DeepFake टेक्नोलॉजी के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए केंद्र सरकार जल्दी ही सख्त कदम उठा सकती है. माना जा रहा है कि सरकार इसको लेकर कड़े नियम ला सकती है जिसमें सख्त कार्रवाई का प्रावधान होगा. AI का गलत इस्तेमाल कर फेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही हैं. केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से एक्शन लेने और कड़े कानून बनाने की बात कही है. कंपनियां इस दिशा में काम कर रही हैं.

गुरुवार (23 नवंबर) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा DeepFake लोकतंत्र के लिए एक नया खतरा बनकर उभरा है और सरकार रेगुलेशन लाने पर भी विचार कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि डीपफेक से निपटने के लिए हमारे पास जल्द ही नए नियम होंगे.

‘रोकने के लिए कार्रवाई की जरूरत’

उन्होंने जानकारी देते हुए आगे बताया, “सोशल मीडिया मंच इस बात पर सहमत हुए कि ‘DeepFake’ का पता लगाने, उसे रोकने के लिए स्पष्ट कार्रवाई की जरूरत है.” उन्होंने कहा कि कंपनियां ‘DeepFake’ का पता लगाने, इससे निपटने, इसकी सूचना देने के तंत्र को मजबूत करने और उपयोगकर्ताओं में जागरूकता बढ़ाने जैसी स्पष्ट कार्रवाइयां करने पर सहमत हुईं.

वैष्णव ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम आज ही विनियमन का मसौदा तैयार करना शुरू कर देंगे और कुछ ही समय में हमारे पास ‘डीपफेक’ से निपटने के लिए नए नियम होंगे…यह मौजूदा ढांचे में संशोधन या नए नियम या नया कानून लाने के रूप में हो सकता है.’’

मंत्री ने कहा कि ‘डीपफेक’ लोकतंत्र के लिए एक नया खतरा बनकर उभरा है. वैष्णव ने कहा, ‘‘ हमारी अगली बैठक दिसंबर के पहले सप्ताह में होगी…आज किए गए फैसलों पर उसमें आगे की चर्चा होगी. मसौदा विनियमन में क्या शामिल किया जाना चाहिए, इस पर भी चर्चा की जाएगी.’’

बता दें कि हाल ही में बॉलीवुड के कई कलाकारों को निशाना बनाने वाले कई ‘डीपफेक’ वीडियो सोशल मीडिया मंच पर प्रसारित हो गए थे. इस पर कई लोगों ने नाराजगी जाहिर की थी. इससे नकली सामग्री बनाने के लिए प्रौद्योगिकी और उपकरणों के दुरुपयोग को लेकर भी कई सवाल खड़े हो गए.

इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि गरबा खेलते हुए उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जबकि उन्होंने कभी गरब खेला ही नहीं. पीएम मोदी ने भी मामले पर गंभीरता दिखाते हुए कहा कि इस तरह की चीज खतरनाक है.

क्या बोले पीएम मोदी?

उन्होंने कहा, “पूरी दुनिया में एआई (AI) के निगेटिव इस्तेमाल को लेकर चिंता बढ़ रही है. भारत की स्पष्ट सोच है कि AI के वैश्विक रेगुलेशन को लेकर हमें मिलकर काम करना चाहिए.” उन्होंने आगे कहा, ”डीपफेक समाज और व्यक्ति के लिए कितना खतरनाक है, इसकी गंभीरता को समझते हुए हमें आगे बढ़ना होगा. अगले महीने भारत में ग्लोबल एआई पार्टनरशिप समिट का आयोजन किया जा रहा है, मुझे उम्मीद है कि आप सब इसमें भी सहयोग देंगे.”


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