पाकिस्तान में 8 फरवरी को चुनाव घोषित कर दिए गए हैं। आम चुनाव से पहले राजनीतिक उठापटक शुरू हो गई है। इमरान खान के खिलाफ एक गठबंधन बनाकर शहबाज शरीफ की सरकार बनी थी। इस सरकार में बिलावल भुट्टो पीपीपी यानी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की ओर से विदेश मंत्री बने थे। वहीं पीएमएल-एन की ओर से शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बने थे। अब चुनाव सिर पर आते ही, गठबंधन की एकता में दरार आती दिख रही है। जो पार्टियां इमरान खान के खिलाफ एकजुट होकर गठबंधन बना चुकी थी, अब वे पार्टियां अपने अपने पीएम कैंडिडेट खड़े कर रही है। पीएमएल—एन की ओर से जहां नवाज शरीफ पीएम कैंडिडेट हैं, वहीं पीपीपी ने बेनजीर भुट्टो के बेटे और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को पीएम कैंडिडेट के बतौर प्रत्याशी बनाया है।

पीपीपी की केंद्रीय कार्यकारी समिति (सीईसी) ने आम चुनाव के लिए पार्टी के अभियान पर विस्तार से चर्चा की। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक के दौरान पार्टी के घोषणापत्र पर भी चर्चाएं की गई। इसमें महिला सशक्तिकरण, युवा, स्वास्थ्य और शिक्षा, रोजगार को प्राथमिकता देने का फैसला लिया गया है।

पार्टी की बैठक में बिलावल को बनाया पीएम कैंडिडेट

पीपीपी के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से बैठक की तस्वीरों को साथ करते हुए एक पोस्ट जारी किया गया। इस तस्वीरों में सीईसी के सदस्यों ने पार्टी अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी, अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व पर अपना विश्वास जताया हैं। गौरतलब है कि बिलावल भुट्टो जरदारी लाहौर (एनए-127) निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां उनका मुकाबला पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नेता शाइस्ता परवेज मलिक और पीटीआई समर्थित उम्मीदवार से होगा।

इमरान खान को लगा एक और झटका

उधर, जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सबसे बड़ा झटका लगा है। वह 8 फरवरी को पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। हालांकि जेल में रहते हुए ही इमरान खान ने दो सीटों से नामांकन दायर किया था। मगर निर्वाचन अधिकारी ने उनके दोनों नामांकन को खारिज कर दिया है। इससे इमरान खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। साथ ही दोबारा पाकिस्तान का पीएम बनने का उनका सपना भी चकनाचूर होता नजर आ रहा है। हालांकि इमरान खान ने निर्वाचन अधिकारी के इस फैसले को लाहौर हाईकोर्ट में चुनौती दे दी है।

इमरान खान ने नामांकन निरस्त होने को बताया गलत

इमरान ने आठ फरवरी को होने वाले चुनाव से पहले पंजाब में नेशनल असेंबली की दो सीटों के लिए अपने नामांकन पत्रों को अस्वीकृत किए जाने को गलत बताया है। उन्होंने बुधवार को लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधिकरण में निर्वाचन अधिकारी के इस फैसले को चुनौती दी है। लाहौर के निर्वाचन अधिकारी (आरओ) ने शनिवार को पंजाब के लाहौर और मियांवाली जिलों में नेशनल असेंबली (संसद) की दो सीटों के लिए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सुप्रीमो के नामांकन पत्रों को नैतिक आधार और तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराए जाने के आधार पर खारिज कर दिया था।