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पटना में आयोजित भाजपा संकल्प सभा में भागलपुर कार्यकर्ता हुए शामिल, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी से की मुलाकात

पटना के कृष्ण मेमोरियल हॉल में धन्यवाद, सम्मान और संकल्प सभा कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमे भाजपा जिला अध्यक्ष संतोष कुमार के नेतृत्व में सैकड़ो भाजपाई शामिल हुए। इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया गया जबकि कार्यक्रम में बिहार सरकार में मंत्री बने सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा और प्रेम कुमार को सम्मानित किया गया।

इसके अलावे इस कार्यक्रम में 2024 में सभी 40 की 40 सीटें जीतने का संकल्प भी लिया जाएगा। भाजपा जिला अध्यक्ष संतोष कुमार ने प्रदेश अध्यक्ष क़ो अंगवस्त्र एवं गुलदस्ता देकर बधाई दिया जिला अध्यक्ष ने कहा की बिहार की जनता का अटूट विश्वास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर है। राज्य में एक बार फिर एनडीए सरकार बनने से बिहार का बहुमुखी विकास सुनिश्चित होगा और संगठन ऩई ऊर्जा के साथ बिहार निर्माण का संकल्प पूरा करेगी।

संकल्प सभा में शामिल होने वालो में राजकिशोर गुप्ता, रोशन सिंह, अभय घोष, योगेश पांडेय, रूबी दास, लक्ष्मी साह, सहित अन्य संकल्प सभा में शामिल हुए।

राहुल गांधी का विवादित बयान, बोले- पीएम मोदी OBC नहीं हैं, तेली जाति में पैदा हुए थे

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति को लेकर नई बहस छेड़ दी है। राहुल गांधी ने दावा किया है कि पीएम मोदी का जन्म ओबीसी वर्ग में नहीं हुआ था। वे गुजरात की तेली जाति में पैदा हुए थे। इस समुदाय को बीजेपी ने साल 2000 में ओबीसी का टैग दिया था। उनका जन्म सामान्य जाति में हुआ था। केंद्र की बीजेपी सरकार की आलोचना करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वे (पीएम मोदी) कभी जातीय जनगणना नहीं होने देंगे क्योंकि उनका जन्म ओबीसी में नहीं हुआ, उनका जन्म सामान्य जाति में हुआ है।

राहुल गांधी का दावा लोगों को बेवकूफ बना रही बीजेपी

राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी की जाति को लेकर लोगों को बेवकूफ बनाया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि मुझे इसलिए पता है कि क्योंकि पीएम मोदी कभी भी गरीब, किसानों और पिछड़े वर्ग के लोगों का हाथ नहीं पकड़ते। ये सिर्फ अडाणी का हाथ पकड़ते हैं।

अडाणी का नाम लेकर बीजेपी को घेरा

राहुल गांधी ने कहा कि देश में आज भयंकर सामाजिक अन्याय हो रहा है। आप GST भरते हैं और मजा अडानी जैसे लोग उठाते हैं। क्योंकि अडानी खदान ख़रीदता है, सड़क और पुल के टेंडर लेता है, मीडिया को कंट्रोल करता है।  फिर उसी की मीडिया हम से पूछती है कि आप जातिगत जनगणना की बात क्यों कर रहे हैं?

जातिगत जनगणना को लेकर राहुल ने पीएम मोदी को घेरा

राहुल ने कहा कि मैंने जातिगत जनगणना और सामाजिक न्याय की बात की तो पीएम मोदी ने कहा- देश में सिर्फ दो जातियां हैं-अमीर और गरीब। अगर दो जातियां हैं तो आप क्या हैं? गरीब तो आप हैं नहीं। आप करोड़ों का सूट पहनते हैं। दिन में कई बार कपड़े बदलते हैं, फिर झूठ बोलते हैं कि मैं ओबीसी वर्ग का आदमी हूं।

अरविंद केजरीवाल ने केंद्र पर बोला हमला, कहा- हम हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट क्यों जाएं

आज अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ED को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है। हम हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट क्यों जाएं। बता दें कि केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने केंद्र सरकार के केरल के प्रति कथित भेदभाव के खिलाफ गुरुवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान भी शामिल हुए।

केंद्र ने पंजाब का 8 हजार करोड़ रुपया रोका

इस दौरान जंतर मंतर से केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने पंजाब का भी फंड रोका है। केंद्र ने पंजाब का 8 हजार करोड़ रुपया रोक रखा है। हम हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट क्यों जाएं। दिल्ली के लोग 2 लाख करोड़ का इनकम टैक्स देते हैं। लेकिन 2 लाख करोड़ के बदले दिल्ली को 325 करोड़ ही मिलते हैं। इतना ही नहीं केजरीवाल ने आगे कहा कि केंद्र सरकार ED को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है। हेमंत सोरेन पर कुछ भी साबित हुए बिना ही जेल में डाल दिया। बता दें कि जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने किया और इसमें राज्य के मंत्रियों, विधायकों और सांसदों की भागीदारी रही।

“कल वे मुझे भी जेल में डाल सकते हैं”

केजरीवाल ने आगे कहा कि ईडी अब एक नया हथियार है। अभी तक किसी व्यक्ति पर दोष साबित होने के बाद ही उसे जेल भेजा जाता था। लेकिन अभी उन्होंने (बीजेपी) तय ही किया है कि किसे जेल भेजना है, तो सोचिए कि उस पर कौन सा केस थोपा जाए। हेमंत सोरेन को तब जेल में डाल दिया गया है, जब केस शुरू ही नहीं हुआ था। कल वे मुझे भी डाल सकते हैं, विजयन जी, स्टालिन साहब, सिद्धारमैया साहब जेल में और सरकार गिराओ।

“राज्यों के संघ से राज्यों से ऊपर संघ में तब्दील हो रहा लोकतंत्र”

इन विधायकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए और बैनर दिखाए। जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए सीएम विजयन ने कहा कि यह लड़ाई केंद्र-राज्य संबंधों में संतुलन बनाए रखने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि आज, हम भारतीय गणतंत्र के ऐतिहासिक मोड़ पर हैं। एक लोकतंत्र जिसकी परिकल्पना ‘राज्यों के संघ’ के रूप में की गई थी, वह धीरे-धीरे और लगातार एक अलोकतांत्रिक ‘राज्यों के ऊपर संघ’ में तब्दील हो रहा है। हम देश भर में इसकी अभिव्यक्ति देख रहे हैं। विशेष रूप से विपक्ष शासित राज्यों में।

केरल के सीएम ने आगे कहा कि हम सभी इसके खिलाफ अपना कड़ा विरोध दर्ज कराने और भारत के संघीय ढांचे को संरक्षित करने के लिए एक साथ आए हैं। आज हम एक नए सिरे से लड़ाई की शुरुआत कर रहे हैं जो राज्यों के साथ न्यायसंगत व्यवहार सुनिश्चित करने की शुरुआत करेगी। यह लड़ाई भी प्रयास करेगी केंद्र-राज्य संबंधों में संतुलन बनाए रखने के लिए। लिहाजा 8 फरवरी 2024, भारत गणराज्य के इतिहास में एक लाल अक्षर वाला दिन होने जा रहा है।

हेमंत सोरेन के आवास से बरामद हुई BMW कार धीरज साहू की थी, कांग्रेस नेता को पूछताछ के लिए ED ने बुलाया

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली वाले आवास से ईडी को जो BMW कार मिली थी। वह कांग्रेस नेता धीरज साहू की मानेसर स्थित एक कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है। इस मामले में ईडी ने कांग्रेस नेता धीरज साहू को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है। ताजा जानकारी के अनुसार, ईडी ने धीरज साहू को पूछताछ के लिए 10 फरवरी को बुलाया है।

धीरज साहू के ठिकानों पर 10 दिन हुई थी छापेमारी

बता दें कि पिछले साल दिसंबर में इनकम टैक्स ने झारखंड में कांग्रेस नेता धीरज साहू के ठिकानों पर रेड की थी।  छापेमारी में 351 करोड़ रुपये कैश और बेहिसाब अकूत संपत्ति का पता चला था। 10 दिनों तक चली इस रेड में 40 नोट गिनने की मशीनो का इस्तेमाल हुआ था।

इसी साल गई थी कार

मिली जानकारी के अनुसार कार गुरुग्राम की भगवान दास होल्डिंग्स लिमिटेड नाम की कंपनी के नाम रजिस्टर्ड है। ये कंपनी कारोबारी और कांग्रेस नेता धीरज साहू की है। BMW कार  16 अक्टूबर 2023 को ली गई थी। ये कार झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास पर ईडी को मिली थी। ईडी ने इसे जब्त कर लिया था।

31 जनवरी को गिरफ्तार हुए थे सोरेन

बता दें कि अभी हाल में ही हेमंत सोरेन को ईडी ने लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। झारखंड हाई कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर 12 फरवरी को सुनवाई होगी। सोरेन ने ईडी द्वारा उन्हें गिरफ्तार किए जाने की चुनौती हाई कोर्ट में दी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश श्री चन्द्रशेखर और न्यायमूर्ति राजेश कुमार की एक खंडपीठ ने केंद्रीय एजेंसी को सोरेन की याचिका पर नौ फरवरी तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। ईडी ने सोरेन को कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में 31 जनवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया था।

पाकिस्तान में कोई भी प्रधानमंत्री पूरा नहीं कर पाया 5 साल का कार्यकाल, जानें कौन कितने दिन रहा सत्ता में?

पाकिस्तान की अनवार उल हक काकर की अंतरिम सरकार के कार्यकाल के दौरान चुनाव आयोग ने 8 फरवरी को चुनाव कराने का ऐलान कर दिया। आज चुनावी प्रक्रिया जारी है। दरअसल, पाकिस्तान जब से आजाद हुआ, तब से लेकर आज तक कोई भी प्रधानमंत्री अपने 5 साल पूरे नहीं कर पाया है। चाहें पहले पीएम लियाकत अली खान हों, बेनजीर भुट्टो, नवाज शरीफ हों या फिर इमरान खान। पाकिस्तान में कोई सरकार एकसाथ 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई। पाकिस्तान की सेना के साए में पूरा मुल्क आजादी के बाद से लेकर आज तक चल रहा है। जानिए कौन प्रधानमंत्री ने कितने दिन तक सत्ता में रहा?

पाकिस्तान में शहबाज शरीफ ने इमरान खान की तीन साल 228 दिन तक चली सरकार का तख्ता पलटकर अपनी सरकार बनाई थी। शेष समय सरकार चलाकर चुनाव का ऐलान कर दिया। इसके बाद काकर की अंतरिम सरकार पाकिस्तान को चला रही थी। किसी पीएम ने आज तक 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया।कोई प्रधानमंत्री सदन में हार गया तो किसी को सेना ने हटा दिया।

पाकिस्तान में रहे कुल इतने पीएम

पाकिस्तान में शहबाज शरीफ सहित आज तक कुल 32 प्रधानमंत्री रहे हैं। इनमें से 8 प्रधानमंत्री केयर टेकर रहे। लेकिन कोई भी अपने पांच साल पूरे नहीं कर पाया है। इसमें बड़ी वजह रही है सेना का सत्ता में दखल। सेना ने जिसको चाहा, पीएम बनाया, जिसको चाहा पीएम पद से हटाया।

पहले पीएम का कार्यकाल था 4 साल 63 दिन

लियाकत अली खान 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने थे. 4 साल 63 दिन बाद गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई। जुल्फीकार अली भुट्टो पाकिस्तान के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों में से एक रहे। 3 साल 325 दिन बाद उन्हें सेना की बगावत के आरोप में फांसी पर चढ़ा दिया गया।

बेनजीर ने 1988 में सिर्फ 1 साल 247 दिन चलाई सरकार

1988 में बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी थीं. वह महज 1 साल 247 दिन पीएम रहीं. फिर 12 वोट से बेनजीर की सरकार गिर गई। नवबंर 1990 में उनकी जगह आए पाकिस्तान मुस्लिम लीग के नेता नवाज शरीफ, लेकिन राजनीतिक उथल पुथल के चलते वो 2 साल 254 दिन ही टिक पाए।

1993 में बेनजीर फिर बनी पीएम, नहीं पूरा हुआ 5 साल

अक्टूबर 1993 में हुए चुनावों में बेनजीर भुट्टो प्रधानमंत्री बनीं लेकिन इस बार टिक पाएं तीन साल 17 दिन।इसके बाद राष्ट्रपति ने उनकी सरकार को बर्खास्त कर दिया। नवाज शरीफ की फरवरी 1997 में पूरे बहुमत के साथ वापसी हुई। इस बार उनकी सरकार सिर्फ 2 साल 237 दिन चली। सेनाध्यक्ष जनरल मुशर्रफ ने शरीफ की कुर्सी पलट दी।

जनरल मुशर्रफ के दौर में कोई पीएम नहीं टिक पाया

इसके बाद पाकिस्तान में जनरल मुशर्रफ का राज चला। कभी मार्शल लॉ तो कभी राष्ट्रपति का चोला पहनकर वे सत्ता के सिरमौर बने रहे। मुशर्रफ के दौर में भी कोई प्रधानमंत्री टिक नहीं पाया। मीर जफरुल्लाह खान जमाली एक साल 216 दिन पीएम रहे। चौधरी शुजात हुसैन 57 दिन रहे। शौकत अजीज 3 साल 79 दिन प्रधानमंत्री बने रहे।

म्यांमार के हालात ने पड़ोसी देशों को भी चिंता में डाला, भारत-बांग्लादेश ने मिलकर बनाई ये रणनीति

म्यांमार के लगातार बिगड़ रहे हालात ने भारत को भी चिंता में डाल दिया है। इससे भारत जैसे पड़ोसी देश अलर्ट हो गए हैं।  बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद ने बुधवार को कहा कि म्यांमार की बिगड़ती सुरक्षा स्थिति भारत और बांग्लादेश दोनों के लिए “चिंताजनक” है, क्योंकि यह क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को प्रभावित कर सकती है। महमूद ने यह बात राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बातचीत के कुछ घंटे बाद कही। महमूद ने कहा कि डोभाल के साथ उनकी बैठक में यह मुद्दा उठा और म्यांमार के रखाइन प्रांत में स्थिति बिगड़ने के बाद म्यांमा के 338 लोग बांग्लादेश में प्रवेश कर गए हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातर म्यांमा के सीमा सुरक्षा गार्ड और सेना के जवान हैं।

भारत ने रखाइन प्रांत में रह रहे अपने नागरिकों से वहां सुरक्षा स्थिति बिगड़ने के मद्देनजर तुरंत वह क्षेत्र छोड़ने के लिए कहा है। बांग्लादेश में पिछले महीने संसदीय चुनावों में जबर्दस्त जीत के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना के पांचवीं बार सत्ता में आने के बाद महमूद अपनी पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा के तहत मंगलवार से भारत की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने मीडिया के साथ एक संक्षिप्त बातचीत में कहा कि भारत-बांग्लादेश संबंध पिछले 10-15 वर्षों में काफी प्रगाढ़ हुए हैं और वह इसे एक नयी ऊंचाई पर ले जाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। महमूद विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ व्यापक वार्ता करने वाले हैं।

म्यांमार की स्थिति लगातार हो रही नाजुक

डोभाल के साथ अपनी मुलाकात पर महमूद ने कहा, “हमने म्यांमार की स्थिति पर चर्चा की क्योंकि उस देश में स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है।” उन्होंने कहा, “आज सुबह तक, 338 लोग, जिनमें ज्यादातर सीमा सुरक्षा गार्ड और सेना के जवान थे, बांग्लादेश में प्रवेश कर चुके थे। हमने उन्हें आश्रय दिया है।” महमूद ने कहा कि म्यांमार लोगों को वापस लेने के लिए सहमत हो गया है और नेपीदा में बांग्लादेश के राजदूत इस मुद्दे को पहले ही म्यांमा के विदेश मंत्री के समक्ष उठा चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘म्यांमार की स्थिति दोनों देशों (भारत और बांग्लादेश) के लिए चिंताजनक है क्योंकि हम दोनों की सीमा म्यांमार के साथ लगती है। हमने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) डोभाल के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की क्योंकि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए यह महत्वपूर्ण है कि म्यांमार में शांति कायम रहे।’’ एक फरवरी, 2021 को सेना द्वारा तख्तापलट करके सत्ता पर काबिज होने के बाद से म्यांमा में लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर व्यापक हिंसक दर्शन हो रहे हैं।

सशस्त्र समूह और म्यांमार की सेना में संघर्ष

रखाइन प्रांत और कई अन्य क्षेत्रों में पिछले साल अक्टूबर से सशस्त्र जातीय समूहों औरम्यांमार की सेना के बीच संघर्ष की सूचना मिली है। भारत-बांग्लादेश संबंधों पर, महमूद ने कहा कि बांग्लादेश के विदेश मंत्री के रूप में, उनका लक्ष्य कनेक्टिविटी, व्यापार, व्यवसाय और लोगों के बीच आदान-प्रदान के क्षेत्रों में संबंधों को और अधिक विस्तारित करना होगा। उन्होंने कहा, “पिछले 10-15 वर्षों में भारत और बांग्लादेश के संबंध और मजबूत हुए हैं। हमारा प्रयास संबंधों को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने का होगा।’’ महमूद ने कहा कि कनेक्टिविटी प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है क्योंकि यह दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “यह पूरे क्षेत्र की समृद्धि, क्षेत्रीय शांति और स्थिरता और आर्थिक सहयोग के लिए महत्वपूर्ण है।

” वर्ष 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों के सम्मान में ढाका द्वारा एक स्मारक बनाने और उसके उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित किए जाने के बारे में सवाल किए जाने पर महमूद ने कहा, ‘‘यदि वह देश की यात्रा कर सकें तो हमें बहुत खुशी होगी।’’ एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने कहा कि हसीना की संभावित भारत यात्रा की तारीखों को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है।

उत्तराखंड के UCC के खिलाफ उतरा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जानें क्या कहा

बुधवार को उत्तराखंड विधानसभा में पास हुआ समान नागरिक संहिता विधेयक के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड उतर आया है। पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि उत्तराखंड विधानसभा में पेश किया गया समान नागरिक संहिता विधेयक अनुचित, अनावश्यक और विविधता विरोधी है। इसे राजनैतिक लाभ के लिए ज़ल्दबाजी में पेश किया गया है। यह केवल दिखावा और राजनीतिक प्रचार से अधिक कुछ नहीं है।

‘यह जल्दबाजी में लाया गया कानून’

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. सैय्यद क़ासिम रसूल इलियास ने कहा है कि ज़ल्दबाजी में लाया गया यह प्रस्तावित क़ानून केवल तीन पहलू पर आधारित है। सर्वप्रथम विवाह और तलाक़ का संक्षेप में उल्लेख किया गया है उसके बाद विस्तार से विरासत का उल्लेख किया गया है और अंत में अजीब तौर पर लिव-इन-रिलेशनशिप के लिए एक नई क़ानूनी प्रणाली प्रस्तुत की गई है। ऐसे रिश्ते सभी धर्मों के नैतिक मूल्यों को प्रभावित करेंगे।

‘धार्मिक स्वतंत्रता का हनन करता है यह कानून’

उन्होंने कहा कि यह क़ानून इस मायने में भी अनावश्यक है कि जो भी व्यक्ति किसी भी धार्मिक पारिवारिक मामलों से अपने पारिवारिक मामलों को बाहर रखना चाहता है उसके लिए हमारे देश में विशेष विवाह पंजीकरण अधिनियम और उत्तराधिकार अधिनियम का क़ानून पहले से ही मौजूद है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित क़ानून संविधान के मौलिक अधिकार आर्टिकल 25, 26 और 29 का भी खंडन करता है जो धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता को सुरक्षा प्रदान करता है। इसी प्रकार यह क़ानून देश की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता (Religious & Cultural Diversities) के भी विरुद्ध है जो इस देश की प्रमुख विशेषता है।

पिता की संपत्ति बंटवारे पर भी लॉ बोर्ड ने उठाए सवाल

बोर्ड प्रवक्ता ने कहा कि इस प्रस्तावित क़ानून के अंतर्गत पिता की संपत्ति में लड़का और लड़की दोनों का हिस्सा बराबर कर दिया गया है जोकि शरीयत के विरासत क़ानून के बिल्कुल विपरीत है। इस्लामिक विरासत क़ानून संपत्ति के न्यायसंगत वितरण पर आधारित है जिसमें परिवार की जिसकी जितनी वित्तीय जिम्मेदारी होती है संपत्ति में उसकी उतनी ही हिस्सेदारी होती है। इस्लाम किसी महिला पर घर चलाने का बोझ नहीं डालता। यह ज़िम्मेदारी पूरी तरह से पुरुष पर होती है और उसी के अनुसार संपत्ति में उसका हिस्सा होता है। संपत्ति की हिस्सेदारी ज़िम्मेदारियों के अनुसार परिवर्तित होती रहती हैं और कुछ मामलों में महिला को पुरुष के बराबर या उससे अधिक हिस्सा भी मिल जाता है। इस्लामी क़ानून का यह अर्थ उन लोगों की समझ से परे है जो चीज़ों को केवल अपने विवेक के चश्मे से देखते हैं।

एक से अधिक शादी पर रोक पर भी लगाया सवालिया निशान 

इस प्रस्तावित क़ानून में दूसरी शादी पर प्रतिबंध लगाना भी केवल प्रचार मात्र के लिए है क्योंकि सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से ही पता चलता है कि इसका अनुपात भी तीव्रता से गिर रहा है। दूसरी शादी मौज-मस्ती के लिए नहीं बल्कि सामाजिक आवश्यकता के कारण की जाती है। यदि दूसरी शादी पर प्रतिबंध लगा दिया गया तो इसमें महिला की ही हानि है। इस मामले में आदमी को मजबूरन पहली पत्नी को तलाक़ देना होगा।

आज संसद में श्वेतपत्र पेश कर सकती है केंद्र सरकार, UPA शासनकाल की बताएंगे आर्थिक नाकामियां

केन्द्र सरकार आज संसद में श्वेतपत्र लेकर आ रही है। ये श्वेतपत्र यूपीए सरकार की आर्थिक नाकामियों पर होगा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण संसद में ये श्वेतपत्र पेश करेंगी। इसमें साल 2014 से पहले यूपीए सरकार और उसके बाद एनडीए सरकार की नीतियों की स्टडी पेश की जाएगी। इस पत्र के ज़रिये मोदी सरकार ये दिखाना चाहती है कि यूपीए सरकार ने देश में आर्थिक कुप्रबंधन किया, जिसकी वजह से ना केवल महंगाई और बेरोज़गारी बढ़ी, बल्कि रुपये की हालत भी खस्ता हो गई।

श्वेतपत्र पर संसद में हंगामा होना तय

यूपीए सरकार के दस सालों का लेखा जोखा पेश करने वाले इस दस्तावेज़ को लेकर केंद्र सरकार पर कांग्रेस पहले ही भड़क गई है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि सरकार को यूपीए शासनकाल का लेखा जोखा पेश करने के साथ-साथ मेहुल चौकसी और नीरव मोदी पर भी श्वेतपत्र लाना चाहिए। इस श्वेतपत्र पर आज विपक्ष संसद में हंगामा भी कर सकता है। बता दें कि संसद का बजट सत्र एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। लोकसभा चुनाव में जाने से पहले सरकार कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार की पोल खोलने के लिए ये दांव चल रही है। मोदी सरकार संसद में श्वेत पत्र रखेगी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ये श्वेतपत्र सदन में रखेंगी।

UPA सरकार के 10 साल का आर्थिक कुप्रबंधन पर श्वेतपत्र

इस श्वेतपत्र में UPA सरकार के 10 साल के आर्थिक हालात का ज़िक्र होगा और निर्मला सीतारमण बताएंगी कि कैसे UPA ने देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया।  निर्मला सीतारमण आज श्वेतपत्र में क्या आंकड़े लेकर आने वाली हैं, किस तरह कांग्रेस की पिछली सरकार पर अटैक करने वाली हैं, उसका ट्रेलर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान ही दे दिया है। श्वेतपत्र के ज़रिये मोदी सरकार बताने की कोशिश करेगी कि 2004 से लेकर 2014 तक यूपीए सरकार ने इकॉनॉमी के साथ क्या किया और उसके बाद दस सालों तक क्या हुआ।

PM मोदी ने मल्लिकार्जुन खरगे का किया धन्यवाद, बोले- 10 साल की समृद्धि में काले टीका का किया काम

राज्यसभा से विदा होने वाले सांसदों को आज उच्च सदन में प्रधानमंत्री मोदी संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सांसदों की कभी विदाई नहीं होती। इस दौरान प्रधानमंत्री ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की भी खूब प्रशंसा की। इस दौरान कांग्रेस पर हमला करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज देश पिछले 10 साल में समृद्धि के नए-नए शिखर छू रहा है। एक भव्य-दिव्य वातावरण बना है और उसको नज़र ना लग जाए इसीलिए काला टीका करने का आज प्रयास हुआ है। मैं उसके लिए भी खरगे जी का बहुत धन्यवाद करता हूं ताकि हमारी इस प्रगति की यात्रा को कोई नज़र ना लग जाए। मैं उसका (ब्लैक पेपर) भी स्वागत करता हूं क्योंकि जब भी अच्छी बात होती है तो काला टीका, नज़र ना लग जाए इसीलिए बहुत जरूरी होता है।”

“मनमोहन सिंह अपनी व्हीलचेयर पर आए और…”

बता दें कि जिन सांसदों का कार्यकाल आज खत्म हो रहा है, उन्हे विदाई देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सदन और देश के प्रति योगदान की सराहना की। पीएम मोदी ने कहा,”मैं आज डॉ. मनमोहन सिंह को याद करना चाहता हूं, उनका योगदान बहुत बड़ा है… इतने लंबे समय तक उन्होंने जिस तरह से इस सदन और देश का मार्गदर्शन किया है, उसके लिए डॉ. मनमोहन सिंह को हमेशा याद किया जाएगा।”

पीएम मोदी ने कहा, “मुझे याद है कि दूसरे सदन में, मतदान के दौरान, यह पता था कि सत्ता पक्ष जीतेगा, लेकिन डॉ. मनमोहन सिंह अपनी व्हीलचेयर पर आए और अपना वोट डाला। यह एक सदस्य के अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत होने का एक उदाहरण है।” पीएम ने कहा कि सवाल ये नहीं है कि वो किस को ताकत देने आए थे। मैं मानता हूं वो लोकतंत्र को ताकत देने आए थे।”

“सदन हर 2 साल में नई प्राणशक्ति प्राप्त करता है”

राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये सदन हर 2 साल के बाद एक नई प्राणशक्ति और ऊर्जा  प्राप्त करता है। जो हर दो साल में होने वाली विदाई है, वो विदाई एक प्रकार से विदाई नहीं होती है बल्कि वो ऐसी स्मृतियों को यहां छोड़कर जाते हैं जो स्मृतियां आने वाली नई बैच के लिए एक अनमोल विरासत होती हैं।