नूंह में हुई हिंसा के बाद पलवल में आज हिंदू संगठनों द्वारा महापंचायत का आयोजन किया गया। 31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा के बाद विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा को रोक दिया गया था। लेकिन एक बार फिर ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा को पूरा करने पर आज फैसला लिया गया। हिंदू महापंचायत में पंच रतन सिंह ने फैसला सुनाया। उन्होंने कहा ‘नूंह हिंसा की जांच राज्य सरकार से नहीं बल्कि एनआईए से कराई जाए। हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये और सरकारी नौकरी दी जाए।’

हिंदू महापंचायत ने दिया ये फैसला

हिंदू महापंचायत ने मांग की है कि हिंसा में घायल लोगों को 50 लाख रुपये दिए जाए। साथ ही जिनका भी नुकसान हुआ है उसका आंकलन किया जाए और पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए। नूंह जिले से सभी विदेशी लोगों को बाहर निकाला जाए। हिंदू महापंचायत ने कहा, ‘अगर लोग आत्मरक्षा के लिहाज से हथियार लें तो उनपर सरकार सख्ती न करे।’ हिंदू महापंचायत ने प्रस्ताव में कहा कि केंद्रीय फोर्स का एक हेडक्वार्टर मेवात में खोला जाए। दंगाइयों की पहचान करने के बाद उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। पंचायत ने सरकार से मांग की है कि नूह जिले का स्टेट्स खत्म किया जाए। साथ ही इलाके को गौ हत्या मुक्त घोषित किया जाए। क्योंकि सारे झगड़े की जड़ यही है।

नूंह में फिर निकाली जाएगी जलाभिषेक यात्रा

हिंदू महापंचायत ने अपील की कि सभी लोग अपने घरों में गाय पाले। वहीं एक अहम फैसला यह भी लिया गया कि 28 अगस्त को शोभायात्रा दोबारा निकाली जाएगी। बता दें कि 31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा के बाद विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा को रोकना पड़ा था। इस महापंचायत में इसपर फैसला आ गया है। बता दें कि 28 अगस्त का सावन का अंतिम सोमवार है। इसी दिन जलाभिषेक यात्रा फिर निकाली जाएगी।

क्या बोले सीएम

पलवल में हिंदू संगठनों के महापंचायत को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि जब शोभायात्रा शुरू करने को लेकर वे सरकार से अनुमति मांगेंगे तो हम उचित कदम उठाएंगे।


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