भारतीय क्रिकेट टीम 2006-2007 के वक्त बुरे दौर से जूझ रही थी। फिर 2007 वनडे वर्ल्ड कप में बांग्लादेश और श्रीलंका से हारकर टीम पहले राउंड से ही बाहर हो गई थी। इसके बाद भारतीय क्रिकेट मुश्किल में था। उसी वक्त तत्कालीन कप्तान राहुल द्रविड़ ने इस्तीफा दिया था और तलाश थी एक लीडर की। एमएस धोनी को फिर कप्तानी सौंपी गई। यहां से भारतीय क्रिकेट की सूरत बदलना शुरू हुई। भारत ने इसी साल टी20 वर्ल्ड कप के पहले संस्करण का खिताब जीता। यह तो बस शुरुआत थी इसके बाद एमएस धोनी ने फिर कभी मुड़कर नहीं देखा। माही के 42वें जन्मदिन के अवसर पर आइए जानते हैं उनके करियर की पांच खास उपलब्धियां।

ICC की सभी ट्रॉफी जीतने वाले इकलौते कप्तान (लिमिटेड ओवर)

एमएस धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने साल 2007 में टी20 वर्ल्ड कप, 2011 में वनडे वर्ल्ड कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता। वह व्हाइट बॉल क्रिकेट में यह तीनों आईसीसी खिताब जीतने वाले दुनिया के इकलौते कप्तान हैं। उनकी कप्तानी में 24 साल बाद भारत में कोई वर्ल्ड कप 2007 में आया था। इतना ही नहीं 28 साल बाद टीम इंडिया वनडे चैंपियन भी बनी थी। साल 1983 में कपिल देव की कप्तानी में वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद यह टीम इंडिया की सबसे बड़ी उपलब्धि थी।

सबसे अधिक वनडे मैचों में की कप्तानी

एमएस धोनी के नाम भारत के लिए सबसे अधिक वनडे मैचों में कप्तानी करने का रिकॉर्ड भी दर्ज हैं। उन्होंने 200 वनडे मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी की और धोनी की कप्तानी में टीम ने 110 मैचों में जीत दर्ज की जबकि 74 में हार का सामना करना पड़ा। वनडे क्रिकेट में वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब दिलाकर माही ने टीम इंडिया को एक नए मुकाम तक पहुंचाया था।

कैप्टेंसी के साथ बल्लेबाजी में भी जलवा

एमेस धोनी ने अपनी कैप्टेंसी के साथ-साथ बल्लेबाजी के आंकड़ों से भी खूब नाम कमाया। वह अपने वनडे डेब्यू के बाद सिर्फ 42 पारियों में ही वनडे रैंकिंग में टॉप पोजीशन पर पहुंच गए थे। उनके नाम सबसे कम पारियों में नंबर वन वनडे बल्लेबाज बनने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। 2005 में उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 183 रन बनाए थे। उनके नाम 10773 वनडे और 4876 टेस्ट रन दर्ज हैं।

टेस्ट क्रिकेट में टीम बनी नंबर 1

2008 में एमएस धोनी टेस्ट टीम के कप्तान बने थे। फिर साल 2009 में टीम इंडिया टेस्ट क्रिकेट में नंबर एक टीम बन गई थी। टेस्ट क्रिकेट में भी उनकी कप्तानी में टीम ने विदेशी सरजमीं पर जीतने की आदत बना ली थी।

एशिया कप में भी दो बार टीम बनी चैंपियन

एक कप्तान के तौर पर जहां इंटरनेशनल क्रिकेट में धोनी ने राज किया। वहीं एशिया में भी उनका दबदबा रहा। धोनी की कप्तानी में टीम ने दो वर्ल्ड कप और एक चैंपियंस ट्रॉफी का टाइटल जीतने के अलावा दो बार एशिया कप का भी खिताब जीता। टीम इंडिया ने साल 2010 और 2016 में एशिया कप की ट्रॉफी एमएस धोनी की कप्तानी में जीती थी।

एमएस धोनी ने अपने करीब 15-16 साल के करियर में काफी कुछ ऐसा किया जिसके बाद आज उनका नाम भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े नामों में से एक है। इंटरनेशनल क्रिकेट के अलावा आईपीएल में भी धोनी ने पांच बार अपनी कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स को चैंपियन बनाया। धोनी ने 2019 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में हार के बाद दोबारा इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी नहीं की। साल 2020 15 अगस्त की शाम अचानक अपने ही स्टाइल में धोनी ने संन्यास की घोषणा करते हुए सभी को चौंका दिया था। टेस्ट क्रिकेट से वह 2014 में ही संन्यास ले चुके थे।


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