आईपीएस आदित्य कुमार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. 5 दिसंबर 2013 को आईपीएस आदित्य कुमार ने पटना के न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था, जिसके बाद उन्हें अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के द्वारा न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. अब फिर एक बार उनकी मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं उनके खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा आरोप पत्र दायर किया गया है।
इस मामले में चल रही है जांचः बता दें कि बिहार के तत्कालीन डीजीपी एसके सिंघल को आईपीएस आदित्य कुमार के द्वारा तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजय करोल के नाम पर व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर कॉल किया गया था. वहीं आदित्य कुमार के पक्ष में निर्णय लेने का दबाव बनाने के लिए कहा जा रहा था, उसी मामले में उन पर आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा प्राथमिक की दर्ज की गई थी।
2011 बैच के हैं आईपीएस: अब आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा उनके खिलाफ 1 मार्च 2024 को कई धाराओं में आईटी एक्ट के साथ आरोप पत्र समर्पित किया गया है. आदित्य कुमार 2011 बैच के आईपीएस हैं, जब ये गया के तत्कालीन एसपी थे उसी समय शराब मामले में उनके खिलाफ फतेहपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई थी और उन्हें निलंबित कर दिया गया था. हालांकि पटना हाईकोर्ट ने फतेहपुर शराब कांड में उनके विरुद्ध मामले को खत्म कर दिया है।
आर्थिक अपराध इकाई की कार्रवाईः वहीं, आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा लगातार भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई की जा रही है, इसी कड़ी में यह कार्रवाई आईपीएस आदित्य कुमार के खिलाफ की गई है. उनके विरुद्ध आईपीसी की धारा 353, 387, 419, 420 व अन्य और आईटी एक्ट की धारा 66 सी 66डी के तहत आरोप पत्र दाखिल हुआ है।
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