विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी इन दिनों अपनी निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा पर हैं। इस यात्रा के दौरान गुरुवार को पूर्णिया पहुंचे। पूर्णिया जिला में उनकी यात्रा की शुरुआत बनमनखी प्रखंड के जानकीनगर से हुई। इसके बाद यह यात्रा बनमनखी पहुंची। इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र में सबसे बड़ी ताकत वोट की है। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद को उनके समाज के लोगों ने साथ दिया तो वे बिहार के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने राजद के कार्यकाल की तारीफ करते हुए कहा कि लालू राज में प्रदेश के गरीब दलित, पिछड़े आगे बढ़े।

उन्होंने उपस्थित उत्साहित जनता में ऊर्जा का संचार करते हुए कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि आज हमारे पास वोट है, लेकिन इस ताकत को पहचानने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जातीय गणना की रिपोर्ट से यह साफ है कि प्रदेश में यादवों के बाद सबसे अधिक जनसंख्या निषादों की है। उन्होंने कहा कि अगर हम अपनी ताकत को पहचान कर एकजुट हो जाएं तो पटना क्या दिल्ली की सत्ता तक पहुंच सकते हैं। इस दौरान हजारों लोगों के हुजूम को श्री सहनी ने हाथ में गंगाजल देकर संघर्ष करने का संकल्प दिलवाया। लोगों ने भी संकल्प लेकर वीआईपी को समर्थन दिया।

उन्होंने कहा कि संघर्ष से ही शिखर तक की यात्रा की जा सकती है। आज हमें जायज अधिकार के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, तो इसका एक मात्र कारण है कि हमारे पूर्वज अपने अधिकार के लिए जागरूक नहीं हुए। सहनी ने कहा कि कई राज्यों में आज निषादों को आरक्षण है लेकिन बिहार, यूपी और झारखंड में नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि जब तक हम निषाद के लिए आरक्षण नहीं ले लेते तब तक चैन से नहीं बैठेंगे।

सहनी ने कहा कि आज भी मजबूरी में निषाद के बच्चों को ठंड के मौसम में सुबह नदी, तालाब में मछली मारने के लिए जाना होता है, क्योंकि अगर ये मछली नहीं मारेंगे तो इनके घर का चूल्हा नहीं जलेगा।


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