पटना: एक तरफ बिहार के नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने को लेकर नीतीश सरकार ने गंभीरता दिखाई है. वहीं दूसरी तरफ शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक इसके खिलाफ देश की सबसे बड़ी अदालत का रुख किया है. ऐसे में अब तमाम नियोजित शिक्षक असमंजस में हैं कि आखिर सरकार की मंशा क्या है।

सरकार की ओर से लगातार नियोजित शिक्षकों को आश्वासन दिया जा रहा है कि उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाएगा लेकिन, इसके खिलाफ ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का सुप्रीम कोर्ट जाना, शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. दरअसल टीईटी शिक्षक संघ की ओर से नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने के लिए पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर किया गया था. इसी याचिका के खिलाफ शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने 25 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी याचिका दायर की है।

बता दें कि 25 सितंबर से ही शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव केके पाठक पटना से बाहर हैं और जानकारी थी कि विभागीय कार्यों से वह दिल्ली गए हैं. इसी बीच नियोजित शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट बिहार सरकार बनाम टीईटी शिक्षक संघ डायरी संख्या 39833/2023 मिला है।


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