पुरी के जगन्नाथ मंदिर के अधिकारियों ने मंदिर के परिसर में एक जनवरी 2024 से ‘पान और गुटखा’ खाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने से पहले 12वीं सदी के इस मंदिर के परिसर में पान और गुटखा न खाने को लेकर जागरूकता फैलाई जाएगी। इस सिलसिले में लिये गए निर्णय की घोषणा श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के मुख्य प्रशासक रंजन कुमार दास ने की। मंदिर के मुख्य प्रशासक दास ने कहा कि श्रद्धालुओं, सेवादारों और मंदिर के कर्मचारियों के लिए प्रतिबंध को सख्ती से लागू किया जाएगा।

‘मंदिर में ऐसी चीजों पर जुर्माने का प्रावधान’

रंजन कुमार दास ने मंगलवार को कहा,‘मंदिर परिसर में पान और गुटखा नहीं खाने के लिए नवंबर और दिसंबर में जागरूकता फैलाई जाएगी, जबकि प्रतिबंध एक जनवरी से लागू होगा। नियम का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा।’ मंदिर प्रशासन ने इस विषय पर सेवादारों के शीर्ष संगठन छत्तीसा निजोग को भी पत्र लिखा है। इसने पत्र में कहा कि मंदिर परिसर में इस तरह की चीजें खाने पर जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन ‘नियम का कोई भी पालन नहीं कर रहा है।’

‘मंदिर कोई मनोरंजन का स्थान नहीं है’

बता दें कि पिछले महीने मंदिर प्रशासन ने कहा था कि वह एक जनवरी से श्रद्धालुओं के लिए एक ‘ड्रेस कोड’ लागू करेगा। दास ने कहा था, ‘मंदिर की गरिमा और पवित्रता बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। दुर्भाग्यवश, कुछ लोग दूसरे लोगों की धार्मिक भावनाओं की परवाह किए बिना मंदिर में आ जाते हैं। कुछ लोगों को मंदिर में फटी जींस, बिना आस्तीन वाले वस्त्र और हाफ पैंट पहने देखा गया, मानो ये लोग बीच या पार्क में घूम रहे हों। मंदिर में भगवान रहते हैं, मंदिर मनोरंजन का कोई स्थान नहीं है।’

एक जनवरी 2024 से लागू होगा ड्रेस कोड

मंदिर प्रशासन के अधिकारियों ने इसके साथ ही यह भी बताया था कि मंदिर के ‘सिंह द्वार’ पर तैनात सुरक्षा कर्मियों और मंदिर के अंदर प्रतिहारी सेवकों को ड्रेस कोड लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि मंदिर में कुछ लोगों को ‘अशोभनीय’ पोशाक में देखे जाने के बाद ‘नीति’ उप-समिति की बैठक में श्रद्धालुओं के लिए ‘ड्रेस कोड’ लागू करने का निर्णय लिया गया। रंजन कुमार दास ने कहा कि मंदिर में एक जनवरी, 2024 से ‘ड्रेस कोड’ लागू किया जाएगा।


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