बिहार के सुल्तानगंज-अगुवानी पुल के ध्वस्त होने के बाद से सियासत जारी है. इस बीच शुक्रवार को बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने अगुवानी पुल का हवाई सर्वेक्षण किया है. पुल गिरने के मामले पर बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला और कहा कि ऐसे मुख्यमंत्री को चुल्लू भर पानी में डूब कर मर जाना चाहिए. जिस पर जदयू ने पलटवार करते हुए कहा कि सम्राट चौधरी को बोलने की बीमारी हो गई है।

दरअसल सम्राट चौधरी पुल गिरने के बाद निरीक्षण करने पहुंचे थे. इस दौरान सम्राट चौधरी ने कहा कि मैं यहां पहले पीपा पुल बनाना चाहता था. बाद में 2012 में यहां पर एक फुल स्ट्रक्चर्ड पुल बनाने का सपना देखा. 2014 में पुल बनाने की स्वीकृति दिलाकर हमलोगों ने शिलान्यास करवाया. मैं क्या जानता था कि एक इंजीनियर मुख्यमंत्री बिहार में हो और पूरी की पूरी इंजीनियरिंग ही फेल हो गई. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि ऐसे मुख्यमंत्री जो अपने आप को इंजीनियर कहते हैं इनको तो चुल्लू भर पानी में डूब कर मर जाना चाहिए।

वहीं जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने सम्राट चौधरी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें बोलने की बीमारी हो गई है. सम्राट चौधरी नीतीश कुमार के विरोध में इतना अलबला गए हैं कि पता नहीं क्या-क्या बोल रहे हैं. सम्राट चौधरी क्यों बेचैन हो रहे हैं. बीजेपी ने तो पहले ही साफ कर दिया है कि आरएसएस बैकग्राउंड वाला ही कोई बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री होगा. सम्राट चौधरी चाहे जितना भी उछल लें कुछ होना जाना नहीं है. सब लोग समझ रहे हैं कि सम्राट चौधरी अपने पिता के अधूरे सपने को पूरा करने के लिए बीजेपी में गए हैं।

बता दें कि अगुवानी घाट-सुलतानगंज गंगा पुल रविवार को ताश के पत्ते की तरह ढह गया. खगड़िया की तरफ का निर्माणाधीन पुल के अचानक गिरने से अफरा-तफरी मच गयी. बताया जाता है कि भागलपुर के अगवानी घाट सुल्तानगंज गंगा पुल का चार फाउंडेशन व सब स्ट्रक्चर पूरी तरह गंगा में समा गया. इस मामले पर सियासत भी तेज है. बीजेपी लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रही है. वहीं सरकार की ओर से दोषियों पर कार्रवाई जारी है. पुल बनाने वाली कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की भी तैयारी चल रही है।


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