बिहार पूर्व डेप्युटी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया है कि बिहार के डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव ने गलत बयानबाजी की है। सुशील मोदी ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि तेजस्वी यादव को 2017 में जिस मामले में चार्जशीट हुई थी, इस बार का मामला वही नहीं है। इस बार दूसरे मामले में चार्जशीट हुई है। अभी जिस मामले में चार्जशीट फाइल हुई है, वह जमीन के बदले नौकरी देने का मामला है।

आगे उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने रेलमंत्री रहते हुए लोगों की जमीन लिखवा लिया। नौकरी दी बदले में जमीन लिखवा लिया। उस मामले में तेजस्वी यादव ने कंपनी इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को एक लाख रुपये में खरीद लिया। जबकि इस कंपनी के पास करोड़ों रुपये की संपत्ति है। उस मामले की चार्जशीट 2017 में फाइल नहीं हुई थी। तेजस्वी यादव गलत कह रहे हैं कि जिस केस में 7 साल पहले उन्हें चार्जशीट हुई थी यह वही मामला है। यह केस कभी बंद नहीं हुआ।

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इस केस के सारे कागजात जेडीयू के अध्यक्ष ललन सिंह और जेडीयू के अन्य नेताओं ने सीबीआई और ईडी को उपलब्ध कराया था। जिस तरह से 2017 में सीबीआई ने जब तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया था जिसके बाद नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव से सफाई मांगी थी। लेकिन सफाई नहीं देने पर गठबंधन से अलग हो गए थे। इसलिए नीतीश कुमार के सामने चुनौती है कि वह भ्रष्टाचार से समझौता करते हैं या नहीं, यह देखना है।

सुशील कुमार मोदी ने मांग की कि नीतीश कुमार तत्काल मंत्रिपरिषद से तेजस्वी यादव को बर्खाश्त कर देना चाहिए। उम्मीद है कि सीएम ऐसा नहीं करेंगे। क्योंकि नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के आशीर्वाद से ही मुख्मयंत्री हैं। दूसरी तरफ नीतीश कुमार के लिए बीजेपी का रास्ता बंद कर दिया गया है। इसलिए देखना होगा आगे क्या होता है।


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