बिहार सरकार का शिक्षा विभाग अपने स्कूलों के शिक्षकों को तरह-तरह का टास्क दे रहा है. सरकारी स्कूलों के हेडमास्टरों को पहले मिड डे मिल का खाली बोरा बेचने का काम मिला था. उसके बाद कबाड़ की बिक्री का काम सौंपा गया है. राज्य भर के सरकारी स्कूलों में पुराने और बेकार पड़े सामानों की नीलामी का आदेश दिया गया है. अब सरकार की ओर से कबाड़ का रेट भी तय कर दिया गया है।
राज्य सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से कबाड़ बेचने का आदेश जारी होने के बाद पटना जिले में कबाड़ का रेट भी तय कर लिया गया है. पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी ने एक सप्ताह के भीतर सरकारी स्कूलों से सारा कबाड़ बेचने का निर्देश जारी किया है. सरकारी स्कूलों में कबाड़ के लिए रेट तय किया गया है. पुराना कंप्यूटर 50 रुपए किलो तो मिड डे मिल का पुराना बर्तन 20 रुपये किलो की रेट से बिकेगा. डीईओ की ओर से ये जानकारी सभी मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापक और सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को दी गयी है।
दरअसल, शिक्षा विभाग से आदेश मिलने के बाद जिले में पिछले 15 दिनों से सभी स्कूलों में पुराने बेकार पड़े सामान की पहचान की जा रही थी. लगभग हर स्कूल में 500 किलो से अधिक कबाड़ पाया गया है. बता दें कि पटना जिले में 4076 सरकारी स्कूल हैं. पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि सभी स्कूलों में ढेर सारे पुराने सामान मिले हैं, जिन्हें एक सप्ताह के अंदर हटा दिया जाएगा. पुराने सामान की नीलामी से जो पैसे आयेंगे उसे स्कूल के विकास में खर्च किया जायेगा।
ये है कबाड़ का रेट
बेंच, डेस्क, कुर्सी या लकड़ी का सामान-6 रुपए प्रति किलो
लोहा और चदरा का सामान-20 रुपए प्रति किलो
प्लास्टिक का सामान-8 रुपए प्रति किलो
बेकार पेपर, कार्टून, बोरा-75 रुपए प्रति किलो
पुराना जेनरेटर-50 रुपए प्रति किलो
इनवर्टर, पुराना कंप्यूटर-40 से 50 रुपये प्रति किलो
पुराना पंखा-100 रुपए प्रति पीस
पुरानी बैट्री-दो से तीन हजार रुपए प्रति पीस
मध्याह्न भोजन का पुराना बर्तन-स्टील का 20 रुपए और एल्युनियम का 50 रुपये प्रति किलो
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