अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जारी हलचल के बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया है. फारूक अब्दुल्ला ने आज अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए प्रयास करने वाले लोगों को बधाई दी और कहा कि भारत में भाईचारा कम हो रहा है और इसे पुनर्जीवित करने की जरूरत है. इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि भगवान राम केवल हिंदुओं के नहीं हैं, बल्कि पूरी दुनिया के हैं.

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला है. मैं मंदिर के लिए प्रयास करने वाले सभी लोगों को बधाई देना चाहता हूं. यह अब बनकर तैयार है. उन्होंने आगे इस बात पर जोर दिया कि भगवान राम केवल हिंदुओं के नहीं हैं, वह दुनिया में हर किसी के हैं.

‘भगवान राम केवल हिंदुओं के नहीं, पूरी दुनिया के’

नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘मैं पूरे देश से यह भी कहना चाहता हूं कि भगवान राम केवल हिंदुओं के नहीं हैं; वह दुनिया के सभी लोगों के हैं. वह दुनिया भर के सभी लोगों के भगवान हैं. यह किताबों में लिखा है.’ फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि भगवान राम ने भाईचारा, प्रेम, एकता और एक-दूसरे की मदद करने का संदेश दिया है.

फारूक अब्दुल्ला ने राम का नाम लेकर क्या कहा

फारूक अब्दुल्ला ने कहा, उन्होंने (भगवान राम ने) भाईचारे, प्रेम, एकता और एक-दूसरे की मदद करने का संदेश दिया है. उन्होंने हमेशा कहा है कि गिरे हुए लोगों का उत्थान करो, चाहे वे किसी भी धर्म या जाति के हों. उन्होंने एक सार्वभौमिक संदेश दिया है. आज, जैसा कि राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है, मैं देश के लोगों से कहना चाहता हूं कि हमारे देश में जो भाईचारा कम हो रहा है, उसे फिर से पुनर्जीवित करें. मैं हर किसी से कहना चाहता हूं कि भाईचारा बनाए रखें.’

22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा
बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भव्य मंदिर में राम लला (भगवान राम का बाल रूप) की मूर्ति की स्थापना की जाएगी. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सैकड़ों अधिकारियों के शामिल होने की उम्मीद है. ट्रस्ट ने समारोह के लिए सभी संप्रदायों के 4,000 संतों को भी आमंत्रित किया है. अयोध्या में राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा (प्रतिष्ठापन) समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले यानी 16 जनवरी को शुरू होंगे. वाराणसी के एक वैदिक पुजारी, लक्ष्मी कांत दीक्षित, 22 जनवरी को राम लला के अभिषेक समारोह का मुख्य अनुष्ठान करेंगे. 14 जनवरी से 22 जनवरी तक अयोध्या में अमृत महाउत्सव मनाया जाएगा.

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