सीतामढ़ी के परसौनी थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार जाली नोट के चार धंधेबाजों को पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। एसपी मनोज कुमार तिवारी ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि चंदन राउत नेपाल पुलिस के लिए सरदर्द था। नेपाल पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी। वह नेपाल में भारतीय नोटों को ले जाकर फेरबदल करता था।

सख्ती से पूछताछ में चंदन राउत ने बताया कि मेजरगंज थाना क्षेत्र के कुआरी मदन गांव निवासी रविभूषण कुमार इस धंधे में संलिप्त है। रवि भूषण कुमार हत्या समेत कई मामलों में पूर्व में जेल जा चुका है।

100 रुपये के नकली नोटों की कर रहे थे छपाई

मिली जानकारी के मुताबिक, ये लोग केवल सौ रुपये के ही नकली नोट छाप रहे थे। छापेमारी में पुलिस को एक कटर मशीन, पाउडर इंक, बिना नंबर की एक बाइक और कार के अलावा, 12 पीस नोट की साइज में कटे कागज मिले हैं।

इस संबंध में परसौनी थाना क्षेत्र के भगवानपुर निवासी रामजतन राय के बयान पर परसौनी थानें में केस दर्ज कर चारों धंधेबाजों को शनिवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

ऐसे खुला पूरा मामला ?

गौरतलब है कि परसौनी थाने की पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि चंदन गुरुवार शाम भगवानपुर निवासी रामजतन राय से नकली नोट को एक्सचेंज करने का प्रयास किया जा रहा है। उसी वक्त परसौनी थाने की पुलिस ने नोट एक्सचेंज कर रहे युवक को दबोच लिया। उसकी गिरफ्तारी के बाद डीएसपी सोनल कुमारी के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया।

कौन है इस कारोबार का मास्टरमाइंड ?

जांच में पुलिस को पता चला कि शिवहर जिले के पुरनहिया थाना क्षेत्र के अशोगी छपरा निवासी संजय कुमार जाली नोट का धंधा कर रहा है। पुलिस ने संजय कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया।

उसने बताया कि नेपाल के सरलाही जिले के डुमरिया थाना क्षेत्र के गड़हिया डुमरिया निवासी चंदन राउत सीतामढ़ी में रहकर मजदूरी का काम करता है। वह भी जाली नोट के धंधे में संलिप्त है। कई वर्षों से नेपाल पुलिस को उसकी तलाश थी।

मेजरगंज थाना क्षेत्र के रामपथ पकड़ी गांव के राजेश कुमार, कुआरी मदन के रविभूषण कुमार, नेपाल के गड़हिया डुमरिया के चंदन राउत और शिवहर जिले के पुरनहिया थाना क्षेत्र की अशोगी पंचायत के पूर्व मुखिया रामवृक्ष प्रसाद यादव के पुत्र संजय राय शामिल हैं।


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