एक दिहाड़ी मजदूर जब रातों-रात करोड़पति बन जाता है तब ये बात समझ आती है कि वाकई में किस्मत कुछ भी करने में सक्षम है. एक बार फिर से किस्मत ने कुछ ऐसा ही कर के पश्चिम बंगाल के एक जिले को चौंका दिया है. जहां एक मजदूरी करने वाले शख्स ने उधारी के पैसे से लॉटरी खरीदी और करोड़पति बन गया. सुनने में काल्पनिक लग रहा है लेकिन ऐसा सच में हुआ है.

जी हां, पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान/बर्धमान के रहने वाले भास्कर माझी मात्र 40 रुपये की लॉटरी खरीद कर करोड़पति बन गए हैं. हैरान करने वाली बात तो ये है कि भास्कर के पास ये लॉटरी खरीदने तक के पैसे नहीं थे. उन्होंने 40 रुपये उधार लेकर लॉटरी खरीदी थी. उधारी के 40 रुपये से लॉटरी खरीदने के कुछ ही घंटों बाद  दिहाड़ी मजदूर भास्कर को पता चला कि वह करोड़पति बन गए हैं.

लॉटरी जीत कर करोड़पति बने भास्कर अपने परिवार का पेट पालने के लिए दूसरे की जमीन पर काम और बकरी पालते हैं. इस गरीबी में भी भास्कर को लॉटरी खरीदने की बुरी लत रही है. वह पिछले 10 साल से लॉटरी पर पैसे लगाते आ रहे हैं. हालांकि अब उनकी इसी बुरी लत से उनकी किस्मत पलट गई है. रविवार यानी 1 अक्टूबर को भास्कर माझी ने 40 रुपये उधार लेकर लॉटरी खरीदी और एक करोड़ रुपये का इनाम जीत लिया.

10 साल से थी लॉटरी खरीदने की लत

भास्कर ने इनाम जीतने के बाद मीडिया से बताया कि, उनकी लॉटरी खरीदने की लत से उनका परिवार तंग था. जब भी उनके जेब से लॉटरी टिकट निकलता तो परिवारवाले उन्हें खूब सुनाते थे. सब कहते कि, खाने के लिए पैसे मुश्किल से मिल रहे हैं और ये लॉटरी खरीदने में उसे उड़ा देता है. इतना सब सुनने के बावजूद भास्कर की लत नहीं छूटी. उनके पास जब पैसे नहीं होते तो वह किसी से उधार लेकर लॉटरी खरीदते. 1 अक्टूबर को भी ऐसा ही हुआ, भास्कर के पास पैस नहीं थे तो उन्होंने अपने एक साथी से 40 रुपये उधार लिए. लॉटरी टिकट 60 रुपये का था. बाकी के 20 रुपये भी भास्कर के पास नहीं थे. इसके बाद उन्होंने 20 रुपये दुकानदार पर बकाया भी चढ़ा दिया.

लॉटरी टिकट काउंटर मालिक सेख मामेजुल का कहना है कि रविवार दोपहर 1:20 बजे की खेल में 1 करोड़ फर्स्ट प्राइज गांव के भास्कर माझी ने जीता है. करीब 10 साल बाद मंगलकोर इलाके के किसी दुकान से लॉटरी में फर्स्ट प्राइज पड़ा और कोई करोड़पति बना है. उनका कहना है कि वह इस बात से बेहद खुश हैं कि उनके काउंटर से एक गरीब परिवार का मेहनतकश मजदूर करोड़पति बन गया है.

जीते हुए पैसों से करेंगे सपने पूरे

लॉटरी खरीदने के बाद भास्कर बकरी के लिए घास काटने चले गए. दोपहर में लॉटरी विक्रेता ने जब बताया कि लॉटरी का पहला इनाम भास्कर के लॉटरी नंबर पर आया है तो पूरा गांव खुशी से झूम उठा. भास्कर ने बताया कि वह बेहद गरीब हैं. उनका परिवार एक मिट्टी के घर में रहता है. बारिश के मौसम में छत से पानी गिरता रहता है. अब उन्होंने इनाम जीता है तो उन पैसों से सबसे पहले अपना घर बनाएंगे. उनके पास खेती के लिए जमीन भी नहीं है, तो वह एक खेत भी खरीदेंगे. कुछ पैसे वो अपनी दो बेटियों की शादी के लिए रखेंगे. और परिवार के लिए आगे का कुछ काम करेंगे जिससे अपने घर में ही मेहनत कर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर सकें.


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