जल्द कराएं। फाइलों के हर पन्ने की स्कैनिंग हो रही है। हर एक पत्र की स्कैनिंग होने के बाद उसका डिजिटाइजेशन किया जाएगा। इसके बाद पदाधिकारी ई-मेल के जरिये ही दूसरे के पास फाइल भेज सकेंगे।
कागज की जरूरत कम-से-कम रह जाएगी। कौन सी फाइल किस पदाधिकारी के पास कब गई और कितनी देर में उन्होंने इसका निष्पादन किया, इसकी जानकारी एक क्लिक पर ही मिल जाएगी। इस काम में दिक्कत नहीं हो, इसको लेकर उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विपार्ड में भेजकर भी कुछ पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
गौरतलब है कि कोई फाइल किस अधिकारी के पास कितने समय तक रहेगी, इसे लेकर नियम बना हुआ है। लेकिन, कई बार कर्मी इसको नजरअंदाज कर देते हैं।
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