बिहार में बनी नयी सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले खेला की आशंका ने बीजेपी को बेचैन कर दिया है. लिहाजा बीजेपी ने अपने सारे विधायकों को एक साथ पटना से बाहर रखने की तैयारी कर ली है. 10-11 फरवरी को बीजेपी के सारे विधायक बोधगया में रहेंगे. उन्हें फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले एक साथ पटना लाया जायेगा।

विधायकों की घेराबंदी

बीजेपी की ओऱ से ये जानकारी आयी है कि पार्टी ने 10 और 11 फरवरी को पार्टी के विधायकों के प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया है. ये प्रशिक्षण शिविर बोधगया में आयोजित होगा. इसमें तमाम विधायक मौजूद रहेंगे, जिन्हें पार्टी के पदाधिकारी प्रशिक्षण देंगे।

बता दें कि बीजेपी ने पहले से ऐसा कोई कार्यक्रम तय नहीं किया था. बुधवार की रात भाजपा के बड़े नेताओं की बैठक हुई, जिसमें फ्लोर टेस्ट से पहले सारे विधायकों को एक साथ रखने का फैसला लिया गया. इसके लिए प्रशिक्षण शिविर की प्लानिंग की गयी. ये भी तय किया गया कि पटना में अगर शिविर लगाया गया तो विधायकों को इधर-उधर भटकने का खतरा होगा. लिहाजा, शिविर को पटना से बाहर लगाया जाये. इसके लिए बोधगया का चयन किया गया।

फ्लोर टेस्ट के दिन लौटेंगे विधायक

बीजेपी के एक नेता ने बताया कि विधायकों को 10 औऱ 11 फरवरी को एक साथ रखने के बाद उन्हें 12 फरवरी को एक साथ पटना लाने की तैयारी की जा रही है. 12 फरवरी से ही बिहार विधानमंडल का सत्र शुरू होना है. सत्र की शुरूआत में राज्यपाल विधानसभा औऱ विधान परिषद की संयुक्त बैठक में अभिभाषण देंगे. उसके बाद विधानसभा की कार्यवाही होगी, जिसमें नीतीश सरकार को विश्वास मत हासिल करना है. विधायकों को उसी दिन पटना लाने की तैयारी की जा रही है. डर इस बात का भी है कि अगर पहले पटना लाया गया तो कहीं 11 फरवरी की रात को ही कुछ खेल न हो जाये।

लालू के दांव से डरी भाजपा

बता दें कि इससे पहले बीजेपी ने 7 फरवरी को आनन फानन में अपने विधायकों की बैठक भी बुला ली थी. बिहार में कोई भी पार्टी अपने विधायकों की बैठक उस दिन बुलाती है जिस दिन विधानमंडल का सत्र शुरू होता है. लेकिन सत्र शुरू होने से पांच दिन पहले अचानक से विधायकों की बैठक बुलाने का मतलब सिर्फ और सिर्फ ये था कि भाजपा आशंकित है. तभी डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के आवास पर डिनर के बहाने बीजेपी विधायकों को 7 फरवरी को ही पटना बुला लिया गया।

विधानसभा अध्यक्ष के एलान से बढी हलचल

दरअसल बिहार में खेला होने की चर्चा ने 7 फरवरी को जोर पकड़ा जब बिहार विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने चौंकाने वाला एलान कर दिया. उन्होंने कह दिया कि वे कुर्सी नहीं छोडेंगे. यानि 12 फरवरी को जब नीतीश कुमार विश्वास मत पेश करेंगे तो उस दौरान राजद के अवध बिहारी चौधरी कुर्सी पर जबरन बने रहेंगे. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वे 21 फरवरी तक कुर्सी पर बने रहेंगे औऱ उसके बाद अध्यक्ष के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर फैसला होगा. अध्यक्ष के इस एलान के बाद बड़े संकट के आसार नजर आने लगे।

एक्शन में लालू

उधर, सियासी गलियारे में चर्चा है कि लालू प्रसाद यादव एक्शन में है. चर्चा ये है कि लालू यादव ने जेडीयू और बीजेपी के कम से कम एक दर्जन विधायकों से फोन पर बात की है. एनडीए के 6 विधायकों की लालू यादव से मुलाकात होने की भी खबर फैली है. इनमें तीन जेडीयू के हैं तो तीन बीजेपी के. खबर है कि बीजेपी के नेतृत्व को भी पता चला है कि उसके कुछ विधायक राजद और लालू के संपर्क में हैं।

राजद सूत्रों ने बताया कि लालू यादव को जमीन के बदले नौकरी घोटाले के मामले में 9 फरवरी को दिल्ली की कोर्ट में हाजिर होना है. इसके लिए उन्हें 7 फरवरी को ही दिल्ली जाना था. लेकिन उन्होंने अपना टिकट कैंसिल करा दिया और पटना में जमे हैं. लालू का दांव कहां तक सफल होगा ये फिलहाल नहीं कहा जा सकता लेकिन बिहार में खेला होने की संभावनायें बढ़ती जा रही हैं।


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