नीतीश सरकार चाहती है कि खेती-किसानी में नवाचार को अपनाकर किसान उत्पादन भी बढ़ाएं और अपनी आय भी। इस उद्देश्य से किसानों के मोबाइल पर खेती-किसानी से संबंधित वीडियो, वॉयस संदेश एवं किसान चौपाल का लाइव प्रसारण भेजा जाएगा। कृषि निदेशालय में इसके लिए मीडिया सेंटर की स्थापना का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
सर्वाधिक जोर फसल अवेशष प्रबंधन, कीट प्रबंधन, खाद के बेतहाशा उपयोग से खेत को होने वाले नुकसान के प्रति जागरूकता पर होगा। इसके साथ ही कृषि विभाग की ओर से किसानों के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी। उपरोक्त माध्यम से किसानों को जागरूक करने की पहल बिहार कृषि विवि, सबौर, भागलपुर के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आरके सोहाने ने की थी। किसानों के बीच यह प्रयोग लोकप्रिय है।
किसानों को क्या-क्या सुविधा मिलेगी?
अब कृषि विभाग भी इंटरनेट मीडिया तथा पोडकास्ट के विभिन्न माध्यमों से किसानों को मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री, सचिव, कृषि विज्ञानियों के साथ विषय विशेषज्ञों के संदेश को भी पहुंचाने की योजना है। साथ टॉक शो, रेडियो जिंगल, वीडियो बाइट की सुविधा मीडिया सेंटर में उपलब्ध होगी। कृषि भवन में स्थापित होने वाली मीडिया सेंटर के माध्यम से किसानों को बागवानी के प्रति भी प्रेरित करने की योजना है।
साथ ही खेती किसानी की जानकारी फेसबुक एवं यूट्यूब पर होगा प्रसारण। कोशिश होगी मनोरंजन के साथ साथ किसानों को जागरूक किया जाए। यही नहीं, लोककलाकारों के माध्यम से जैविक एवं पारंपरिक खेती के लाभ से जोड़ने की पहल की जाएगी। कृषि विभाग का मीडिया सेंटर कृषि निदेशक अधीन होगा।
मीडिया सेंटर से ई-लर्निंग सामग्री के माध्यम से राज्य भर के किसानों को कृषि तकनीक से संबंधित प्रशिक्षण एवं शिक्षा देगा है। कृषि पर ध्यान केंद्रित करने वाले पाठ और सीख को व्हाट्सएप और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से भी प्रसारित जाएगा। आने वाले समय में इससे किसान सीधे अपने सवाल कृषि विज्ञानियों से पूछ पाएंगे।
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