अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में देर रात भूकंप की वजह से धरती कांप उठी। जानकारी के अनुसार, भूकंप रात लगभग तीन बजे आया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई। हालांकि इस भूकंप की वजह से अभी तक किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है।

वहीं यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, पूर्वी तुर्की में भी 5.2 तीव्रता का भूकंप आया। बता दें कि इसी साल फरवरी की शुरुआत में आये भूकंप की त्रासदी को अभी कोई भुला भी नहीं था कि इस भूकंप के झटके ने सभी को डरा दिया। हालांकि अभी किसी भी तरह के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन पिछले दिनों हुई तबाही के बाद हर कोई डरा हुआ है।

प्लेट्स के टकराने से आता है भूकंप

यह धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, जिन्‍हें इनर कोर, आउटर कोर, मैन्‍टल और क्रस्ट कहा जाता है। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहा जता है। ये 50 किलोमीटर की मोटी परतें होती हैं, जिन्हें टैक्‍टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैक्‍टोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं, घूमती रहती हैं, खिसकती रहती हैं। ये प्‍लेट्स अमूमन हर साल करीब 4-5 मिमी तक अपने स्थान से खिसक जाती हैं। ये क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इस क्रम में कभी कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। इस दौरान कभी-कभी ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती हैं। ऐसे में ही भूकंप आता है और धरती हिल जाती है। ये प्लेटें सतह से करीब 30-50 किमी तक नीचे हैं।


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