रांची में PM मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक, अचानक काफिले की कार के सामने आ गई महिला; सुरक्षाकर्मियों में अफरा-तफरी मचा

पीएम मोदी बुधवार को झारखंड की राजधानी रांची में थे। पीएम वहां खूंटी जिले में बिरसा मुंडा के गांव उलिहातू भी गए थे।  पीएम ने वहां विकसित भारत संकल्प यात्रा को हरी झंडी दिखाई और 24 हजार करोड़ की योजनाओं का शुभारंभ किया। वहीं, रांची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक की खबर सामने आई है। दरअसल, जब बुधवार को पीएम मोदी बिरसा मेमोरियल पार्क जा रहे थे तो इसी दौरान रेडियम रोड में अचानक एक महिला प्रधानमंत्री के काफिले की कार के सामने आ गई। इसे देखते ही पीएम की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों में अफरा-तफरी मच गई।

इसके बाद पीएम मोदी की कार वहीं कुछ देर रुक गई। हालांकि कुछ ही सेकेंड में मौके पर मौजूद पीएम की सुरक्षा में लगे सुरक्षा कर्मी महिला को वहां से हटाकर किनारे ले गए और उससे पूछताछ शुरू कर दी। महिला के अचानक काफिले में घुसने की वजह से काफिले की गाड़ियों में इमरजेंसी ब्रेक लगाना पड़ा।

पीएम के काफिले में अचानक घुस आई महिला

पीएम मोदी का काफिला रुकने की वजह से तुरंत एनएसजी और दूसरे सुरक्षा गार्ड्स के बीच हड़कंप मच गई और सभी अलर्ट हो गए। पीएम मोदी की सुरक्षा टीम और पुलिस के जवान तुरंत महिला को सड़क किनारे ले गए। इसके बाद पीएम का काफिला आगे की ओर बढ़ गया। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, प्रधानमंत्री के काफिला के आगे बढ़ने के साथ ही पुलिस उस महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ करती रही। बताया जा रहा है कि महिला अपनी कुछ समस्याओं को पीएम मोदी के सामने रखना चाहती थीं, इसी वजह से वह पीएम के काफिले में घुस गई थी।

सेमीफाइनल में न्यूज़ीलैंड पर मिली जीत पर PM मोदी ने भारतीय टीम को दी बधाई, जानें फाइनल को लेकर क्या कहा

भारतीय क्रिकेट टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को 70 रनों से हराकर वर्ल्डकप के फाइनल में प्रवेश कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचने पर टीम इंडिया को बधाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा-टीम इंडिया को बधाई! भारत ने शानदार प्रदर्शन किया और शानदार अंदाज में फाइनल में प्रवेश किया। शानदार बल्लेबाजी और अच्छी गेंदबाजी ने हमारी टीम के लिए मैच पक्का कर दिया। फाइनल के लिए शुभकामनाएं।

‘विराट’ विजय की हार्दिक बधाई-योगी आदित्यनाथ

वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस जीत को ऐतिहासिक विजय बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा-न्यूजीलैंड पर भारत की ‘विराट’ विजय की सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई! इस शानदार जीत से त्योहारों की बेला को और अधिक उल्लासपूर्ण बनाने वाली भारतीय क्रिकेट टीम के हर खिलाड़ी का हृदयतल से अभिनंदन! फाइनल के लिए शुभकामनाएं!

न्यूजीलैंड को हराकर फाइनल में पहुंची टीम इंडिया

बता दें कि टीम इंडिया ने मुंबई में न्यूजीलैंड को 70 रन से हराकर चौथी बार वनडे विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई जहां उसका सामना ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच होने वाले दूसरे फाइनल के विजेता से होगा। भारत ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करते हुए चार विकेट पर 397 रन बनाए। भारत की ओर से विराट कोहली और श्रेयस अय्यर ने जहां शतक बनाया वहीं शुभमन गिल ने अर्धशतकीय पारी खेली। विराट कोहली ने वनडे मैचों में सचिन तेंदुलकार के 49 शतक के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 50 वां शतक पूरा किया। टीम इंडिया के 397 रनों के जवाब में इसके जवाब में न्यूजीलैंड की टीम 48.5 ओवर में 327 रन बनाकर आउट हो गई।

चंद्रयान-3 पर ISRO का बड़ा अपडेट, ये खास हिस्सा पृथ्वी के वायुमंडल में लौटा; जानें कहां है विक्रम और प्रज्ञान

इस साल 23 अगस्त की तारीख को भारत ने चांद के दक्षिणी हिस्से में चंद्रयान-3 की लैंडिंग करवा कर दुनिया में इतिहास रच दिया था। चंद्रयान के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा की सतह पर सौरमंडल निर्माण के रहस्य, पानी और कई खनिज समेत कई चीजों पर रिसर्च किया था। अब ISRO ने इस कार्यक्रम को लेकर एक और बड़ी अपडेट साझा की है। चंद्रयान-3 का एक अहम हिस्सा वापस पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर गया है।

क्रायोजेनिक हिस्सा वापस आया

ISRO ने बताया है कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करने वाले एलवीएम3 एम4 प्रक्षेपण यान का ‘क्रायोजेनिक’ ऊपरी हिस्सा बुधवार को पृथ्वी के वायुमंडल में अनियंत्रित रूप से फिर से प्रवेश कर गया है। ISRO की ओर से जानकारी दी गई है कि रॉकेट बॉडी जो कि चंद्रयान-3 यान का हिस्सा था, वह पृथ्वी के वायुमंडल में वापस से प्रवेश कर गया है

भारत के ऊपर से नहीं गुजरा

ISRO की ओर से जारी की गई जानकारी ते मुताबिक, चंद्रयान-3 के इस हिस्से का अंतिम ‘ग्राउंड ट्रैक’ भारत के ऊपर से नहीं गुजरा है। इसके संभावित प्रभाव बिंदु का अनुमान उत्तरी प्रशांत महासागर के ऊपर लगाया गया है। बता दें कि रॉकेट बॉडी के फिर से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश इसके प्रक्षेपण के 124 दिनों के भीतर हुई है।

अभी कहां हैं विक्रम और प्रज्ञान?

लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर ने अपने मिशन को सफलता से अंजाम देकर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कई रिसर्च की थी। काम समाप्त होने और चंद्रमा में अंधेरे का समय आने के बाद इसरो ने दोनों उपकरणों को स्लीप मोड में डाल दिया था। हालांकि, विक्रम लैंडर के रिसीवर को ऑन ही रखा गया था ताकि इससे धरती से दोबारा संपर्क स्थापित किया जा सके।

वैशाली एक्सप्रेस की बोगी में लगी आग, ट्रेन से कूदकर लोगों ने बचाई जान

उत्तर प्रदेश के इटावा के नजदीक वैशाली एक्सप्रेस की एक कोच में आग लग गई। आग लगने के बाद यात्रियों ने ट्रेन से कूदकर अपनी जान बचाई। बता दें कि यह ट्रेन सुबह के वक्त दिल्ली से सहरसा के लिए रवाना हुई थी। इस बाबत डिप्टी सीएमओ श्रीनिवास यादव ने कहा कि दिल्ली से सहरसा जा रही वैशाली एक्सप्रेस के बाथरूम में आग लगी। बोगी में कोई नुकसान नहीं हुआ है। इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ है और आग लगने के कारणों का अबतक कुछ पता नहीं चल पाया है। उन्होंने कहा कि गाड़ी को स्टेशन पर पहुंचा दिया गया है और घटनास्थल पर मौके पर एंबुलेंस पहुंच गई है। हालांकि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ है।

वैशाली एक्सप्रेस में लगी आग

वहीं ट्रेन में आग लगने की घटना पर SP ग्रामीण सत्यपाल सिंह ने कहा, “दिल्ली से सहरसा जा रही वैशाली एक्सप्रेस की S6 कोच में आग लगी। रेस्क्यू टीम तत्काम मौके पर पहुंच गई और इस घटना में अबतक कोई घायल नहीं हुआ है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि समय रहते लोग ट्रेन से उतार दिए गए थे। हालांकि ट्रेन कुछ मिनटों तक वहां रूकी रही और आग लगने की वजह अबतक सामने नहीं आ पाई है और मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि ट्रेन को स्टेशन पर पहुंचा दिया गया है। हालांकि एक से दो यात्रियों को धुआं लगने के कारण अस्पताल भिजवा दिया गया है।

दरभंगा जाने वाली ट्रेन में लगी थी आग

इससे पहले बुधवार की शाम दरभंगा जा रही ट्रेन की तीन बोगियों में आग लग गई थी। यह आग स्लीपर कोच में और दो जनरल बोगियों में लगी थी। जानकारी के मुताबिक इस घटना में सभी यात्री सुरक्षित थे। आग पर काबू पाने के लिए ट्रेन की तीनों बोगियों को ट्रेन से अलग कर दिया गया। इसके बाद आग  पर काबू पाया गया। बता दें कि काफी देर ट्रेन रूकने के बाद यात्रियों को अन्य कोचों में बिठाकर रवाना किया गया। जानकारी के मुताबिक इन तीन कोचों में 500 से अधिक यात्री सवार थे। यात्रियों का कहना था कि यह आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी। हालांकि रेलवे कर्मचारियों का कहना है कि आग के कारणों का अबतक पता नहीं चल सका है।

राजधानी के कई इलाकों में AQI 400 के पार, फिर से छाई है धुंध की परत; जानें मौसम का हाल

दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। अनेक कोशिशों और दावों के बावजूद भी राजधानी में अब तक प्रदूषण के स्तर में कुछ खास सुधार देखने को नहीं मिला है। गुरुवार को एक बार फिर से दिल्ली की हवा गंभीर श्रेणी में रखी गई है। प्रदूषित हवा के कारण लोगों को बाहर निकलने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आइए जानते हैं दिल्ली में गुरुवार के प्रदूषण के हालात।

क्या रहा आज का AQI?

दिल्ली सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद भी यहां वायु में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की ओर से जारी की गई जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को दिल्ली के बवाना में AQI 442, आईटीओ में 415, जहांगीरपुरी में 441, द्वारका में 417, अलीपुर में 415, आनंद विहार में 411 और दिल्ली हवाई अड्डे के पास 403 था।

धुंध की परत छाई

दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है। इस कारण राजधानी के कई क्षेत्रों में धुंध की परत छाई हुई है। बता दें कि 0-50 के AQI को अच्छा, 51-100 के बीच AQI को संतोषजनक, 101-200 के AQI को मध्यम, 201-300 के बीत AQI को खराब, 301-400 के बीच AQI को बहुत खराब, 401-450 के बीच AQI को गंभीर और 450 से ऊपर के AQI को गंभीर+ की श्रेणी में रखा जाता है।

क्या बोल रहे लोग?

दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति पर हर्षित गुप्ता नामक व्यक्ति ने कहा वह यूपी से आए हैं। दिल्ली में सांस लेना धुआं लेने जैसा लगता है। यहां की सरकार को यह देखना चाहिए कि ऐसा क्यों हो रहा है, कुछ समाधान ढूंढने की जरूरत है। हम दूर-दूर से आ रहे हैं और अगर दिल्ली में यही स्थिति है, तो हमारा स्वास्थ्य निश्चित रूप से खराब हो जाएगा। वहीं, शिवांग नाम के व्यक्ति ने कहा कि वह एथलीट हैं लेकिन उन्हें इस प्रदूषण में सांस लेने में दिक्कत होती है।

बेटे के साथ नेपाल के रास्ते भारत में घुसने की कोशिश कर रही थी पाकिस्तानी महिला, SSB के जवानों ने दोनों को पकड़ा

भारत-नेपाल सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल (SSB) 41वीं बटालियन ने अवैध तरीके से भारत में प्रवेश कर रही एक महिला और एक बच्चे को पकड़ा है। दोनों के पास मिले दस्तावेजों से पता चला है कि वे पाकिस्तान के नागरिक हैं। रिश्ते में ये दोनों मां और बेटे बताए जा रहे हैं। बुधवार देर शाम दोनों किशनगंज के बॉर्डर से संदिग्ध तरीके से घुसने की कोशिश कर रहे थे। SSB के जवानों ने दोनों को पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।

कराची के सराफा बाजार के रहने वाले हैं मां-बेटे

दोनों पाकिस्तानी नागरिकों में महिला ने अपनी पहचान 62 साल की शाइस्ता हनीफ पति मोहम्मद हनीफ और बच्चे की पहचान 11 साल के आर्यन पिता मोहम्मद हनीफ के रूप में हुई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों के पास जो दस्तावेज मिले हैं उनके अनुसार वे पाकिस्तान के कराची में गहनमार स्ट्रीट में स्थित सराफा बाजार के रहने वाले मालूम होते हैं। सूत्रों का कहना है कि गलगलिया थाना क्षेत्र से सटे भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र पर तैनात एसएसबी 41वीं बटालियन के जवानों ने पानी टंकी BOP के BIT सुरक्षाकर्मियों ने नेपाल की ओर से भारत में प्रवेश करते दोनों को पकड़ा है।

लगातार चर्चा में रहा है सीमा हैदर का मामला

शाइस्ता और आर्यन अब तक भारत आने का कोई वैध कागज नहीं दिखा सके हैं। SSB इस मामले में अब आगे की कारवाई में जुटी है। बता दें कि अभी 6 महीने पहले भी SSB की 41वीं बटालियन ने ही किशनगंज जिले के गलगलिय थाना क्षेत्र से पाकिस्तानी महिला फरीदा मल्लिक को गिरफ्तार किया था जो अभी भी किशनगंज जेल में  बंद है। इसके पहले सीमा हैदर का केस लगातार सुर्खियां बटोर रहा है। सीमा हैदर पाकिस्तान से नेपाल के रास्ते भारत आई थी और फिलहाल अपने प्रेमी सचिन के पास नोएडा में रह रही है।

भागलपुर की सबसे बड़ी माँ काली बहवलपुर वाली की प्रतिमा का देर रात हुआ विसर्जन

जिलेभर में सबसे ऊंची बहवलपुर की 32 फीट की काली प्रतिमा का बुधवार को शांतिपूर्ण विसर्जन हो गया. देर रात चंपानदी घाट पर प्रतिमा का विसर्जन हुआ.

इस दौरान प्रतिमा को बहवलपुर से कंझिया बायपास होते हुए चंपा नदी घाट तक लाने में तक आने में करीब पांच किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा.

करीब आठ घंटे का वक्त लग गया. दोपहर तीन बजे मेढ़ से प्रतिमा को उठाया गया. खुले ट्रैक्टर पर शाम पांच बजे मंदिर प्रांगण से प्रतिमा निकली,जो कंझिया बायपास, बिहारी पुर मार्ग होते हुए दोगच्छी, पुरानीसराय,रामचंद्रपुर नवटोलिया, मिर्जापुर मार्ग होते हुए रात करीब एक बजे के बाद चंपानदी घाट पहुंची जहां जयकाली बहबलपुर वाली के जयकारे के साथ भक्तों ने माता को नमआंखों से विदाई देकर विसर्जन किया. श्रद्धालुओं ने आतिशबाजी भी की. सुरक्षा के मद्देनजर नाथनगर थानाध्यक्ष मो. महताब खान,ललमटिया थानाध्यक्ष हरेंद्र कुमार,मधुसुदनपुर थानाध्यक्ष महेश कुमार व नाथनगर सार्वजनिक पूजा समिति के पदाधिकारी मुस्तैद थे.

छठ पूजा को लेकर मंजूषा साड़ी और सूप की बढ़ी डिमांड; भागलपुर के बुनकर बड़े पैमाने पर कर रहे तैयार

इस बार छठ पूजा को लेकर मंजूषा साड़ी व सूप की मांग बढ़ गयी है। देश के विभिन्न जगहों पर साड़ियां व सूप भेजी गयी हैं। भागलपुर के बुनकर बड़े पैमाने पर कॉटन व सिल्क में मंजूषा उकेरी है। जो दिखने में काफी खूबसूरत है। मुख्य रूप से यह साड़ी दिल्ली, कोलकाता व झारखंड भेजी गयी।

बुनकर कल्याण समिति के पूर्व सदस्य अलीम अंसारी ने बताया कि दुर्गापूजा के समय ही मंजूषा वाली साड़ियां की मांग आयी थी। जिसको एक सप्ताह पहले ही दूसरे राज्यों में भेजा गया। कई साड़ियां में मंजूषा प्रिंट उकेरी गयी है। इसकी कॉटन साड़ी की कीमत 800 से 1500 रुपये हैं। कुछ साड़ियां सिल्क में तैयार हुई उसकी कीमत चार हजार से छह हजार रुपये है।

वहीं लोदीपुर के बुनकर भोला प्रसाद ने बताया कि मंजूषा साड़ी की मांग हाल-फिलहाल काफी बढ़ गयी है। हाथ की बुनाई वाली सिल्क साड़ी की कीमत अधिक पड़ती है। साड़ियां में मंजूषा हाथ वर्क होने से यहां के मंजूषा कलाकारों से भी रोजगार मिला है। मंजूषा गुरु मनोज पंडित ने सिल्क साड़ियां के कारण यहां मंजूषा कलाकारों को अच्छा काम मिल रहा है। एक-एक साड़ियां में मंजूषा उकेरने में पांच-पांच दिन लग जाता है और मजूदरी के रूप में 25 सौ रुपये तक कीमत मिलती है।

500 मंजूषा सूप तैयार अमेरिका भेजा गया

भागलपुर के हुनरमंद बुनकरों ने 500 मंजूषा वाली सूप भी तैयार किया। इस सूप की मांग देश-विदेश में खूब हुई। मंजूषा गुरु ने बताया कि कुछ सूप अमेरिका भी भेजी गयी। इसके अलावा दिल्ली में 200 से ऊपर सूप भेजी गयी। कुछ सूप जो बचा है उसकी मांग स्थानीय स्तर पर हो रही है। कई रिश्तेदारों ने भी इसकी मांग की है। उन्होंने बताया कि सूप को तैयार करने में दो से तीन घंटे का समय लगता है। उधर, कलाकार अनुकृति ने भी अपने रिश्तेदारों के लिए सूप में मंजूषा उकेरी है। उन्होंने बताया कि छठ पूजा पर अब इस तरह की सूप की मांग बढ़ रही है।

छठ पूजा की सामग्रियों की कीमत में उछाल; एक सूप की पूजन सामग्री पर 500 रुपये तक का आएगा खर्चा

लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा को लेकर बाजार सज गया है। शहर में वेरायटी चौक, तिलकामांझी और उल्टा पुल स्थित सब्जी मंडी में सूप, डलिया, टाभ, नींबू समेत अन्य सभी पूजन सामग्रियों की बिक्री की जा रही है। पिछले साल की तुलना में इस बार पूजन सामग्री की कीमतों में करीब 20 से 30 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। इस कारण छठ व्रतियों समेत अन्य को एक सूप पर चढ़ने वाली पूजन सामग्रियों के लिए कम से कम पांच सौ रुपये खर्च करने होंगे।

इस बार पूजन सामग्रियों की कीमत ज्यादा एक सूप में पूजा सामग्री के अलावा फल आदि होता है। इस बार केतारी, टाभ नींबू, नारियल, पकवान, पनियाला, आंवला, मूली आदि की कीमत अधिक है। अभी ही बाजार में नारियल 140 से लेकर 160 रुपये जोड़ा बिक रहा है। केतारी 40 रुपये पीस बिक रहा है, जो पिछले साल 20 से 30 रुपये पीस बिक रहा था। वहीं बुधवार को कददू 40 से 60 रुपये पीस के हिसाब से बिका।

सामग्री वर्तमान कीमत पिछले साल की कीमत

नारियल 140 से 160 रुपये जोड़ा 100 से 120 रुपये जोड़ा

केतारी 75 से 85 रुपये जोड़ा 70 से 80 रुपये जोड़ा

टाभ नींबू 40 से 60 रुपये जोड़ा 60 से 80 रुपये जोड़ा

सेब 140 से 160 रुपये किलो 60 से 90 रुपये किलो

नारंगी 120 से 200 रुपये किलो 60 से 80 रुपये किलो

अनार 180 रुपये किलो 160 रुपये किलो

मूली 10 से 20 रुपये किलो 10 से 20 रुपये किलो

सूप 140 से 160 रुपये जोड़ा 140 से 160 रुपये जोड़ा

डलिया 160 से 500 रुपये पीस 190 से 450 रुपये पीस

कवरंग पांच रुपये पीस पांच रुपये पीस

अदरख गाछ पांच रुपये पीस पांच रुपये पीस

हल्दी गाछ पांच रुपये पीस पांच रुपये पीस

आंवला पांच रुपये पीस पांच रुपये पीस

आरत पत्ता पांच रुपये पीस पांच रुपये पीस

कद्दू भात के दिन से सामग्रियों की बिक्री में आएगी तेजी

उल्टा पुल स्थित सब्जी मंडी के पास सामग्री की बिक्री करने वाली पार्वती देवी और उनके बेटे सुमन ने बताया कि पिछले साल नारियल 100 से 120 रुपये जोड़ा तो टाभ नींबू 60 से 80 रुपये जोड़ा बिक रहा था। सेब का दाम पिछले साल से अधिक है। फल विक्रेता पंकज कुमार ने बताया कि शुक्रवार से बाजार में तेजी आएगी।

खबर वही जो है सही

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