पटना: सरकारी स्कूलों के साथ ही बिहार में संचालित कोचिंग संस्थान पर नकेल कसने की तैयारी अपर मुख्य सचिव केके पाठक करने जा रहें हैं..इसके लिए जल्द ही नई नियावली जारी होनेवाली है.अब न तो सरकारी स्कूल के शिक्षक किसी कोचिंग सेंटर में पढ़ा सकेंगे और न ही सरकारी स्कूल के समय मे कोचिंग संचालित किया जा सकेगा और ऐसा करने पर संबंधित शिक्षक और कोचिंग संस्थान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.सरकार के शिक्षा विभाग ने बिहार कोचिंग संस्थान नियमावली 2023 का प्रारूप जारी किया किया गया है.एक सप्ताह के अंदर आपत्तियां मांगी गई है।

इस प्रारूप में कहा गया है कि अब सरकारी स्कूलों के समय में कोचिंग संस्थान नहीं चलेंगे..और कोचिंग संस्थान इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि स्कूल के समय में बच्चे को कोचिंग में नहीं पढ़ाएंगे..कोचिंग संस्थान में किसी भी क्लास रूम का न्यूनतम कारपेट एरिया 300 वर्गफूट से कम नहीं होगा।

कोचिंग संस्थानों को अपने जिले में में रजिस्ट्रेशन कराना होगा.रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में 5 हजार की राशी देनी होगी जो 3 साल के लिए मान्य होगी.रजिस्ट्रेशन के लिए जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित होगी जिसके सचिव जिला शिक्षा पदाधिकारी और सदस्य के रूप में एसपी एवं अंगीभूत कॉलेज के प्रचार्य होंगे.समिति को एक महीने के अंदर रजिस्ट्रेशन करना होगा।

वहीं इस प्रारूप के अनुसार कोचिंग के खिलाफ आमलोग एवं अभिभावक भी किसी गड़बड़ी को लेकर शिकायत कर सकते हैं.इसके लिए एसडीओ की अध्यक्षता में सभी अनुमंडल में जांच समिति बनेगी जो शिकायत मिलने के बाद जांच करके अपनी रिपोर्ट डीएम को भेजेगी..अगर किसी भी कोचिंग संस्थान को दोषी पाये जाने के बाद दो बार दंडित किया जाता है और उसके बाद भी भी शिकायत मिलती है तो फिर उस कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशऩ रद्द किया जा सकता है.रजिस्ट्रेशन रद्द होने के बाद भी अगर संचालक कोचिंग संचालित करना जारी रखतें हैं तो उनकी चल-अचल संपत्ति जब्त करते ही संस्थान को सील कर सकती है।


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