बिहार की राजनीतिक में हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कैबिनेट में मंत्री संतोष मांझी के अपने पद से इस्तीफा देने के बाद से बवाल जारी है. ललन सिंह ने जीतन राम मांझी पर सीधा हमला कर दिया. इन हमलों का जवाब देते हुए मांझी ने साफ कहा कि दुकान का मतलब क्या है. जहां खरीद-बिक्री होता है. उन लोगों का इसी में विश्वास है।

उन्होंने यही किया भी है. लेकिन हमारी पार्टी दुकान नहीं है. जहां खरीद-बिक्री होता है. हम ललन सिंह का सम्मान करते हैं. इसका कहीं से भी ये अर्थ नहीं है कि वो हमारे बारे में कुछ भी बोलें।

जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार से उनका मतभेद है, मनभेद नहीं है. वह आज तीश कुमार का पूरा सम्मान करते हैं. मई 2014 से फरवरी 2015 के अपने मुख्यमंत्रित्व काल के नौ माह के दौरान दलितों व पिछड़ों व अतिपिछड़ों व बिहार के विकास को लेकर उनके द्वारा 34 महत्वपूर्ण फैसले लिये गये थे. फैसले पर निर्णय नहीं होने से हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के समर्थकों एवं हमारे समाज से जुड़े लोगों में निराशा आने लगी।

उन्होंने कहा कि पार्टी, हमारा परिवार व समाज इसकी शिकायत हमसे करने लगे. पिछले दिनों मैं अपने चार विधायकों व एक पार्षद के साथ मुख्यमंत्री से समय लेकर मिला. मुख्यमंत्री से मिलने के दौरान हमें बोलने का मौका नहीं दिया गया. बैठक में मुख्यमंत्री ही लगातार बोलते रहे।


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