Imam Bukhari On Israel Hamas War: दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम बुखारी ने कहा है कि इजरायल हमास की जंग को रोकने में मुस्लिम देश फेल रहे हैं. उन्होंने PM मोदी से कूटनीतिक दबाव की अपील की है.

मिडिल ईस्ट में गाजा पट्टी पर इजरायल की सेना (IDF) के हमले पिछले 3 महीने से जारी हैं. इसमें 20 हजार से अधिक लोगों के मारे जाने के दावे किए जा रहे हैं.

अब इस पर दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जंग को खत्म करवाने के लिए मदद की अपील की है. उन्होंने कहा है कि मुस्लिम देश इस मामले में फेल हो चुके हैं.

कूटनीतिक दबाव बनाएं पीएम मोदी”
गाजा में जारी जंग खत्म करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी से इजरायल पर कूटनीतिक दबाव डालने की गुजारिश करते हुए शुक्रवार (29 दिसंबर) को बुखारी ने कहा कि मुस्लिम जगत इजराइल-फलस्तीन संघर्ष में अपनी जिम्मेदारियां नहीं निभा पाया है. उन्होंने कहा है कि युद्ध से 21 हजार 300 से अधिक फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है और मानवीय संकट खड़ा हो गया है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक बुखारी ने एक बयान में कहा कि फिलिस्तीन का मसला एक ऐसे स्तर पर पहुंच गया है जहां ‘द्विराष्ट्र सिद्धांत’ (Two Nations Theory) के आधार पर संयुक्त राष्ट्र, अरब लीग और खाड़ी सहयोग परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के अनुरूप इसका तत्काल और स्थायी समाधान किया जाना चाहिए.

” मुस्लिम जगत अपनी जिम्मेदारियां को पूरा नहीं कर पाया, पीएम मोदी से उम्मीद “
बुखारी ने दुनिया भर के मुस्लिम देशों पर इस मामले के समाधान में विफल रहने की बात की है. उन्होंने कहा, “मुस्लिम जगत इस संबंध में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं कर पाया है. मुस्लिम जगत को जो करना चाहिए, वह नहीं कर रहा है तथा यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.” बुखारी ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि मेरे देश के प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) इजरायल के प्रधानमंत्री (बेंजामिन नेतन्याहू) के साथ अपने व्यक्तिगत रिश्तों के जरिये जंग खत्म करने और मसलों को हल करने के लिए कूटनीतिक दबाव डालेंगे.”

भारत ने किया है जंग खत्म करने का समर्थन
आपको बता दें कि भारत ने भी गाजा पट्टी में जंग को खत्म करने की वकालत की है. इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में भारत मतदान किया है. इसमें इजरायल-हमास संघर्ष में तत्काल मानवीय युद्धविराम के साथ-साथ सभी बंधकों की बिना शर्त रिहाई की मांग की गई थी.
गत 7 अक्टूबर को इसरायल में घुसकर फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास के लड़ाकों ने हमले किए थे जिसमें इजरायल के 14 लोगों की मौत हो गई है. इसके बाद से इजरायली सेना लगातार गाजा पट्टी में जमीनी और हवाई हमले कर रही है.


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