मुंगेर में शातिर अलग अलग हथकंडे आजमा कर साइबर अपराध को अंजाम दे रहे हैं। इसी कड़ी में आज साइबर थाना में साइबर फ्राड के 02 मामले दर्ज किए गए। एक मामले में 80 हजार रुपए की निकासी की गई। जबकि दूसरे मामले में 10 हजार रुपए की अवैध निकासी की शिकायत दर्ज कराई गई है। जमालपुर निवासी प्रोफेसर मुकेश कुमार ने साइबर थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उसने इंडसबैंक में क्रेडिट कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। 28 अक्टूबर को डिलेवरी ब्वाय कोरियर लेकर उसके घर पहुंचा।

कहा की डिलेवरी ब्वाय कोरियर रिसीव करा ही रहा था कि उनके मोबाइल पर एक फोन आया। जिसमें बताया गया कि वह इंडसइंड बैंक से बोल रहा है की क्रेडिट कार्ड का लास्ट 7 डिजिट बताएं। इस पर आपको ओटीपी जाएगा। इसके बाद ही क्रेडिट कार्ड एक्टिवेट होगा। उसने लास्ट 7 डिजिट का नंबर बताया। उसके मोबाइल पर ओटीपी आया। ओटीपी बताते ही उसके इंडसइंड बैंक के खाता से 80 हजार रुपए की निकासी 5 मिनट के अंदर हो गई। इस पर उन्होंने बैंक के कस्टमर केयर में फोन कर इसकी जानकारी दी, जहां से साइबर थाना में शिकायत की बात कही गई।

दूसरी घटना कासिम बाजार थानान्तर्गत हसनगंज निवासी दुकानदार राजेश कुमार के साथ घटी। उन्होंने अपने आवेदन में बताया कि बिजली कंपनी से फोन आया। जिसमें बताया गया कि आपका बिल जमा नहीं हुआ है। इसलिए कनेक्शन काट दिया जाएगा। जब राजेश ने बताया कि उसका बिल हर माह जमा होता है तो फोन करने वाले ने बताया कि पुराना ऐप बदल गया है। नया ऐप आया है आपको भेज रहे हैं। इसके बाद उसके मोबाइल पर जूहू ऐप लोड करवाया। ऐप लोड कराने के दौरान कुछ नंबर दाबने को कहा और दस मिनट में ही उसके बैंक आफ बड़ौदा के खाता से 10 हजार रुपए की निकासी हो गई।

साइबर थाना प्रभारी प्रभात रंजन ने बताया कि साइबर फ्राड का दो मामला दर्ज किया गया है। छानबीन की जा रही है। उन्होंने आमलोगों से अपील किया है कि किसी भी अनजान नंबर के मैसेज पर कोई रिप्लाई नहीं करें, अन्यथा साइबर ठगी का शिकार हो सकते हैं।


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