कोरोना का कहर कम होते ही लोगों में टीकाकरण के प्रति दिचलस्पी कम हो गई है। बिहार में कोविड टीकाकरण की रफ्तार धीमी है। बीते महीने कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र सरकार के इनकार करने पर 25 हजार वायल यानी पांच लाख कोरोना टीका खरीदा। 17 अप्रैल को सभी जिलों को टीका उपलब्ध कराया गया, लेकिन चार महीने बाद भी नौ हजार वायल यानी एक लाख 80 हजार टीके बचे हुए हैं। ये गुरुवार 24 अगस्त को एक्सपायर यानी बर्बाद हो जाएंगे।
दरअसल, केंद्र सरकार ने राज्यों को मुफ्त टीका देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने तय किया था कि वह अपने पैसों से टीका की खरीदारी कर लोगों का निशुल्क टीकाकरण करेगी। इसी निर्णय के तहत बिहार सरकार ने 25 हजार वायल खरीदे गए। पहले दिन पटना, सारण व सहरसा में 66 लोगों ने टीका लिया। विभाग को उम्मीद थी कि लोग टीका लेने आएंगे।
सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार भी किया गया। अस्पतालों में टीकाकरण की सूचना सार्वजनिक की गई। पर इसका सकारात्मक असर नहीं हुआ। इस महीने के आंकड़ों को देखें तो दो अगस्त को 30, तीन को 75, चार को 157, पांच को 56, सात को 17, आठ को 17 व नौ अगस्त को 31 लोगों ने ही टीका लिया। इसी तरह 10 अगस्त को 110, 11 को 93, 12 को 61, 14 को 74 तो 16 अगस्त को 63, 17 को 52, 18 को 50, 19 को 120, 20 को 21 और 21 अगस्त को 164 लोगों ने टीका लिया।
सबसे अधिक 18 से 44 वर्ष के बीच वालों ने लिया टीका
अधिकारियों के अनुसार अब तक 12 से 14 वर्ष उम्र वाले 76 लाख 91 हजार 478 लोगों ने टीका लिया है। 15 से 17 वर्ष वाले एक करोड़ 1589130 लोगों ने टीका लिया है। सबसे अधिक 18 से 44 वर्ष वाले आठ करोड़ दो लाख 40 हजार 815 लोगों ने टीका लिया है। 45 से 60 वर्ष के बीच दो करोड़ 47 लाख 99 हजार 686 तो 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों में दो करोड़ नौ लाख 48 हजार 794 लोगों ने टीका लिया है। इस तरह अब तक 157291831 लोगों ने टीका लिया है।
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