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नीतीश कुमार बने जदयू के अध्यक्ष, ललन सिंह ने पार्टी बैठक में दिया इस्तीफा

जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष ललन सिंह ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है और नीतीश कुमार ने पार्टी अध्यक्ष पद की कमान संभाल ली है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ललन सिंह ने पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ दिया। जानकारी के मुताबिक उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर अपनी व्यस्तता को इस्तीफे की वजह बताया है।

ललन सिंह का अध्यक्ष के तौर पर दो साल का कार्यकाल भी पूरा हो गया है। अब राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगेगी।

जैसा कि काफी पहले से ही इस बात की चर्चा थी कि ललन सिंह राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस्तीफा  देंगे और नीतीश कुमार पार्टी की कमान संभाल लेंगे। आज ठीक वैसा ही हुआ।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के पहले से ही वहां हो रही नारेबाजी और पोस्टर्स इस बात का अहसास दिला रहे थे कि आज राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बड़ा फैसला होनेवाला है और नीतीश कुमार फिर से अध्यक्ष का पद संभलने जा रहे हैं।

मैं JDU छोड़कर दूसरी जगह चला जाऊंगा’, टिकट के मुद्दे पर नीतीश के करीबी नेता का बगावती तेवर

सीतामढ़ी : वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव होना वाला है। इससे पूर्व ही सीतामढ़ी जिले की राजनीतिक फिजां में गरमाहट आ गई है। पहले पूर्व सांसद अर्जुन राय के बयान से महागठबंधन की राजनीति में कड़वाहट उजागर हो गई थी। बाद में जदयू नेता राणा रंधीर सिंह चौहान के पटना आवास पर लोकसभा प्रत्याशी को लेकर निर्णय से उक्त गठबंधन में एक तरह से दरार ही पैदा हो गया। अब विधान परिषद के सभापति सह जदयू के कद्दावर नेताओं में शुमार देवेश चंद्र ठाकुर के बयान से जिले में जदयू और राजद की राजनीति में दरार स्पष्ट दिखाई देने लगी है। ये कहने में दो मत नहीं है कि सीतामढ़ी में महागठबंधन के नेता दो खेमों में बंटते नजर आ रहे है।

विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर के ताजा बयान से जेडीयू में हलचल पैदा हो जाएगी। उन्होंने ऐसी बात कही है, जिसे नीतीश कुमार भी शायद ही पसंद करें। उन्होंने कहा है कि सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र के चुनाव में उनके सिवा महागठबंधन का कोई प्रत्याशी नहीं जीत सकता है। उन्होंने खुद को टिकट नहीं मिलने पर कहा कि यदि दो नेताओं को टिकट मिलता है, तो वे विरोध करेंगे। भले ये निर्णय पार्टी के बड़े नेताओं का क्यों न हो। वे चुनाव में उनका विरोध करेंगे। ठाकुर के इस बयान से निश्चित तौर पर जिला ही नही, बल्कि महागठबंधन के राज्य नेतृत्व में भी हलचल पैदा हो गई होगी।

दरअसल, जब से महागठबंधन की ओर से सीतामढ़ी लोकसभा का संभावित उम्मीदवार के रूप में ठाकुर ने अपने नाम की घोषणा की है। उनके खिलाफ पार्टी नेताओं की ओर से विरोध के स्वर आने शुरू हो गए हैं। उनका विरोध खुलकर जिले का कोई नेता नहीं कर रहा था। हालांकि, परदे के पीछे से जरूर विरोध किया जा रहा था। ये विरोध खुलकर सामने आया था, तब जब राजद नेता सह पूर्व सांसद अर्जुन राय ने प्रेस कांफ्रेंस कर विधान परिषद सभापति ठाकुर का नाम लिए बगैर उनकी उम्मीदवारी पर टिप्पणी की थी।

बिहार की सियासत में बड़ा बदलाव, JDU अध्यक्ष पद से ललन सिंह ने दिया इस्तीफा

इस वक्त की बड़ी खबर बिहार की सियासत से निकलकर सामने आ रही है। ललन सिंह ने जेडीयू अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंप दिया है।

देश की सियासत में पिछले कुछ दिनों से ललन सिंह के इस्तीफे को लेकर चर्चा तेज थी। कई दिनों से चल रहा सस्पेंश आखिरकार समाप्त हो गया और दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ललन सिंह ने जेडीयू अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया। ललन सिंह के ऊपर लालू के साथ मिलकर जेडीयू को तोड़ने के आरोप लग रहे थे।

हो गया तय! नीतीश बनेंगे जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ललन रख सकते हैं प्रस्ताव!

दिल्ली में जदयू के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक हुई. बैठक में राष्ट्रीय कार्यकारिणी को लेकर एजेंडा तय हुआ. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 29 दिसंबर को होने वाली है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बाद राष्ट्रीय परिषद की बैठक भी होगी और फिर शाम 6:00 बजे बैठक से संबंधित जानकारी मीडिया को दी जाएगी. जदयू के वरिष्ठ नेताओं की ओर से पार्टी में ऑल इज वेल बताने की कोशिश की गई।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी का एजेंडा हुआ सेट

जदयू के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता और सलाहकार केसी त्यागी ने कहा कि”राष्ट्रीय पदाधिकारी की बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने की है और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की अध्यक्षता भी ललन सिंह करेंगे”. उन्होंने ललन सिंह के इस्तीफा देने की खबर को भी गलत बताया. राष्ट्रीय पदाधिकारी की बैठक में जो एजेंडा तय हुआ है उसके बारे में पार्टी नेताओं की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी जा रही है और यह कहा जा रहा है कि कल की बैठक में इन सब पर चर्चा होगी और चर्चा के बाद ही मीडिया को बताया जाएगा।

जेडीयू में एकजुटता दिखाने की कोशिश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ललन सिंह एक साथ एक ही गाड़ी में आज बैठक में पहुंचे और एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की. बैठक से पहले ललन सिंह नीतीश कुमार के दिल्ली पहुंचने पर उनके आवास पर जाकर मुलाकात की थी. 1 घंटे तक दोनों के बीच बातचीत भी हुई. ललन सिंह ने इस्तीफा देने की बात को अस्वीकार किया और यह भी कहा कि जदयू एकजुट है और नीतीश कुमार सर्वमान्य नेता हैं. मीडिया पर बीजेपी का एजेंडा चलाने का आरोप भी लगाया।

नीतीश कुमार का अध्यक्ष के लिए नाम हो सकता है प्रस्तावित

ऐसे में जदयू सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ललन सिंह इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रख सकते हैं. राष्ट्रीय परिषद की बैठक में 2024 चुनाव को लेकर जदयू की क्या रणनीति होगी. इस पर भी चर्चा की जाएगी. यह तय किया गया है कि संगठन को कैसे मजबूत किया जाए इस पर भी विचार विमर्श होगा।

JDU के बाद RJD में भी तकरार! क्या नीतीश कुमार के बाद लालू यादव की बढ़ेगी टेंशन?

दिसंबर की ठिठुरती सर्दी के बीच बिहार का राजनीतिक पारा उबाल मारा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह के बीच मचे घमासान से जेडीयू पर टूट की तलवार लटक रही है. पार्टी की टूट को रोकने के लिए दिल्ली में आज यानी शुक्रवार (29 दिसंबर) को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक दिल्ली में होनी है. इसके लिए पार्टी के सभी नेता दिल्ली में पहुंचे चुके हैं. जेडीयू के बाद अब लालू यादव की पार्टी आरजेडी में उथल-पुथल देखने को मिल रही है. इससे नीतीश कुमार के बाद लालू यादव की टेंशन बढ़ गई है।

राजद के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद विश्व मोहन कुमार ने जेडीयू के साथ गठबंधन को गलत करार देते हुए तेजस्वी यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा कि युवा नेतृत्व की जो छवि लेकर तेजस्वी यादव ने लोगों में एक उम्मीद जगाई थी वह विलुप्त हो चुकी है. विश्व मोहन कुमार ने कहा कि जदयू से जुड़ने के बाद पार्टी की धार कुंद हो गई है. उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन पर कब्जा जमाए नेताओं ने संगठन को गिरवी रख दिया है. परिणाम है कि कार्यकर्ता स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं।

राजद के पूर्व सांसद ने कहा कि मौजूदा समय में पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा हुआ है. संगठन में उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. विश्व मोहन कुमार का यह बयान राजद में बगावत के संकेत दे रहे हैं. उधर दूसरी ओर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में टूट का खतरा मंडरा रहा है. कहा जा रहा है कि ललन सिंह और नीतीश कुमार की तनातनी में पार्टी दो खेमों में बंट चुकी है. जेडीयू में बगावत के सुर सुनाई देने लगे हैं।

जेडीयू के वरिष्ठ नेता और विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने बगावती बिगुल फूंक दिया है. उन्होंने कहा कि सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र के चुनाव में उनके सिवा महागठबंधन का कोई प्रत्याशी नहीं जीत सकता है. खुद को टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने कहा कि यदि दो नेताओं को टिकट मिलता है, तो वे विरोध करेंगे. सत्ताधारी दो बड़े दलों में आए सियासी भूकंप से बिहार की सत्ता कांपने लगी है।

बीजेपी नेता विजय सिन्हा ने कहा- ‘JDU को लालू यादव तोड़ देंगे, तेजस्वी को CM बनाएंगे

बीजेपी के नेताओं की ओर से बार-बार बयान आ रहा है कि तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया जाना है. जेडीयू के अंदर घमासान मचा हुआ है. नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हाने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि जेडीयू के अंदर क्या कुछ चल रहा यह है यह जेडीयू का अंदरूनी मामला है. राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से ललन सिंह हटेंगे इन सब से हम लोगों को मतलब नहीं. लालू यादव जेडीयू को तोड़ देंगे. जेडीयू टूटेगा. लालू अपने बेटे तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाएंगे।

विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि नीतीश कुमार के लिए बीजेपी के दरवाजे बंद हैं. यह बात हमारे बड़े नेता कई बार बोल चुके हैं. शीर्ष नेतृत्व कई बार कह चुका है. नीतीश एनडीए में आने वाले हैं इसको लेकर आलाकमान ने हमलोगों से कोई बातचीत भी नहीं की है, ना इसको लेकर कोई बैठक हुई है. नीतीश एनडीए में आ रहे हैं यह काल्पनिक सवाल है।

नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि 2020 में जनादेश बीजेपी को मिला था. चोर दरवाजे से बड़े भाई और छोटे भाई ने सरकार बनाई. लालू नीतीश दोनों ठग हैं।

‘नीतीश कुमार के लिए बंद हैं दरवाजे’, बोले सम्राट चौधरी- ‘JDU से BJP को कोई इंटरेस्ट नहीं’

बिहार में जदयू में चल रहे घमासान पर भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने सारी बातों को साफ कर दिया है. उन्होंने सीधे तौर पर कह दिया है कि उनको जदयू से कोई मतलब नहीं है और नीतीश कुमार के लिए दरवाजा बंद हो गया है. दरअसल, भाजपा में जदयू की वापसी पर उन्होंने कहा कि इसकी दूर- दूर तक कोई संभावना नहीं है. इसलिए यह सब बातों पर हमलोग कहीं से ध्यान नहीं दे रहे हैं।

सम्राट चौधरी ने कहा कि इस पूरे मामले में भारतीय जनता पार्टी का कोई इंटरेस्ट नहीं है कि जनता दल यूनाइटेड में क्या चल रहा है. इसलिए मुझे को मतलब नहीं है की उनके यहां क्या हो रहा है और नहीं हो रहा है. यह उनका खुद का मामला है और इस पर वो खुद देखेंगे, इससे हमें क्यों ही मतलब होगा।

बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी कहा कि “बीजेपी का स्पष्ट है कि 2024 और 25 में भाजपा की सरकार बनेगी. बीजेपी को जदयू से कोई मतलब नहीं है और नीतीश कुमार के लिए दरवाजा बंद हो गया है.बीजेपी नेतृत्व ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि हमारा कोई गठबंधन जनता दल यूनाइटेड से नहीं होगा. बिहार में भाजपा पूरी तरह से महागठबंधन को हराने की कोशिश कर रही है.”

उन्होंने कहा कि यदि तेजस्वी कहते हैं कि जातीय गणना में उनका योगदान है वो हम तो उनसे यह जानना चाहते हैं कि वो बताएं उन्होंने इसमें क्या किया है. मुझे उनसे यही जानना है की क्या आपकी जाति, आयु, आपका इतिहास, आपका आर्थिक सर्वें क्या हुआ है. यदि हुआ है तो मुझे कुछ भी नहीं कहना है. लेकिन, नहीं हुआ है तो यह चिंता की बात है।

नेता संजय सिंह के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी, मानहानि मामले में फिलहाल जेल में हैं बंद

मेट्रोपोलिटन अदालत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री के संबंध में की गई टिप्पणी को लेकर मानहानि मामले में जेल में बंद आप नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के खिलाफ बृहस्पतिवार को पेशी वारंट जारी किया।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एस जे पांचाल की अदालत ने संजय सिंह के खिलाफ पेशी वारंट तब जारी किया जब उनके वकील ने अदालत को सूचित किया कि उन्हें अपने मुवक्किल से कोई निर्देश नहीं मिला है क्योंकि आम आदमी पार्टी (आप) नेता दिल्ली की तिहाड़ जेल में हैं।

सिंह को दिल्ली में आबकारी घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में पांच अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। पेशी वारंट के माध्यम से मजिस्ट्रेट ने स्थानीय पुलिस को संजय सिंह को तिहाड़ जेल से हिरासत में लेने और 11 जनवरी को पूर्वाह्न 11 बजे अदालत के सामने पेश करने का निर्देश दिया। उस दिन अदालत मामले में आगे की सुनवाई करेगी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सिंह पर प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री के संबंध में अपने ‘‘व्यंग्यात्मक’’ और ‘‘अपमानजनक’’ बयानों के माध्यम से गुजरात विश्वविद्यालय (जीयू) की छवि खराब करने का आरोप है।अदालत ने जब गवाहों से पूछताछ शुरू की तो केजरीवाल के वकील ने पेशी से छूट की याचिका दायर की। अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली।

संजय सिंह के वकील ने अदालत को सूचित किया कि उन्हें सिंह से कोई निर्देश नहीं मिला है क्योंकि आप नेता सलाखों के पीछे हैं, इस पर जीयू के वकील अमित नायर ने कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि यह मामले को और विलंबित करने की आप नेता की रणनीति है। इसके बाद उन्होंने मजिस्ट्रेट पांचाल से सिंह के खिलाफ पेशी वारंट जारी करने का आग्रह किया। अदालत ने नायर की याचिका स्वीकार कर ली और वारंट जारी कर दिया।

अदालत ने पिछले दिनों दोनों नेताओं को यह कहते हुए तलब किया था कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 500 (मानहानि) के तहत मामला बनता प्रतीत होता है। गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री पर मुख्य सूचना आयुक्त के आदेश को रद्द करने के बाद जीयू के रजिस्ट्रार पीयूष पटेल ने दोनों नेताओं के खिलाफ उनकी टिप्पणियों पर मानहानि का मामला दायर किया था।

नीतीश कुमार से बंद कमरे में ललन सिंह की हुई बातचीत, नहीं देंगे इस्तीफा, बने रहेंगे राष्ट्रीय अध्यक्ष

दिल्ली में चल रही जेडीयू की हलचल की सबसे बड़ी खबर सामने आ गयी है. ललन सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं देंगे. बंद कमरे में नीतीश कुमार से लंबी बातचीत के बाद ये तय हो गया है. जेडीयू के उच्च पदस्थ सूत्रों से फर्स्ट बिहार से बातचीत में इसकी पुष्टि की है.

बता दें कि पिछले कई दिनों से लगातार ये चर्चा हो रही थी कि ललन सिंह की जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से विदाई हो रही है. नीतीश कुमार ने जिस तरीके से अचानक से जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यसमिति के साथ साथ राष्ट्रीय पर्षद की बैठक बुलाने का फैसला लिया था, उससे इन चर्चाओं को बल मिला था. लेकिन आज उस पर विराम लग गया है.

पदाधिकारियों की बैठक में सिर्फ हालचाल पूछा गया

ललन सिंह और नीतीश कुमार की बातचीत के बाद दोनों नेता दिल्ली के जंतर मंतर स्थित जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यालय में पहुंचे. वहां पार्टी पदाधिकारियों की बैठक थी. हालांकि पटना से दिल्ली जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन के काफी लेट होने के कारण जेडीयू के कई राष्ट्रीय पदाधिकारी दिल्ली पहुंच ही नहीं पाये थे. लेकिन करीब 14 पदाधिकारी बैठक में मौजूद थे.

जेडीयू के एक नेता ने बताया कि बैठक बमुश्किल 15-20 मिनट तक चली. उसमें भी नीतीश कुमार अपनी पार्टी के नेताओं से हाल-चाल ही पूछते रहे. उसमें ही समय निकल गया. उसके बाद नीतीश कुमार ने सभी को कल की राष्ट्रीय कार्यसमिति और राष्ट्रीय पर्षद की बैठक में मौजूद रहने को कहा और बैठक समाप्त हो गयी.

त्यागी, ललन के बयान से मिला संकेत

ललन सिंह की कुर्सी पर मंडरा रहा संकट टल गया है, इसका अंदाजा जेडीयू के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक के बाद केसी त्यागी और ललन सिंह के बयान से भी लगा. केसी त्यागी से जब मीडिया ने सवाल पूछा कि क्या ललन सिंह इस्तीफा देने जा रहे हैं. त्यागी ने जवाब दिया-वे क्यों इस्तीफा देंगे? केसी त्यागी ने कहा-हमारी पार्टी को लेकर जो चर्चायें और अफवाहें चल रही हैं, उन्हें हम सिरे से खारिज करते हैं. ऐसी अफवाहें बीजेपी के प्रोपगेंडा का हिस्सा हैं.

उधर ललन सिंह भी मीडिया पर भड़के. मीडिया ने पूछा कि क्या वे इस्तीफा दे रहे हैं. ललन सिंह ने कहा कि आज बीजेपी दफ्तर से मेरा त्यागपत्र बनवा कर ले आइयेगा, मैं उस पर साइन कर दूंगा. उन्होंने मीडियाकर्मियों को कहा कि जब मुझे इस्तीफा देना होगा तब आपलोगों को बुला लेंगे, आपलोगों से परामर्श ले लेंगे और तब इस्तीफा दे देंगे.

नीतीश से मुलाकात और राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक के बाद ललन सिंह का पूरा तेवर ही बदला हुआ था. आज सुबह ही वे मीडिया के सामने सफाई दे रहे थे कि नीतीश कुमार से उनका संबंध 37 सालों से है. नीतीश कुमार का पूरा विश्वास उन पर है. लेकिन शाम होते होते वे पुराने तेवर में दिखे. जाहिर है सुबह से शाम तक खेल बदल चुका था.