IAS बनकर बेटी ने पिता के दोषियों को सालों बाद दिलाई सजा, किंजल सिंह ने ऐसे जीत ली जिंदगी की रेस : किंजल सिंह… ये वो नाम है जिसने अपने दम पर ये नाम कमाया है। किंजल की कहानी दर्दभरी है। किंजल यूपी के बलिया में 5 नजवरी 1982 को जन्मीं। जब वह सिर्फ 5 बरस की थीं तब ही उनके पिता केपी सिंह की हत्या कर दी गई थी। पिता की मौत के ठीक 6 महीने के बाद किंजल की बहन ने जन्म लिया। किंजल ने अपनी मां के साथ हर कठिन सफर को तय किया। मां ने भी जैसे-तैसे अपनी बेटियों को पालना शुरू किया।

किंजल की मां ने अपनी दोनों बेटियों को अधिकारी बनाने का फैसला बचपन में ही कर लिया था। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। किंजल की जिंदगी में उथल पुथल मच गया। उस वक्त दोनों बहनों की जिंदगी में तूफान आ गया जब उनकी मां ने भी उन्हें अलविदा कह दिया। साल 2004 में किंजल की मां उन्हें हमेशा-हमेशा के लिए छोड़कर चली गई। छोटी बहन प्रांजल की सारी जिम्मेदारी किंजल पर आ गई। किंजल ने न सिर्फ खुद को सफल बनाया बल्कि अपनी बहन की भी जिम्मेदारी उठाई।

किंजल के पिता केपी सिंह भी चाहते थे कि वह आईएएस अधिकारी बनें। लेकिन इससे पहले की वह अधिकारी बनते और यूपीएससी परीक्षा पास का रिजल्ट अपने आंखों से देखते वह इस दुनिया से जा चुके थे। उनकी मौत के कुछ दिन के बाद उनका यूपीएससी का रिजल्ट आया जिसमें वह मुख्य परीक्षा पास कर चुके थे।

माता-पिता को खोने के बाद दोनों बहनों ने खुद को बेहद मुश्किल से संभाला। पिता के सपनों को अपने आंखों में बसाकर दोनों ने दिन रात मेहनत की और आखिरकार उनका सपना एक दिन पूरा हुआ। किंजल ने साल 2008 में अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की और आईएएस चुनी गईं। सबसे दिलचस्प बात तो ये है कि उसी साल किंजल की बहन का चयन भी आईआरएस के लिए हुआ। आईएएस बनकर किंजल ने अपने पिता को भी न्याय दिलाया। और 18 दोषियों को सजा दिलाई।


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.