प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने कारोबारी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में मिली अग्रिम जमानत का विरोध किया है। ED ने दिल्ली हाई कोर्ट में वाड्रा को निचली अदालत से मिली जमानत को चुनौती दी और जमानत शर्तों का पालन नहीं किए जाने का दावा किया है। ED की ओर से पेश वकील ने कहा कि वाड्रा ने जमानत शर्तों का उल्लंघन किया है।

कोर्ट ने दो हफ्ते का समय दिया

ED के वकील ने कोर्ट में कहा कि वह एक अतिरिक्त हलफनामा दायर करेंगे जिसमें ये बताया जाएगा कि वाड्रा ने जमानत शर्तों का पालन नहीं किया है। वकील ने हलफनामा दायर करने के लिए कोर्ट से कुछ समय मांगा जिसपर कोर्ट ने उन्हें दो हफ्ते का समय दिया है। कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई सितंबर महीने में होगी।

ED ने मांगी थी हिरासत

इससे पहले ED ने कहा था कि वह रॉबर्ट वाड्रा को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है। एजेंसी का आरोप था कि पैसे के लेन देन की कड़ी सीधे वाड्रा से जुड़ी है लेकिन वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। बता दें कि, वाड्रा पर लंदन में 17 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति खरीदने में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। इस मामले की जांच PMLA के तहत की जा रही है।

याचिका का विरोध

दूसरी ओर वाड्रा के वकील ने ED के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। वकील ने कहा कि वाड्रा को ED ने जब भी बुलाया, वह एजेंसी के सामने पेश हुए और सहयोग किया। वाड्रा का कहना है कि उनके द्वारा सहयोग नहीं करने का एक भी उदाहरण नहीं है। न ही सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का कोई जोखिम है क्योंकि ED ने मामले से संबंधित सभी दस्तावेजों को पहले ही जब्त कर लिया है।