भारत के किसी हिस्से में जेल में बंद कैदी को मोबाइल फोन रखने की इजाजत नहीं होती. लेकिन राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने आज खुद स्वीकार कर लिया कि जब वे रांची में चारा घोटाले मामले की सजा काट रहे थे तो उनके पास मोबाइल था. लालू यादव ने माना कि जेल से ही वे मोबाइल के जरिये सोनिया गांधी और अहमद पटेल जैसे नेताओं के संपर्क में रहते थे।

कांग्रेस के कार्यक्रम में लालू की स्वीकारोक्ति

दरअसल राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव आज कांग्रेस के कार्यक्रम के चीफ गेस्ट थे. पटना में आज कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय सदाकत आश्रम में बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की जयंती का आयोजन किया गया था. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह इस कार्यक्रम के आयोजक थे. अखिलेश सिंह ने अपनी पार्टी के कार्यक्रम में लालू यादव को मुख्य अतिथि बनाकर बुलाया था. इसी कार्यक्रम में लालू यादव ने जेल में मोबाइल ऱखने की कहानी सुनायी।

जेल से ही अखिलेश को सांसद बनाया

कांग्रेस के श्रीकृष्ण जयंती समारोह में लालू यादव ने अखिलेश प्रसाद सिंह के राज्यसभा सांसद बनने कहानी सुनायी. लालू यादव ने कहा-मैंने अखिलेश सिंह को सांसद बनाया. मैं रांची की जेल में बंद था तो अखिलेश मुझसे मिलने आया था. मैंने दूसरे ही दिन उसे एमपी बना दिया. लालू यादव ने कहा-मैंने उस समय सोनिया गांधी को फोन किया. कांग्रेस के नेता अहमद पटेल को फोन किया. कहा कि आप अखिलेश सिंह को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस का उम्मीदवार बनाइये. हम उसका समर्थन करेंगे. लालू बोले-मेरे कहने पर कांग्रेस ने अखिलेश सिंह को उम्मीदवार बनाया और हमने समर्थन कर उसे राज्यसभा भेज दिया।

अखिलेश सिंह को सांसद बनाने की कहानी सुनाते सुनाते लालू यादव अपनी ही पोल खोल बैठे. उन्होंने स्वीकारा कि जेल में उनके पास न सिर्फ मोबाइल था बल्कि वे सोनिया गांधी से लेकर अहमद पटेल जैसे नेताओं के संपर्क में भी रहते थे. बता दें कि लालू यादव चारा घोटाले के कई मामलों में सजा पाने के बाद रांची में जेल की सजा काट रहे थे. पहले से ही ये आरोप लगता रहा है कि लालू यादव को झारखंड सरकार वीआईपी सुविधा उपलब्ध कराती थी. अब लालू ने खुद उसकी पुष्टि भी कर दी।