बिहार में एनडीए की नई सरकार में चार विधायकों के बल पर सहयोगी बनी जीतन राम मांझी की पार्टी एक और मंत्री पद की मांग कर सरकार पर दबाव बना रही है। कहा जा रहा है कि महागठबंधन की तरफ से सीएम बनाने का ऑफर मिलने के बाद मांझी का मन डोल रहा है और वे किसी भी वक्त खेला कर सकते हैं। मांझी का मांग का लोजपा (रामविलास) के चीफ चिराग पासवान ने एक बारी फिर समर्थन किया है। सियासी गलियारों में सवाल उठ रहे हैं कि चिराग आखिर मांझी को भड़काने की कोशिश क्यों कर रहे हैं?

दरअसल, नई सरकार में जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन को मंत्री बनाया गया है। महज चार विधायकों के बल पर मांझी एनडीए की सरकार पर एक और मंत्री पद के लिए दबाव बना रहे हैं। अब मांझी की इस मांग को समर्थन करते हुए एनडीए में शामिल चिराग पासवान मांझी के समर्थन में उतर गए हैं और उनकी मांग को जायज बता रहे हैं।

चिराग पासवान ने कहा कि जीतन राम मांझी ने गठबंधन के भीतर यह मांग रखी थी या नहीं रखी थी। शपथ लेने के पहले इस विषय पर कोई स्पष्ट बात हुई थी या नहीं हुई थी लेकिन हम इतना जरूर मानते हैं कि भले ही उनके विधायकों की संख्या कम हो पर आज की तारीख में जो राजनीतिक हालात हैं उस हालात में उनके विधायकों की संख्या का महत्व तो है ही। अगर मांझी एक और मंत्री पद की मांग कर रहे हैं तो उस मांग को जरूर सुना जाना चाहिए। उसपर चर्चा जरूर होनी चाहिए और किसी तरह का अन्याय नहीं होना चाहिए।

मांझी को कांग्रेस और महागठबंधन की तरफ से ऑफर मिलने के सवाल पर चिराग ने कहा कि जीतन राम मांझी को बिहार के पूर्व सीएम रहे ही हैं। ऐसे में अगर उन्हें कोई ऑफर दे रहा है तो यह कोई बड़ी बात नहीं है। कहा जा रहा है कि चिराग मांझी के सहारे नीतीश कुमार से अपनी पुरानी अदावत को साधने की फिराक में हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या चिराग एनडीए में रहते हुए मांझी के सहारे नीतीश और बीजेपी का खेल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं?


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.