मणिपुर में पिछले 3 महीने से लगी आग शांत होने का नाम नहीं ले रही है। हिंसा की वजह से अब तक 160 से भी ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। हजारों लोग घायल हैं। तमाम लोग अपने घर छोड़कर शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं। जिन युवाओं को और छात्रों को पढ़ने के लिए स्कूल और कॉलेज में होना चाहिये थे, उनके हाथों में हथियार हैं। सरकार और प्रशासन हालात काबू में होने के दावे तो कर रहा है लेकिन जो खबरें सामने आ रही हैं, उनसे यह दावे केवल हवाहवाई ही नजर आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार गुरुवार को भीड़ ने मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में दो सुरक्षा चौकियों में तोड़फोड़ की और भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद लूट लिए।

चौकी पर हमला किया और भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद लूटे 

गुरुवार देर रात मणिपुर पुलिस के एक बयान में कहा गया कि भीड़ ने बिष्णुपुर में मणिपुर सशस्त्र पुलिस की दूसरी बटालियन के कीरेनफाबी पुलिस चौकी और थंगलावई पुलिस चौकी पर हमला किया और भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद ले गए। पुरुषों और महिलाओं की भीड़ ने उसी जिले के हिंगांग पुलिस स्टेशन और सिंगजामेई पुलिस स्टेशन से हथियार और गोला-बारूद छीनने का भी प्रयास किया, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें खदेड़ दिया।

कई इलाकों में गोलीबारी भी हुई 

बयान में कहा गया है कि सशस्त्र हमलावरों और सुरक्षा बलों के बीच कौट्रुक, हरओथेल और सेनजाम चिरांग इलाकों में गोलीबारी हुई, जिसमें एक सुरक्षाकर्मी सहित दो लोग गोली लगने से घायल हो गए। सुरक्षा बलों ने गोलीबारी का जवाब दिया और हमलावरों को खदेड़ दिया। बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों की सीमा पर फौगाकचाओ इखाई में 500-600 लोगों की अनियंत्रित भीड़ जमा होने पर सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसमें लगभग 25 लोगों को मामूली चोटें आईं।


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