सनातन धर्म में पितृपक्ष के दौरान पूर्वजों के लिए पिंडदान और तर्पण करने का विशेष महत्व होता है। खासकर बिहार के मोक्ष नगरी गया जी में पिंडदान करना बहुत ही अहम माना जाता है। 15 दिनों तक चलने वाले पितृपक्ष के दौरान लाखों लोगों ने अपने पूर्वजों के मोक्ष के लिए पिंडदान किया। पितृपक्ष के अंतिम दिन दिवंगत CDS बिपिन रावत की बेटियों ने अपने पिता के मोक्ष के लिए पिंडदान और तर्पण किया।

गया में पितृपक्ष मेला के अंतिम दिन देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की दोनों बेटियों ने अपने पिता और दिवंगत मां मधुलिका रावत के मोक्ष के लिए शनिवार को फल्गु नदी के तट पर पिंडदान किया। कृतिका रावत और कुमारी तारिणी रावत के साथ साथ बिपिन रावत के भाई रिटायर्ड कर्नल विजय रावत, बिपिन रावत के साले कुंवर यशवर्धन सिंह, उनकी पत्नी सपना सिंह समेत परिवार के अन्य सदस्य मौजूद रहे।

बता दें कि 8 दिसंबर 2021 को एक हेलीकॉप्टर हादसे में सीडीएस बिपिन रावत का निधन हो गया था। इस हादसे में उनकी पत्नी मधुलिका का भी निधन हो गया था। बिपिन रावत सुलुरु वायुसेना हवाई अड्डे से रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज वेलिंगटन जा रहे थे, तभी तमिलनाडु के नीलगिरि में उनका हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। इस हादसे में बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत 14 लोगों की मौत हो गई थी।


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.