म्यांमार के लगातार बिगड़ रहे हालात ने भारत को भी चिंता में डाल दिया है। इससे भारत जैसे पड़ोसी देश अलर्ट हो गए हैं। बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद ने बुधवार को कहा कि म्यांमार की बिगड़ती सुरक्षा स्थिति भारत और बांग्लादेश दोनों के लिए “चिंताजनक” है, क्योंकि यह क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को प्रभावित कर सकती है। महमूद ने यह बात राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बातचीत के कुछ घंटे बाद कही। महमूद ने कहा कि डोभाल के साथ उनकी बैठक में यह मुद्दा उठा और म्यांमार के रखाइन प्रांत में स्थिति बिगड़ने के बाद म्यांमा के 338 लोग बांग्लादेश में प्रवेश कर गए हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातर म्यांमा के सीमा सुरक्षा गार्ड और सेना के जवान हैं।

भारत ने रखाइन प्रांत में रह रहे अपने नागरिकों से वहां सुरक्षा स्थिति बिगड़ने के मद्देनजर तुरंत वह क्षेत्र छोड़ने के लिए कहा है। बांग्लादेश में पिछले महीने संसदीय चुनावों में जबर्दस्त जीत के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना के पांचवीं बार सत्ता में आने के बाद महमूद अपनी पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा के तहत मंगलवार से भारत की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने मीडिया के साथ एक संक्षिप्त बातचीत में कहा कि भारत-बांग्लादेश संबंध पिछले 10-15 वर्षों में काफी प्रगाढ़ हुए हैं और वह इसे एक नयी ऊंचाई पर ले जाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। महमूद विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ व्यापक वार्ता करने वाले हैं।

म्यांमार की स्थिति लगातार हो रही नाजुक

डोभाल के साथ अपनी मुलाकात पर महमूद ने कहा, “हमने म्यांमार की स्थिति पर चर्चा की क्योंकि उस देश में स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है।” उन्होंने कहा, “आज सुबह तक, 338 लोग, जिनमें ज्यादातर सीमा सुरक्षा गार्ड और सेना के जवान थे, बांग्लादेश में प्रवेश कर चुके थे। हमने उन्हें आश्रय दिया है।” महमूद ने कहा कि म्यांमार लोगों को वापस लेने के लिए सहमत हो गया है और नेपीदा में बांग्लादेश के राजदूत इस मुद्दे को पहले ही म्यांमा के विदेश मंत्री के समक्ष उठा चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘म्यांमार की स्थिति दोनों देशों (भारत और बांग्लादेश) के लिए चिंताजनक है क्योंकि हम दोनों की सीमा म्यांमार के साथ लगती है। हमने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) डोभाल के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की क्योंकि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए यह महत्वपूर्ण है कि म्यांमार में शांति कायम रहे।’’ एक फरवरी, 2021 को सेना द्वारा तख्तापलट करके सत्ता पर काबिज होने के बाद से म्यांमा में लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर व्यापक हिंसक दर्शन हो रहे हैं।

सशस्त्र समूह और म्यांमार की सेना में संघर्ष

रखाइन प्रांत और कई अन्य क्षेत्रों में पिछले साल अक्टूबर से सशस्त्र जातीय समूहों औरम्यांमार की सेना के बीच संघर्ष की सूचना मिली है। भारत-बांग्लादेश संबंधों पर, महमूद ने कहा कि बांग्लादेश के विदेश मंत्री के रूप में, उनका लक्ष्य कनेक्टिविटी, व्यापार, व्यवसाय और लोगों के बीच आदान-प्रदान के क्षेत्रों में संबंधों को और अधिक विस्तारित करना होगा। उन्होंने कहा, “पिछले 10-15 वर्षों में भारत और बांग्लादेश के संबंध और मजबूत हुए हैं। हमारा प्रयास संबंधों को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने का होगा।’’ महमूद ने कहा कि कनेक्टिविटी प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है क्योंकि यह दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “यह पूरे क्षेत्र की समृद्धि, क्षेत्रीय शांति और स्थिरता और आर्थिक सहयोग के लिए महत्वपूर्ण है।

” वर्ष 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों के सम्मान में ढाका द्वारा एक स्मारक बनाने और उसके उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित किए जाने के बारे में सवाल किए जाने पर महमूद ने कहा, ‘‘यदि वह देश की यात्रा कर सकें तो हमें बहुत खुशी होगी।’’ एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने कहा कि हसीना की संभावित भारत यात्रा की तारीखों को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है।


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.