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सुशील मोदी बिहार बीजेपी के संकट मोचक, पटना में लगे पोस्टर; जन्मदिन की बधाई या कोई संदेश?

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी का 5 जनवरी शुक्रवार को जन्मदिन है। इससे पहले गुरुवार को ही पटना में बधाई के बड़े बड़े पोस्टर लगा दिए गए हैं। खास बात यह है कि पोस्टर में सुशील मोदी को बिहार बीजेपी का संकट मोचक बताया गया है। उनके चाहने वालों द्वारा लगाए गए इस खास पोस्टर की बिहार के सियासी गलियारे में चर्चा तेज हो गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि 2024 और 2025 के चुनावों के पहले इस पोस्टरबाजी के क्या मायने हैं। इससे पहले 30 दिसंबर 2023 को छह दिन पहले भी नीतीश कुमार के पैरलल पोस्टर लगाकर सुशील मोदी को जन्मदिन की बधाई दी गई थी। नीतीश कुमार को उस दिन जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के लिए शुभकामनाएं दी गई थीं।

सुशील कुमार मोदी की बड़ी बड़ी तस्वीरों वाले पोस्टर पटना शहर के कई चौक-चौराहों पर लगाए गए हैं जिनमें उनकी बधाई के साथ उनकी तारीफ के पुल बांधे गए हैं। इनमें से एक पोस्टर ऐसा है जो सबका ध्यान अपनी ओर बरबस खींच ले रहा है। इस पोस्टर में सुशील कुमार मोदी को बिहार भाजपा का संकटमोचक के रूप में दिखाया गया है। पोस्टर में सुशील मोदी की बड़ी सी फोटो है और उनके साथ हनुमान जी की तस्वीर भी लगाई गयी है। सुशील मोदी फैंस एसोसिएशन बिहार की ओर से यह खास पोस्टर लगाया गया है।

बताते चलें कि सुशील कुमार मोदी का जन्म पांच जनवरी 1952 को हुआ था। जन्मदिन से एक दिन पहले ही उन्हें खास तरीके से बधाई दी जाने लगी है। इससे बिहार का सियासी पारा बढ़ गया है। पोस्टर के जरिए संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि जिस तरह भगवान राम संकट में होते हैं तो बजरंगबली आते हैं उसी तरह से जब बिहार बीजेपी संकट में होती है तो सुशील कुमार मोदी सामने आते हैं।

कांग्रेस ने भारत न्याय यात्रा का बदला नाम, जानें नया नाम और रूटमैप

इस यात्रा का नाम अब भारत जोड़ो न्याय यात्रा कहा जाएगा। दिल्ली में आयोजित बैठक में महासचिवों प्रभारियों ,प्रदेश अध्यक्षों और विधानसभआ में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाने वाले नेताओं की मौजूदगी में ये फैसला लिया गया है।

कांग्रेस ने राहुल गांधी की अगुआई में निकलने जा रही भारत न्याय यात्रा का नाम बदल दिया है. इसका नया नाम भारत जोड़ो न्याय यात्रा होगा. गुरुवार को कांग्रेस नेताओं की हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने इसकी जानकारी दी.  जयराम रमेश ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा लोगों के जुबां पर चढ़ गई है. इसका अच्छा खासा रिस्पॉन्स भी दिखा था. ऐसे में पार्टी ने नई यात्रा के नाम में भारत जोड़ो नाम जोड़ा है. इस यात्रा का नाम अब भारत जोड़ो न्याय यात्रा कहा जाएगा. दिल्ली में आयोजित बैठक में महासचिवों प्रभारियों ,प्रदेश अध्यक्षों और विधानसभआ में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाने वाले नेताओं की मौजूदगी में ये फैसला लिया गया है।

6700 किलोमीटर लंबा होगा रूट

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा का रूटचार्ट भी पेश किया. उन्होंने कहा कि इस यात्रा की शुरुआत राहुल गांधी 14 जनवरी की दोपहर 12 बजे मणिपुर की राजधानी इंफाल से करेंगे. 66 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा में राहुल गांधी दो बार स्पीच भी देंगे. अरुणाचल प्रदेश समेत 15 राज्यों से यह यात्रा निकलेगी. इसका रूट 6700 किलोमीटर लंबा होगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले तेजस्वी यादव, नए साल में पहली मुलाकात से लगने लगे कयास

नए साल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के बीच ये पहली मुलाकात है. वैसे सीएम का डिप्टी सीएम से मिलना कोई नई बात नहीं है लेकिन सियासी घटनाक्रमों पर नजर डालें तो इसकी चर्चा खूब हो रही है. राजनीतिक गलियारे में ये मुलाकात खासी अहमियत रखती है।

नीतीश और तेजस्वी की मुलाकात

महागठबंधन में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है. वहीं दूसरे नंबर पर नीतीश कुमार की जेडीयू है. कल ही इंडिया गठबंधन की वर्चुअल मीटिंग की चर्चा होने की सुगबुगाहट थी, ये और बात है कि इस मीटिंग में क्या हुआ? इसको लेकर कोई भी पक्ष खुलकर नहीं बोला, लेकिन इस कथित मीटिंग के अगले ही दिन यानी गुरुवार 4 जनवरी को आरजेडी और जेडीयू के दोनों बड़े लीडर एक साथ मुलाकात कर रहे हैं।

सीट शेयरिंग पर चर्चा की खबरें

चर्चा है कि सीट शेयरिंग को लेकर दोनों दलों में बात होने वाली है. यही नहीं नीतीश को इंडिया गठबंधन का संयोजक बनाने पर भी चर्चा की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है. चर्चा इस बात की भी है कि अक्सर नए साल पर खुद ही लालू से मिलने पहुंचने वाले नीतीश ने इतनी दूरी कैसे बना ली? कहीं इन दूरी को तेजस्वी पाटने की आखिरी कोशिश करने तो नहीं पहुंचे हैं?

इन सभी मामले में कयासों का बाजार गर्म है. देखना ये है कि आखिर दोनों नेताओं में किस मुद्दे को लेकर बात होती है? जब तक पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक बयान न आ जाए ऐसे ही कयासों का बाजार गर्म ही रहेगा. फिलहाल संयोजक को लेकर मामला गरमाता जा रहा है. संभव है कि इस मुलाकात की गर्माहट से दोनों दलों के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघले और कुछ समाधान निकले।

लक्षद्वीप पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समुद्र में लगाई डुबकी, सामने आई तस्वीरें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप की अपनी यात्रा के अनुभव को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किया। प्रधानमंत्री ने वहां 1,156 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया था। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि हाल ही में मुझे लक्षद्वीप के लोगों के बीच रहने का अवसर मिला। मैं अभी भी इसके द्वीपों की अद्भुत सुंदरता और यहां के लोगों की अविश्वसनीय गर्मजोशी से आश्चर्यचकित हूं। मुझे अगत्ती, बंगाराम और कावारत्ती में लोगों से बातचीत करने का अवसर मिला।

मोदी ने आगे कहा कि मैं द्वीप के लोगों को उनके आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं। यहां कुछ झलकियां दी गई हैं, जिनमें लक्षद्वीप की हवाई झलकियां भी शामिल हैं। उन्होंने तस्वीरों का साक्षा करते हुए लिखा कि प्राकृतिक सुंदरता के अलावा, लक्षद्वीप की शांति भी मंत्रमुग्ध कर देने वाली है। इसने मुझे इस बात पर विचार करने का अवसर दिया कि 140 करोड़ भारतीयों के कल्याण के लिए और भी अधिक मेहनत कैसे की जाए। उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप में हमारा ध्यान उन्नत विकास के माध्यम से जीवन का उत्थान करना है।

प्रधानमंत्री ने यह भी लिखा कि भविष्य के बुनियादी ढांचे के निर्माण के अलावा, यह बेहतर स्वास्थ्य देखभाल, तेज़ इंटरनेट और पीने के पानी के अवसर पैदा करने के साथ-साथ जीवंत स्थानीय संस्कृति का जश्न मनाने के बारे में भी है। जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया, वे इसी भावना को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ उत्कृष्ट बातचीत हुई। यह प्रत्यक्ष रूप से देखना प्रेरणादायक है कि कैसे ये पहल बेहतर स्वास्थ्य, आत्मनिर्भरता, महिला सशक्तिकरण, बेहतर कृषि पद्धतियों और बहुत कुछ को बढ़ावा दे रही हैं। मैंने जो जीवन यात्राएँ सुनीं, वे वास्तव में मार्मिक थीं।

उन्होंने लिखा कि जो लोग अपने अंदर के रोमांच को अपनाना चाहते हैं, उनके लिए लक्षद्वीप आपकी सूची में होना चाहिए। अपने प्रवास के दौरान, मैंने स्नॉर्कलिंग का भी प्रयास किया – यह कितना आनंददायक अनुभव था! और प्राचीन समुद्र तटों के साथ सुबह की सैर भी शुद्ध आनंद के क्षण थे। उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप सिर्फ द्वीपों का एक समूह नहीं है; यह परंपराओं की एक कालातीत विरासत है और इसके लोगों की भावना का एक प्रमाण है। मेरी यात्रा सीखने और बढ़ने की एक समृद्ध यात्रा रही है।

TMC पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का हमला, कहा- PM मोदी की सेवा में लगी हैं ममता

‘इंडिया गठबंधन’ में सीट शेयरिंग को लेकर जारी कवायद के बीच एक बार फिर पार्टियों के बीच मनमुटाव की खबरें आने लगी हैं. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और ममता बनर्जी की टीएमसी आमने-सामने आ गई है. पश्चिम बंगाल में कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने ममता बनर्जी पर हमला बोला है और कहा है कि वह अभी पीएम मोदी की सेवा में लगी हुई हैं. अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करना चाहती हैं और कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में अपने दम पर भी चुनाव लड़ सकती हैं.

मीडिया से बातचीत में अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘उनसे कौन भीख मांगने गया पता नहीं.. ममता बनर्जी खुद कह रही हैं कि हम गठबंधन कर चुनाव लड़ेंगे. हमें उनकी दया की जरूरत नहीं है. हम अपने दम पर कुछ भी कर सकते हैं. ममता बनर्जी खुद नहीं चाहती कि गठबंधन हो क्योंकि अगर गठबंधन नहीं होता है तो सबसे ज्यादा खुशी पीएम मोदी को होगी और ममता बनर्जी आज पीएम मोदी की सेवा में लगी हुई हैं.’

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह टिप्पणी तब की, जब उनसे तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को दो सीटों की पेशकश के बारे में पूछा गया. सूत्रों का दावा है कि ममता बनर्जी की टीएमसी चाहती है कि सीट शेयरिंग पर फाइनल कॉल का हक उनकी पार्टी को मिले. बता दें कि इससे पहले कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को दावा किया था कि राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ एवं युवा नेताओं के बीच जारी ‘‘मनमुटाव’’ की पटकथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लिखी है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आगामी दिनों में भाजपा तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी को पश्चिम बंगाल के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर पेश कर सकती है.

सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के 27वें स्थापना दिवस समारोह के बीच पार्टी के आंतरिक मतभेद सामने आए. इसके वरिष्ठ नेताओं ने अभिषेक बनर्जी पर कटाक्ष किया जिस पर अगली पीढ़ी के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. अधीर रंजन चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘जो भी नाटक चल रहा है उसकी पटकथा भाजपा ने लिखी है… अगर किसी दिन भाजपा अभिषेक को अगले मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने लगे तो आश्चर्यचकित न हों… यही कारण है कि ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) उनके खिलाफ चुप हो गई हैं.’

नीतीश को INDIA गठबंधन का संयोजक बनाए जाने को लेकर तेजस्वी यादव का बड़ा बयान, सीट बंटवारे को लेकर ये कहा

नीतीश कुमार को विपक्षी गठबंधन इंडिया का संयोजक बनाए जाने को लेकर तेजस्वी यादव का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अनुभवी नेता और अगर उन्हें उन्हें विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन का संयोजक बनाने का प्रस्ताव आता है तो यह ‘बहुत अच्छा’ होगा। ये बातें उन्होंने गया एयरपोर्ट पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कही। तेजस्वी ने यह भी विश्वास जताया कि ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे का मुद्दा आसानी से सुलझा लिया जाएगा।

बीजेपी विरोधी दलों को साथ लाने का प्रयास किया

बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के सबसे बड़े घटक दल राजद के युवा नेता तेजस्वी ने जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार को ‘इंडिया’ गठबंधन का संयोजक बनाये जाने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘नीतीश कुमार इतने वरिष्ठ नेता हैं। अगर ऐसा कोई प्रस्ताव आता है तो यह बिहार के लिए बहुत अच्छा होगा।’’ तेजस्वी ने याद दिलाया कि अगस्त, 2022 तक बिहार में विपक्ष में रहे महागठबंधन ने भाजपा को हराने के उद्देश्य से जदयू के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘हम बिहार में एक साथ आए जिसके बाद देश भर में भाजपा विरोधी दलों को एक साथ लाने का प्रयास किया गया । उसकी परिणति इंडिया गठबंधन के गठन के रूप में हुई। इसलिए, सीट बंटवारे को लेकर चिंता करने का कोई कारण नहीं है। इसे सही समय पर सुलझा लिया जाएगा।’’ उम्मीद है कि तेजस्वी बृहस्पतिवार को बोधगया में तिब्बती आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा से मुलाकात करेंगे । दलाई लामा पिछले कुछ हफ्तों से बोधगया में डेरा डाले हुए हैं।

सभी दल सहमत होते हैं तो कांग्रेस भी समर्थन करेगी-अखिलेश सिंह

एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार सरकार द्वारा कराए गए जाति सर्वेक्षण के निष्कर्ष अब सार्वजनिक हो गए हैं और रिपोर्ट विधानसभा के आखिरी सत्र में पेश कर दी गई है। इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी नीतीश कुमार के कद को स्वीकार करती है और अगर ‘इंडिया’ गठबंधन के अन्य घटक दल उन्हें संयोजक बनाने पर सहमत होते हैं तो वह उनका समर्थन करने से पीछे नहीं हटेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘नीतीश कुमार की क्षमता, कद, व्यक्तित्व और राजनीतिक कौशल के बारे में किसी को कोई संदेह नहीं है। इसके अलावा देश भर में भाजपा विरोधी दलों को एक साथ लाने में उन्होंने जो महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है , उसके बारे में कोई दो राय नहीं हो सकती।’’ राज्यसभा सदस्य सिंह ने नीतीश के बारे में कहा, ‘‘उन्हें संयोजक बनाने के निर्णय के लिए आम सहमति की आवश्यकता होगी। यदि इंडिया गठबंधन के अन्य घटक अपनी सहमति देते हैं, तो निश्चिंत रहें कि कांग्रेस ऐसे प्रस्ताव का समर्थन करने में संकोच नहीं करेगी।’’

भाजपा को हराना हमारी प्राथमिकता-अखिलेश सिंह

एक पखवाड़े पहले हुई ‘इंडिया’ गठबंधन की पिछली बैठक में आम आदमी पार्टी(आप) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम प्रस्तावित किए जाने के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ‘‘हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने खुद यह स्पष्ट कर दिया है कि सत्ता कौन संभालेगा–यह समय इन सब बातों के सोचने का नहीं है। हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि भाजपा को कैसे हराया जाए।’’ सिंह ने कहा, ‘‘केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार महंगाई और बेरोजगारी के लिए जिम्मेदार है तथा उसके खिलाफ जनता में काफी नाराजगी है।’’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि मीडिया का मुंह बंद करके और ईडी, सीबीआई और आईटी के दुरुपयोग के जरिए विपक्षी नेताओं को परेशान करके मोदी सरकार अपनी आलोचना को दबाने की कोशिश कर रही है। मीडिया के एक वर्ग में आई उन खबरों के बारे में पूछे जाने पर कि कांग्रेस, बिहार के सत्तारूढ़ महागठबंधन में एक कनिष्ठ घटक है, ने राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से नौ की मांग की है, उन्होंने जवाब दिया, ‘‘हमारी पार्टी में सीट बंटवारे पर निर्णय शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिया जाता है। निर्णय आने के बाद उचित स्तर से घोषणाएं की जाएंगी।’’ इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता निखिल आनंद ने एक बयान में कहा, ‘‘राजद पुराने सहयोगी दल कांग्रेस की मदद से नीतीश कुमार को संयोजक बनाकर उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के लिए मजबूर करने और तेजस्वी के लिए रास्ता साफ करने की साजिश रच रहा है।’’

केजरीवाल पर गिरफ्तारी की तलवार, AAP मंत्री बोली- यह पहला ऐसा घोटाला जिसमें एक रुपया भी बरामद नहीं हुआ

दिल्ली शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ED के तीन बार नोटिस देकर बुलाने पर भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए हैं। आप नेताओं का कहना है कि अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया जा सकता है। वहीं, अरविंद केजरीवाल ने ईडी के समन को फिर से गैर-कानूनी बताया है। उन्होंने कहा कि ईमानदारी मेरी सबसे बड़ी ताकत है। केजरीवाल को ईडी के समन को लेकर ‘आप’ नेता और दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को ईडी तथाकथित शराब घोटाले के लिए कई समन भेज चुकी है। इसके बारे में हम कई साल से सुन रहे हैं।

ये सिर्फ एक राजनीतिक साजिश है: आतिशी

आतिशी ने आगे कहा, “ये पहला ऐसा घोटाला होगा, जिसमें एजेंसियों को कुछ नहीं मिला, एक रुपया भी बरामद नहीं हुआ। दो साल के बाद ये एजेंसियां अब तक ट्रायल शुरू नहीं कर पाई हैं। बीजेपी नहीं चाहती कि केजरीवाल जी लोकसभा चुनाव में प्रचार करें। समन क्यों किया जा रहा है, ये बताया नहीं जा रहा। ये सिर्फ एक राजनीतिक साजिश है। PMLA का इस्तेमाल राजनीतिक षड्यंत्र के तौर पर हो रहा है। जो नेता बीजेपी ज्वॉइन कर लेते हैं उनके सारे केस खत्म हो जाते हैं। आम आदमी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता बीजेपी की धमकियों से डरते नहीं है।”

आप नेता शराब घोटाला को बता रहे फर्जी   

आप नेताओं का कहना है कि दिल्ली का कथित शराब घोटाला फर्जी है। अगर ईडी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ‘‘वैध’’ समन भेजेगा तो वह उसके साथ सहयोग करेंगे। आप नेता जैस्मिन शाह ने कहा कि कथित शराब घोटाले की जांच पिछले दो साल से जारी है, लेकिन अब तक ईडी ने सबूत के तौर पर कुछ बरामद नहीं किया है। शाह ने कहा, ‘‘तथाकथित शराब घोटाले की जांच फर्जी है। इस मामले में जांच पिछले दो वर्षों से जारी है और ईडी ने 500 से अधिक गवाहों से पूछताछ की है और 1,000 से अधिक छापे मारे हैं, लेकिन अब तक सबूत के तौर पर एक रुपया भी बरामद नहीं हुआ है।’’ उन्होंने कहा कि यह विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाने और चुनाव प्रचार करने से रोकने के लिए लोकसभा चुनाव से पहले केजरीवाल को गिरफ्तार करने की साजिश है। उन्होंने कहा, ‘‘आप और अरविंद केजरीवाल समन वैध होने की शर्त पर किसी भी जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं।’’

LG ने एक और मामले में दिए जांच के आदेश

वहीं, केजरीवाल सरकार के खिलाफ उपराज्यपाल ने एक और मामले में जांच के आदेश दिए हैं। LG लगातार एक के बाद एक मामले में दिल्ली सरकार के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश कर रहे हैं। एलजी ने अब आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक में फर्जी टेस्ट कराने के मामले को सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की है। इससे पहले नकली दवा और वन विभाग मामले में भी सीबीआई जांच की भी सिफारिश कर चुके हैं। एलजी ने अपने सिफारिश में लिखा है कि मोहल्ला क्लिनिक में फर्जी लैब टेस्ट हो रहे हैं। इसके लिए गलत या जो मोबाइल नंबर मौजूद नहीं है उन्हें दर्ज कराकर मरीजों की एंट्री दिखाई जा रही है।

कांग्रेस ने अपनी यात्रा का नाम बदला, 15 राज्यों से होकर गुजरेगी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’, 6700 किमी की दूरी तय करेगी

कांग्रेस पार्टी ने अपनी यात्रा का नाम बदल दिया है। इस यात्रा नाम अब ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ होगा। यह यात्रा अब 14 राज्यों की जगह 15 राज्यों से होकर गुजरेगी। मणिपुर की राजधानी इम्फाल से 14 जनवरी को 12.30 बजे यह यात्रा शुरू होगी। कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा 6200 किमी की बजाय अब 6700 किमी की दूरी तय करेगी। यह जानकारी कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी है।

इंडिया गठबंधन के दलों को भी निमंत्रण

उन्होंने बताया कि यह एक हाइब्रिड यात्रा होगी जिसमें लोग पैदल भी चलेंगे और बस का भी इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के लिए हम इंडिया गठबंधन के सभी दलों के साथ ही सिविल सोसाइटी और राज्यों के छोटे दलों को हम निमंत्रण देते हैं।

उन्होंने बताया कि मणिपुर में यह यात्रा 107 किमी की दूरी तय करेगी। यहां यह यात्रा 4 जिलों के 2 लोकसभा और 11 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेगी। जयराम रमेश ने कहा, ‘मणिपुर के बाद नागालैंड, फिर असम, फिर अरुणाचल प्रदेश और फिर वापस असम आयेंगे और वहां से मेघालय, फिर बंगाल फिर बिहार, फिर झारखंड, ओडिसा, फिर UP, गुजरात और महाराष्ट्र में जायेंगे।’

नवाज शरीफ से अलग बिलावल को पीपीपी ने बनाया PM उम्मीदवार, इमरान खान के राजनीतिक ‘दुश्मनों’ में तकरार

पाकिस्तान में 8 फरवरी को चुनाव घोषित कर दिए गए हैं। आम चुनाव से पहले राजनीतिक उठापटक शुरू हो गई है। इमरान खान के खिलाफ एक गठबंधन बनाकर शहबाज शरीफ की सरकार बनी थी। इस सरकार में बिलावल भुट्टो पीपीपी यानी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की ओर से विदेश मंत्री बने थे। वहीं पीएमएल-एन की ओर से शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बने थे। अब चुनाव सिर पर आते ही, गठबंधन की एकता में दरार आती दिख रही है। जो पार्टियां इमरान खान के खिलाफ एकजुट होकर गठबंधन बना चुकी थी, अब वे पार्टियां अपने अपने पीएम कैंडिडेट खड़े कर रही है। पीएमएल—एन की ओर से जहां नवाज शरीफ पीएम कैंडिडेट हैं, वहीं पीपीपी ने बेनजीर भुट्टो के बेटे और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को पीएम कैंडिडेट के बतौर प्रत्याशी बनाया है।

पीपीपी की केंद्रीय कार्यकारी समिति (सीईसी) ने आम चुनाव के लिए पार्टी के अभियान पर विस्तार से चर्चा की। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक के दौरान पार्टी के घोषणापत्र पर भी चर्चाएं की गई। इसमें महिला सशक्तिकरण, युवा, स्वास्थ्य और शिक्षा, रोजगार को प्राथमिकता देने का फैसला लिया गया है।

पार्टी की बैठक में बिलावल को बनाया पीएम कैंडिडेट

पीपीपी के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से बैठक की तस्वीरों को साथ करते हुए एक पोस्ट जारी किया गया। इस तस्वीरों में सीईसी के सदस्यों ने पार्टी अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी, अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व पर अपना विश्वास जताया हैं। गौरतलब है कि बिलावल भुट्टो जरदारी लाहौर (एनए-127) निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां उनका मुकाबला पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नेता शाइस्ता परवेज मलिक और पीटीआई समर्थित उम्मीदवार से होगा।

इमरान खान को लगा एक और झटका

उधर, जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सबसे बड़ा झटका लगा है। वह 8 फरवरी को पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। हालांकि जेल में रहते हुए ही इमरान खान ने दो सीटों से नामांकन दायर किया था। मगर निर्वाचन अधिकारी ने उनके दोनों नामांकन को खारिज कर दिया है। इससे इमरान खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। साथ ही दोबारा पाकिस्तान का पीएम बनने का उनका सपना भी चकनाचूर होता नजर आ रहा है। हालांकि इमरान खान ने निर्वाचन अधिकारी के इस फैसले को लाहौर हाईकोर्ट में चुनौती दे दी है।

इमरान खान ने नामांकन निरस्त होने को बताया गलत

इमरान ने आठ फरवरी को होने वाले चुनाव से पहले पंजाब में नेशनल असेंबली की दो सीटों के लिए अपने नामांकन पत्रों को अस्वीकृत किए जाने को गलत बताया है। उन्होंने बुधवार को लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधिकरण में निर्वाचन अधिकारी के इस फैसले को चुनौती दी है। लाहौर के निर्वाचन अधिकारी (आरओ) ने शनिवार को पंजाब के लाहौर और मियांवाली जिलों में नेशनल असेंबली (संसद) की दो सीटों के लिए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सुप्रीमो के नामांकन पत्रों को नैतिक आधार और तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराए जाने के आधार पर खारिज कर दिया था।