बिहार के बक्सर जिले के राजपुर प्रखंड के पिपराढ़ गांव में गंगापुत्र त्रिदंडी स्वामी से मिलने शनिवार को नीतीश कुमार के खासमखास और बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी पहुंचे। उनके साथ राज्य के मुख्यमंत्री के एक और नजदीकी शख्स एवं राज्य महादलित आयोग के अध्यक्ष संतोष निराला और कांग्रेस के विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी भी थे। गंगापुत्र के निर्देशन में चल रहे चातुर्मास यज्ञ सह लक्ष्मी नारायण महायज्ञ का शनिवार को समापन हुआ। यह वहीं संत हैं, जिन्होंने इसी यज्ञ के दौरान कहा था कि अगले चुनाव में भी नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे। वह चुनाव जीतने के तीन साल बाद संन्यास ले लेंगे और इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री बनेंगे। गंगापुत्र ने कहा था कि उनकी ज्यादातर भविष्यवाणियां सच हुई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में भारत हिंदू राष्ट्र बन जाएगा। उन्होंने कहा कि 2009 में ही उन्होंने घोषणा कर दी थी कि 2020 में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। यह बात सत्य साबित हुई। नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने यज्ञ स्थल पर पहुंचकर कंबल वाले बाबा के अलावा अन्य संतों से भी मुलाकात की। इससे पहले पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, धर्म चाहे कोई भी हो, वह अपनाने की चीज है। धर्म की आड़ लेकर राजनीति करने के लिए नहीं। 25 जनवरी को राम लला के आगमन पर उनका दर्शन करने मुझे भी जाना है, लेकिन धर्म को अपनाने की जगह भाजपा रामलला की राजनीति खुलकर करते हुए अपना वोट बैंक बनाने में लगी है। महंगाई और बेरोजगारी दूर करने के नाम पर सत्ता में आई भाजपा अब सिर्फ टीका, टोपी, रुद्राक्ष और चंदन की राजनीति कर लोगों को गुमराह करने में लगी है। यज्ञ के नाम पर अंधविश्वास का बाजार जिले के पिपराढ़ गांव में चातुर्मास यज्ञ के नाम पर अंधविश्वास का बाजार सजा रहा। यहां कंबल वाले बाबा से पोलियो, शुगर, बीपी, लकवा का इलाज करवाने के नाम पर लोगों से 500-500 रुपए वसूले गए। दूसरी तरफ पंडोखर बाबा के दरबार में भूत-प्रेत भगाने का खेल हुआ। खुद पर गंगा की विशेष कृपा बताते हैं संत गंगा पुत्र कहते हैं कि उन पर गंगा मैया की विशेष कृपा रहती है। वह जहां भी रहते हैं, गंगा मैया वहां खुद ही पहुंच जाती हैं। बीते दिनों उनका एक वीडियो इंटरनेट पर खूब चला, जिसमें वह दावा कर रहे हैं कि उनसे मिलने के लिए गंगा मैया सड़क उखाड़ते हुए भी पहुंच जाती हैं। दरअसल, गंगापुत्र पिपराढ़ गांव में बीते चार महीने से चातुर्मास यज्ञ कर रहे थे। इस दौरान धान के खेतों के बीच उनके लिए वातानुकूलित कुटिया बनाई गई थी। बरसात के दिनों में एक वक्त ऐसा हुआ कि यह कुटिया पूरी तरह पानी में घिर गई थी और आसपास का पूरा इलाका डूब गया था। Click to share on Twitter (Opens in new window)Click to share on Facebook (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Click to share on WhatsApp (Opens in new window) Related Post navigation गोपालगंज में तीन बच्चों की मां 18 साल के प्रेमी संग पकड़ाई, लोगों ने जमकर काटा बवाल 32वीं बिहार न्यायिक सेवा : आवेदन की अंतिम तिथि 8 नवंबर तक