कोर्ट परिसर में कार्यरत हवलदार सरगुण हरिजन इस बार बुरी तरह से फंस गया है. दुमका, साहिबगंज, गोड्डा और पाकुड़ के 23 लोगों ने उस पर कोर्ट में नौकरी दिलाने के नाम पर 61 लाख रुपए ठगी करने का आरोप लगाते नगर थाना में आवेदन दिया है. पीड़ितों ने आवेदन की प्रति राज्यपाल, मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक, जिला जज, डीआइजी व एसपी को देकर आरोपित पर कार्रवाई की मांग की है.

गोड्डा के दुबराजपुर निवासी बलराम पासवान ने नगर थाना में दिए आवेदन में बताया कि सरगुण शातिर है. उसने जमीन के नाम पर पहले पैसा लिया और उसके खिलाफ ही केस दर्ज करा दिया. तीन साल पहले गोड्डा के चार, साहिबगंज के 11, पाकुड़ के तीन और दुमका के पांच लोगों से कोर्ट परिसर में नौकरी दिलाने के नाम पर करीब 61 लाख रुपए लिए. सरगुण ने कहा कि उसका जजों के साथ अच्छा संबंध है, वह किसी की भी नौकरी लगवा सकता है.

इस बात की लालच में आकर सभी 23 लोगों ने उसके खाते में पैसा डाल दिया. पैसा लेने के बाद सभी से दो सादे कागज में हस्ताक्षर लिया और कहा कि जल्द ही परीक्षा का एडमिट कार्ड और योगदान पत्र भेज दिया जाएगा. नौकरी लगवाने के नाम पर उन पैसों से कहीं जमीन खरीद ली तो कहीं घर बनवा लिया. नौकरी नहीं लगने पर पैसा वापस मांगा तो कुछ पैसा खातों में वापस भी डाल दिया.

हवलदार के पुत्र मुकेश दास ने खुद को बिहार के पटना के कोर्ट सहायक लिपिक का योगदान पत्र भी दिखाया. इतना ही नहीं गोड्डा के पवन पंडित को बिहार के पटना कोर्ट में सहायक लिपिक पद के लिए डाक से नियुक्ति पत्र भी भेज दिया. कहा कि अगर झारखंड में नौकरी नहीं लगी तो बिहार में जरूर लगवा देंगे.

आरोप लगानेवालों ने बताया कि पिता पुत्र खुले आम न्यायालय की मुहर, साहब का फर्जी हस्ताक्षर, चयन सूची और डाक से नियुक्त पत्र भेजता है. इस कार्य में उसका परिवार शामिल है. सहायक पुलिस निरीक्षक अजीत कुमार को पीड़ितों ने आवेदन दिया है, लेकिन उन तक आवेदन नहीं पहुंचा है. नगर थाना के पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी अतिन कुमार ने कहा कि विचार विमर्श करने के बाद मामले की जांच कराई जाएगी.


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