नया साल में बिहार की राजनीति में बड़ा फेरबदल देखने के लिए मिल सकता है. चर्चा है कि सीएम नीतीश कुमार एक बार फिर पाला बदलेंगे, क्योंकि सीएम नीतीश कुमारइंडिया गठबंधन से नाराज हैं. हालांकि उन्होंने मीडिया को दिए बयान में इसका खंडन किया था कि वे किसी से नाराज नहीं हैं. लेकिन अंदर की क्या बात है ये कुछ दिनों में साफ हो सकता है. 29 दिसंबर को जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने जा रही है।

बढ़ते अपराध को लेकर विपक्ष बिहार में जंगलराज की वापसी का आरोप लगा रहे हैं. विपक्षियों का कहना है कि जब से नीतीश कुमार राजद के साथ गए हैं, तब से बिहार में आपराधिक घटनाएं बढ़ गई है. कहीं न कहीं यह भी एक कारण है कि नीतीश कुमार फिर से राजद का साथ छोड़ सकते हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हाल के दिनों में भाजपा नेताओं का नीतीश कुमार के प्रति सहानुभूति देखने को मिल रही है।

सवाल उठता है कि क्या नीतीश कुमार फिर से NDA में शामिल हो सकते हैं? इसको लेकर पहले तो भाजपा नेता कहते थे कि नीतीश कुमार के लिए दरवाजा हमेशा के लिए बंद है, लेकिन मंगलवार को केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने नीतीश कुमार की चिंता की और सहानुभूति जताते हुए गोल मटोल जबाव दिए. उन्होंने गेंद नीतीश कुमार के पाला में डाले हैं।

बेगूसराय पहुंच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी नीतीश कुमार को लेकर बयान दिया. हालांकि उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के लिए भाजपा में हमेशा के लिए दरवाजा बंद हैं. इस दौरान उन्होंने नीतीश कुमार के पलटने की चर्चा करते हुए कहा कि पता नहीं नीतीश कुमार को पलटने की आदत कब लग गई. नीतीश कुमार इस कारण अपना व्यक्तित्व खो दिए हैं।