12 ज्योतिर्लिंग जहां स्वयं प्रकट हुए भगवान शिव, सिर्फ दर्शन से मिल जाता है व्यक्ति को मोक्ष; पढ़े पूरी रिपोर्ट

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भगवान शिव अनादि हैं इनका न आदि है न अंत है। हिंदू धर्म में प्रमुख देवता के रूप में इनकी पूजा होती है। आज तो सोमवार का दिन है और आज के दिन इनकी विशेष पूजा अर्चना करने का विधान है। आज जितने भी शिव भक्त हैं वह भोले बाबा के मंदिर जाते हैं उनको बेलपत्र, धतूरा और शिवलिंग पर जल या दूध का अभिषेक करते हैं। भगवान शिव की महिमा हिंदू धर्म के हर ग्रंथ में विद्धमान है। महादेव की महिमा का सबसे ज्यादा वर्णन स्कंद पुराण एवं शिव पुराण में बताया गया है और उनके प्रमुख तीर्थस्थलों के बारे में भी संक्षेप में सब कुछ इन पुराणों में लिखा हुआ है।

मनुष्य के जीवन का अंतिम उद्देश्य मोक्ष होना चाहिए यदि आप मोक्ष पाने के मार्ग की ओर बढ़ते हैं तो आज हम आपको भोलेनाथ के प्रसिद्ध और प्रमुख द्वादश ज्योतर्लिंग के बारे में बताने जा रहे हैं। जीवन में इन 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन मात्र से यह लोक में तो समस्त कष्टों से मुक्ति मिल ही जती है। वहीं परलोक में सुख और आनंद की प्राप्ति तो हीती ही है इसी के साथ जन्म और मरण के चक्र से भी मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग कहां-कहां स्थापित हैं।
12 ज्योतिर्लिंग जहां महादेव हुए थे स्वयं प्रकट

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग- गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित यह भगवान शिव का प्रथम ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यहां एक सोमकुंड है जिसके बारे में कहा जाता है कि इसे देवताओं द्वारा निर्मित किया गया था। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करना बड़े सौभाग्य की बात होती है क्योंकि यह 12 ज्योतिर्लिंग में से प्रथम है।

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग यह ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश श्री शैल पर्वत पर कृष्णा नदी के तट के समीप स्थित है। यह भगवान शिव का दूसरा ज्योतिर्लिंग है। इसके दर्शन मात्र से जीवन के समस्त संताप मिट जाते हैं।

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग- यह ज्योतिर्लिंग महादेव के सबसे प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में गिना जाता है। प्रत्येक वर्ष यहां लाखों की तादात में श्रद्धालु गण दर्शन हेतु जाते हैं। यह ज्योतिर्लिंग दक्षिणमुखी है और यहां नित्य भस्मारती होती है जो लोक प्रसिद्ध है। यहां दर्शन करने से महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन के कष्ट भोलेनाथ की कृपा से मिट जाते हैं। यह मोक्ष प्राप्ति की कामना से आए हुए भक्तों की भोले बाबा हर मनोकामना पूरी करते हैं।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग-  यह ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के मलवा क्षेत्र के अंतरगत आता है। यह पावन ज्योतिर्लिंग नर्मदा नदी के तट के समीप इंदौर शहर में स्थित है। यहां पहाड़ियो के चारों ओर नदी बहने के कारण ऊँ का आकार बन जाता है।

केदारनाथ-यह शिव भक्तों के सबसे प्रिय ज्यतिर्लिंगों में से एक है। यह देव भूमि उत्तराखंड में केदार चोटी पर स्थित है। यहां भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए थे। यहां दर्शन करने से व्यक्ति पर भोलो भंडारी की असीम कृपा मिलती है।

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का यह ज्योतिर्लिंग पूणे के सह्याद्रि नाम के पर्व पर स्थित है। जो की महाराष्ट्र के राज्य में है।

बाबा विश्वनाथ जोयतिर्लिंग-यह ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के मुख्य द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है और यहां भोलेनाथ की सबसे प्रिय नगरी और उनके निवास स्थान काशी में स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग अनादि है और स्वयंभू भी। बाबा विश्वनाथ का यह ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश राज्य के काशी नगर में मां गंगा के तट के निकट स्थित है। यहां दर्शन मात्र से जन्म-जन्मांतर के पाप मिट जाते हैं और अंत में शिव लोक की प्राप्ति हो
त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग- त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिसे में स्थित है। मान्यता है कि जिस ब्रह्मागिरि नाम के पर्वत यह ज्योतिर्लिंग स्थापित है वहीं से गोदावरी नदी का उदगम हुआ था।

वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग- भोलेनाथ का यह ज्योतिर्लिंग वैद्यनाथ धाम से प्रसिद्ध है। पुराणों में इस धाम को चिताभूमि नाम की संज्ञा दी गई है। यह ज्योतिर्लिंग झारखंड राज्य में आता है।

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग- शिव जी का यह ज्योतिर्लिंग गुजरात राज्य के बड़ौदा क्षेत्र के गोमती द्वारका के समीप स्थित है। द्वारका पुरी से नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की दूरी लगभग 27 किलोमीटर की है। भगवान शंकर नागों के भी देवता हैं इस कारण इस ज्योतिर्लिंग का नाम नागेश्वर पड़ा जिसका अर्थ होता है नागों के देवता।

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग- यह ज्योतिर्लिंग दक्षिण भारत के सबसे प्रमुख शिव ज्योतर्लिंगों में से एक है। इस ज्योतिर्लिंग की पूजा स्वयं भगवान राम ने भी की था। जिस वजह से इसका नाम रामेश्वम ज्योतिर्लिंग पड़ा और इसकी स्थापना भी भगवान राम द्वारा की गई थी।

घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग- घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का 12वां ज्योतिर्लिंग है और यह महाराष्ट्र राज्य के संभाजीनगर के पास दौलताबाद में स्थित है।

मिनी वैन की बोनट पर युवक को घसीटता रहा ड्राइवर, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

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देश की राजधानी दिल्ली के कोटला मुबारकपुर इलाके का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें एक शख्स को मिनी वैन के ड्राइवर ने काफी देर तक बोनट पर घसीटता रहा। मामले में किसी की मौत नहीं हुई है लेकिन जो कुछ भी वीडियो में दिख रहा है वह काफी भयावह है। वीडियो को देखने के बाद आपको भी मिनी वैन के ड्राइवर की करतूत पर गुस्सा आएगा।

वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल

वीडियो में आप देख सकते हैं कि एक सफेद रंग की मिनी वैन के बोनट पर एक व्यक्ति लटका हुआ है। आदमी उस ड्राइवर को गाड़ी रोकने के लिए कह रहा है लेकिन वह वैन को रोकने का नाम नहीं ले रहा है। घटना 17 दिसंबर की रात की बताई जा रही है। वहीं, मामले में पुलिस का कहना है कि उन्हें PCR के जरिए एक कॉल मिला था। कॉल पर शख्स खुद की लोकेशन लाजपत नगर बता रहा था। उसने बताया कि लाजपत नगर के पास उसे एक मिनी वैन वाले ने टक्कर मारने की कोशिश की। इसके बाद उस मिनी वैन के ड्राइवर ने उसे बोनट पर DND फ्लाईओवर तक घसीटा।

पुलिस ने मामले पर क्या कहा

पुलिस ने कहा कि PCR कॉल उस क्षेत्र में तैनात हेड कॉन्सटेबल दिनेश को ट्रांसफर किया गया। जब कॉन्सटेबल ने शख्स के मोबाइल पर कॉल कर के मामले के बारे में पूछा तो शख्स ने बताया कि वह अभी उत्तर प्रदेश में है और वह शिकायत लिखवाने के लिए वापस दिल्ली नहीं आएगा। अगर पीड़ित व्यक्ति इस मामले में कोई भी शिकायत दर्ज करवाता है तो पुलिस मामले की जांच करेगी और मिनी वैन ड्राइवर पर कार्रवाई करेगी।

WHO ने पूरी दुनिया को किया अलर्ट, कोरोना के नए वैरिएंट पर दी ये बड़ी हिदायत; पढ़े पूरी रिपोर्ट

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विश्व स्वाथ्स्य संगठन ने हाल के समय में कोरोना महामारी की बढ़ती स्थितियों के बीच बड़ी हिदायत दी है। साथ ही सांस संबंधी बीमारियों के बढ़ने और कोरोना के नए सबवैरिएंट जेएन.1 को लेकर दुनिया के कई देशों को अलर्ट कर दिया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोरोना वायरस अपना स्वरूप लगातार बदल रहा है। ऐसे में सभी देश पूरी तरह ऐहतियात बरें और अपने यहां मजबूत सर्विलांस रखें, ताकि कोरोना के नए सबवैरिएंट के प्रचार प्रसार को रोका जा सके। डब्लूएचओ ने कोविड 19 पर संगठन की टेक्निकल लीड मारिया वान  केरखोव का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया है। इस वीडियो में केरखोव ने सांस संबंधी बीमारियों के फैलने की वजह बताई है। साथ ही यह भी बताया है कि इन्हें रोकने के लिए क्या सावधानियां बरती जाना जरूरी है।

सार्स कोव-2 वायरस लगातार बदल रहा अपना स्वरूप

मारिया वान केरखोव ने भी सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि दुनियाभर में सांस संबंधी बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं। इनमें कोरोना वायरस के साथ ही रिनो वायरस, फ्लू, माइकोप्लाज्मा, न्यूमोनिया और अन्य बीमारियां शामिल हैं। सार्स कोव-2 लगातार अपने आप को बदल रहा है। कोरोना का सबवैरिएंट जेएन.1 भी फैल रहा है। केरखोव ने कहा कि सांस संबंधी बीमारियों के फैलने की कई वजह है, इनमें एक मौजूदा छुट्टियों का सीजन भी है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग यात्राएं करते हैं।

दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में फैल रहा कोरोना का नया वैरिएंट
बता दें कि दक्षिण पूर्व एशियाई देशों को ​एक बार फिर कोरोना का डर सताने लगा है। कोविड-19 से जुड़े नए वेरिएंट की वजह से सांस के संक्रमण के तेजी से फैलने की चिंता सरकारों को सताने लगी है। इस कारण दक्षिण पूर्व एशिया की सरकारों ने इसे नियंत्रित करने के लिए पुराने उपायों को फिर लागू करने का निर्णय किया है। लोगों से एयरपोर्ट पर मास्क पहनने की अपील की गई है। वहीं बुखार की जांच करने के लिए थर्मल स्कैनर फिर से चालू किए जाएंगे। सरकारें कई तरह के रोगाणुओं, जैसे कि कोविड वेरिएंट, फ्लू, निमोनिया और अन्य सांस के रोग पैदा करने वालों को धीमा करने का लक्ष्य रख रही है।

सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने संक्रमण के तेजी से फैलने का कारण बताते हुए कहा कि मामलों में बढ़ोतरी कई कारकों के कारण हो सकती है। इसमें जनसंख्या की प्रतिरोधक क्षमता में कमी और साल के अंत में यात्रा और त्योहारी सीजन के दौरान यात्रा और सामुदायिक संपर्क में बढ़ोतरी शामिल है।

कोरोना का नया वैरिएंट जिम्मेदार

इसकी वेबसाइट पर कहा गया कि BA.2.86 के एक वेरिएंट JN.1 से संक्रमित मामले मौजूदा वक्त में सिंगापुर में 60 प्रतिशत से अधिक COVID-19 मामलों के लिए जिम्मेदार हैं. जबकि BA.2.86 और इसके वेरिएंट को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 21 नवंबर 2023 को रुचि के प्रकार के रूप में वर्गीकृत किया है। एमओएच ने कहा कि मौजूदा वक्त में वैश्विक या स्थानीय स्तर पर कोई संकेत नहीं है कि BA.2.86 या JN.1 अन्य कोविड वेरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक हैं या अधिक गंभीर बीमारी का कारण बनते हैं।

पोते की लाश कंधे पर लेकर पुलिस चौकी पहुंचा मजदूर, मामला सुन सभी रह गए सन्न

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एक मजदूर, जिसके कंधे पर खुद के पोते की लाश और मजदूर की आंख से बहते आंसू… ये कहानी कौशांबी जिले के एक भट्ठा मजदूर की है। यहां एक मजदूर अपने पोते की लाश कंधे पर लाद कर इंसाफ मांगने पुलिस चौकी पहुंचा। जब मजदूर पहुंचा तो पुलिस वाले भी चौंक गए कि क्या हो गया। फिर मजदूर ने अपनी आपबीती बताई जिस जान सभी सन्न रह गए। मजदूर ने बताया कि उसके 6 साल के पोते को ठंड लग गया था, जिस वजह से वह बीमार हो गया। मजदूर ने आगे बताया कि वो भट्ठा मालिक के आगे गिड़गिड़ाता रहा पर उसका दिल नहीं पसीजा।

अचानक खराब हो गई तबियत

ये पूरा मामला पिपरी थाना क्षेत्र के घूरी डिहा गांव का है। यहां पर बिहार के गया के रहने वाला शामबली पुत्र बैशाखी अपने परिवार के साथ गगन ईंट भट्ठे पर रहकर मजदूरी करते हैं। बताया जा रहा है कि उनके 6 वर्षीय पोता रोहित की ठंड लगने से अचानक तबियत खराब हो गई। जिसे देख शामबाली ने भट्ठा मालिक से अपनी मजदूरी के पैसे मांगे, ताकि वो अपने बच्चे का इलाज करा सके। लेकिन कथित तौर पर भट्ठा मालिक ने मजदूर को पैसे नहीं दिए। वहीं, मजदूर पोते के इलाज़ के लिए बार-बार पैसों की मांग करता रहा, पर भट्ठा मालिक का दिल जरा भी नहीं पसीजा।

साथ ही भट्ठा मालिक ने मजदूर से कहा कि वो बिना इलाज़ ही अभी ठीक हो जाएगा। थोड़ी देर बाद पोते रोहित की तबियत और ज़्यादा बिगड़ गई। इलाज न मिलने के कारण में रोहित ने कुछ देर में भी दम तोड़ दिया। इससे नाराज शामबाली ने अपने कंधों पर मासूम की लाश रखी और सीधा इंसाफ मांगने चायल चौकी पहुंच गया। चौकी में उसने अपनी परेशानी बताई कि उसके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह मासूम की लाश को सम्मान पूर्वक अपने गांव तक ले सके। मामले में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद भट्ठा मालिक ने मजदूर के पैसे दिया। इसके बाद शामबाली मासूम के शव को लेकर बिहार राज्य के गया शहर के लिए चला गया।

पुलिस ने दी ये जानकारी

वहीं, सीओ अभिषेक सिह ने कहा कि हमें सूचना मिली थी कि भट्ठे पर काम करने वाला व्यक्ति जो मूल रूप गया बिहार के रहने वाले हैं। उनके नाबालिग बेटे की मौत हो गई थी। सूचना मिलते ही तत्काल पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। जो मृतक है उसके पिता से जानकारी ली, तो उन्होंने बताया गया कि उनका जो पुत्र था ठंड लगने से बीमार हो गया था। जिस कारण उसकी मौत हो गयी थी। जो आरोप भट्ठे मालिक पर लगाए जा रहे थे। उसके सम्बन्ध में पिता से भी पूछताछ की गई। तो उनके द्वारा बताया गया कि उनका भट्ठे के मालिक से कोई वाद-विवाद नहीं है और ईट भट्ठे के मालिक ने उनकी सहायता भी की है। वो अपनी मृतक पुत्र को गया बिहार लेकर जा रहे है। इस सम्बंध में थाना पिपरी में एक सुलह नामा भी प्रस्तुत किया है। जिसके आधार पर पुलिस द्वारा आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।

डॉन दाऊद इब्राहिम को जहर दिए जाने की खबर के बाद पाकिस्तान में इंटरनेट ठप, सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बंद; पढ़े पूरी रिपोर्ट

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पाकिस्तान में इन दिनों राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं। फरवरी 2023 में यहां चुनाव होने हैं। पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इसका एलान भी कर दिया है। वहीं इसी बीच पूरे पाकिस्तान में इंटरनेट ठप होने की खबर आ रही हैं। वहीं इससे पहले दावा किया गया कि भारत का मोस्टवांटेड अपराधी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को किसी ने जहर दिया है। इसके बाद उसे कराची के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालात नाजुक बताई जा रही है।

हालांकि अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं

हालांकि दाऊद को जहर दिए जाने की खबर की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन सोशल मीडिया पर उसे जहर दिए जाने की बातें की जा रही हैं। वहीं इसी बीच पाकिस्तान के कई हिस्सों में इंटरनेट बंद होने की खबरें आने लगीं। इसे कुछ लोगों ने दाऊद वाली खबर से भी जोड़कर देखा। हालांकि बताया जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार ने यह कदम इमरान खान की होने वाली वर्चुअल रैली को लेकर उठाया था।

रविवार रात को होनी थी इमरान खान की रैली

जानकारी के अनुसार, रविवार रात को पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की एक रैली होने वाली थी। यह रैली वर्चुअल होनी थी। सरकार को आशंका थी कि इससे देश में कई जगह माहौल बिगड़ सकता है। इसलिए इमरान खान की रैली से ठीक पहले इंटरनेट बंद कर दिया गया, जिससे लोग इस रैली से जुड़ ही नहीं पायें। हालांकि कई जगहों पर नेट स्लो किया गया, जिससे इस रैली को स्ट्रीम करने में काफी दिक्कत हुई।

कई शहरों में सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बंद

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, रविवार रात आठ बजे के बाद से लाहौर, कराची और इस्लामाबाद समेत कई शहरों में कई सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को एक्सेस करने में दिक्कत हुई। इसके अलावा कई जगहों इंटरनेट ना चलने की भी शिकायत की गई। हालांकि इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ। हालांकि इसे लेकर सरकार या दूरसंचार विभाग की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई।

कल होगी IPL 204 की नीलामी, इन​ खिलाड़ियों पर होगी पैसों की बरसात; जानें बड़े खिलाड़ियों के नाम

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आईपीएल 2024 के लिए मिनी ऑक्शन 19 दिसंबर को दुबई में दोपहर एक बजे से स्टार्ट होगा। यानी अब इसके शुरू होने में कुछ ही घंटों का वक्त बचा है। इसके बाद खिलाड़ियों पर बोली लगनी शुरू हो जाएगी। इस बार वैसे तो 1100 से भी ज्यादा खिलाड़ियों ने अपने नाम का रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन बाद में केवल 333 खिलाड़ी ही ऐसे बचे, जिनका नाम नीलामी के ​दिन पुकारा जाएगा। हालांकि ये भी 333 खिलाड़ी बिक नहीं पाएंगे। सभी टीमों के पास स्क्वाड फुल करने के लिए केवल 77 खिलाड़ी ही बचे हैं, यानी इसके अलावा जो भी खिलाड़ी होंगे, वो अनसोल्ड चले जाएंगे। इस बीच ऑक्शन से पहले आपको उन कुछ चुनिंदा खिलाड़ियों पर नजर रखनी चाहिए, जो इस ऑक्शन में सबसे महंगे बिक सकते हैं, यानी सही भाषा में कहें जो उन पर पैसों की जमकर बरसात हो सकती है।

मिचेल स्टार्क पर आईपीएल टीमें कर देंगी पैसों की बरसात

आईपीएल में इस साल करीब आठ साल बाद ऑस्ट्रेलिया के धाकड़ तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क आ रहे हैं। बताया जाता है कि जब उनका नाम शॉर्टलिस्ट होकर आया तो दस में से 5 टीमों ने उनसे बात की और अपनी टीम में आने की इच्छा जाहिर की। हालांकि मिचेल स्टार्क उसी टीम में जाएंगे, जो टीम उन पर सबसे ज्यादा बोली लगाएगी। मिचेल स्टार्क ने पहले ही साफ कर दिया था कि वे अगले साल जून में होने वाले टी20 विश्व कप के मद्देनजर अगले साल का आईपीएल खेलना चाहते हैं, इसके बाद से ही टीमों ने उन पर बोली लगाने की तैयारी शुरू कर दी थी और अपने पर्स को भी खाली कर लिया था, ताकि उनकी बोली लगाने में पैसों की कमी आड़े न आए। मिचेल स्टार्क की खास बात ये है कि वे बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं। जहां शुरुआत में ही वे विरोधी टीम को झटके देने के लिए जाने जाते हैं, वहीं मिडल ओवर्स में भी विकेट निकालने की क्षमता रखते हैं। मिचेल स्टार्क सेट चार में आएंगे और उनका बेस प्राइज दो करोड़ रुपये है। माना जा रहा है कि कम से कम आठ से दस करोड़ की बोली तो उन पर कुछ ही मिनटों में लग जाएगी।

ट्रेविस हेड को अपने पाले में करने के लिए टीमों के बीच होगी जमकर फाइट

इसके अलावा जिस एक और खिलाड़ी पर सभी दस टीमों की नजरें होंगी, वो हैं ऑस्ट्रेलिया के स्टार बल्लेबाज ट्रेविस हेड। वे क्या कर सकते हैं, ये अभी हाल ही में खत्म हुए आईसीसी वनडे विश्व कप 2023 में नजर आया था। पहले सेमीफाइनल में उन्होंने अर्धशतक लगाया और इसके बाद फाइनल में भारत के ही खिलाफ शतक जड़कर अपनी टीम को विजेता बना दिया। इन दोनों मैचों में वे प्लेयर ऑफ द मैच रहे। हाल ही में आईसीसी ने उन्हें नवंबर महीने के लिए प्लेयर ऑफ द मंथ के अवार्ड के लिए भी चुना है। ट्रेविस हेड का बेस प्राइज दो करोड़ रुपये ही है, लेकिन इससे कहीं ज्यादा कीमत पर जाकर उनकी बोली खत्म होगी, ये तो तय सा नजर आ रहा है। वे बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। नंबर एक से लेकर चार तक वे कहीं भी बल्लेबाजी कर सकते हैं। साथ ही स्पिनर गेंदबाजी भी करने में माहिर हैं। वे सेट 1 में आएंगे। यानी नीलामी का आगाज से ही उन पर पैसों की बारिश शुरू हो जाएंगी।

रचिन रवींद्र पर टीमें दिल खोलकर खर्च करेंगी पैसा

न्यूजीलैंड के रचिन रवींद्र भी ऐसे ही खिलाड़ी हैं, जो किसी भी मामले में मिचेल स्टार्क और ट्रेविस हेड से पीछे नहीं रहेंगे। वे बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और बाएं हाथ से ही गेंदबाजी करते हैं। आईसीसी वनडे विश्व कप में उनका भी प्रदर्शन लाजवाब रहा था। इसके बाद से वे कई आईपीएल टीमों के रडार पर आ गए हैं। उनका बेस प्राइज केवल 50 लाख रुपये है। उनकी बोली भी आठ से दस करोड़ रुपये तक जा सकती है। वे पहली बार आईपीएल में खेलते हुए नजर आने वाले हैं। इसलिए टीमों की नजर उन पर भी होगी। रचिन अभी महज 24 साल के हैं, ऐसे में वे टीमों के लिए लॉगटर्म इंन्वेस्टमेंट हो सकते हैं। साथ ही वे किसी भी नंबर पर बल्लेबाजी कर सकते हैं, इसलिए टीमें इन पर दांव लगाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहेंगी।

शार्दुल ठाकुर पर लग सकती है मोटी बोली

ये तो रही विदेशी खिलाड़ियों की बात, लेकिन ऐसा नहीं है कि कोई भारतीय खिलाड़ी ऐसा नहीं होगा, जिस पर टीमें पैसों की बारिश कर सकती हैं। वैसे तो बहुत ज्यादा नामी भारतीय खिलाड़ी ऑक्शन में नहीं हैं, लेकिन शार्दुल ठाकुर ऐसे खिलाड़ी हैं, जो मोटी कीमत पर बिक सकते हैं। उनका बेस प्राइज दो करोड़ रुपये है। वे दाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं, लोअर आर्डर में बल्लेबाजी करके मैच जिताने की क्षमता रखते हैं। आईपीएल 2022 के लिए जब ऑक्शन हुआ था, तब दिल्ली कैपिटल्स ने उन्हें 10.75 करोड़ रुपये में खरीदा था। इसके बाद कोलकाता नाइटराइडर्स ने उन्हें ट्रेड कर लिया और वे दिल्ली से सीधे केकेआर चले गए। लेकिन अब वे रिलीज होकर फिर से ऑक्शन के मैदान में हैं।

इस राज्य के मुख्यमंत्री ने बताया कब होगा मंत्रिमंडल का विस्तार, ये MLA बन सकते हैं मंत्री; जानें नाम

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छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री की शपथ ग्रहण के बाद अब जल्द ही विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मंत्रिमंडल के गठन पर चर्चा के बाद वापस रायपुर लौट गए हैं। दिल्ली से रायपुर पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि शीघ्र मंत्रीमंडल का गठन किया जाएगा। नए पुराने सभी चेहरों को शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों से इसी वर्ष से 21 क्विंटल धान खरीदे जाएंगे और 31 सौ रुपए दिए जाएंगे। पीएम मोदी की गारंटी को पूरा करेंगे।

बीजेपी अपना वादा पूरा करेगी

मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने ने कहा, ‘‘नए चेहरे और पुराने चेहरे सब मिला-जुलाकर मंत्रिमंडल बनाया जाएगा। मंत्रिमंडल के गठन के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा, लेकिन जल्द हो जाएगा।’’ धान खरीद प्रक्रिया जारी होने के दौरान प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वादे के बारे में पूछे जाने पर साय ने कहा, ‘‘हमने ‘मोदी की गारंटी’ (चुनावी घोषणा पत्र का हवाला देते हुए) में जो वादा किया है, उसे पूरा किया जाएगा। वादे के मुताबिक धान की खरीदी होगी तथा भुगतान होगा।

ये विधायक बन सकते हैं मंत्री

छत्तीसगढ़ में 90 सदस्यीय विधानसभा के हिसाब से मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 13 मंत्री हो सकते हैं। ऐसे में 10 और सदस्यों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। साय मंत्रिमंडल में पुराने चेहरों में बृजमोहन अग्रवाल और अमर अग्रवाल (दोनों सामान्य वर्ग से), धरमलाल कौशिक और अजय चंद्राकर (ओबीसी), केदार कश्यप और विक्रम उसेंडी (अनुसूचित जनजाति), दयालदास बघेल (अनुसूचित जाति) और राजेश मूणत (जैन समुदाय) को शामिल किए जाने की संभावना है।

मंत्री बनने की रेस में इन विधायकों का नाम भी आगे

इन नेताओं में धरमलाल कौशिक को छोड़कर अन्य लोग राज्य की पिछली भाजपा सरकारों में मंत्री रह चुके हैं। कौशिक विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक संभावित नए चेहरों के रूप में भारतीय प्रशासनिक (आईएएस) अधिकारी से नेता बने ओपी चौधरी, गजेंद्र यादव (दोनों अन्य पिछड़ा वर्ग) और डोमनलाल कोर्सेवाड़ा (एससी) के नामों की चर्चा है। वहीं महिला नेताओं में पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह, पूर्व सांसद गोमती साय और पूर्व मंत्री लता उसेंडी के नाम की भी चर्चा है। ये तीनों आदिवासी समुदाय से हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस मेडिटेशन सेंटर स्वर्वेद मंदिर का किया उद्घाटन, जानें 10 बड़ी विशेषताएं

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आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दो दिवसीय दौर पर हैं और उन्होंने आज दुनिया के सबसे बड़े मेडिटेशन सेंटर स्वर्वेद मंदिर का उद्घाटन सुबह लगभग 11:30 बजे कर दिया है। यह स्वर्वेद मंदिर दुनिया के सबसे बड़े योग और मेडिटेशन सेंटर के तौर पर देखा जा रहा है। इसके प्रेरणा स्त्रोत संत सदाफल महाराज है जिनके भारत सहित विदेशों में भी सैकड़ों आश्रम हैं। इस मंदिर के निर्माण में लगभग 1000 करोड़ रुपये की लागत का खर्च आया है। आइए जानते हैं इस मंदिर की 10 बड़ी विशेषताएं कौन-कौन सी हैं।

स्वर्वेद मंदिर की प्रमुख विशेषताएं

ध्यान साधना के लिए इस स्वर्वेद मंदिर में तकरीबन 20000 लोगों के बैठने की जगह है। इसी के साथ इस मंदिर की शोभा को 125 पंखुड़ियों वाले कमल के शिखर ने भव्य आकृति दी है जो इसे मनमोहक बनाता है।

स्वर्वेद मंदिर वाराणसी शहर से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर उमराह क्षेत्र में स्थित है, यह मंदिर तकरीबन 300000 वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक इस मंदिर को बनाने में लगभग 600 श्रमिकों और 15 इंजीनियरों का इसमे योगदान रहा है।

स्वर्वेद महामंदिर की नींव 2004 में सद्गुरु आचार्य स्वतंत्र देव और संत प्रवर विज्ञान देव ने रखी थी।

इस मंदिर के प्रांगण में तकरीबन 101 फव्वारों के साथ ही साथ सागौन की लकड़ी से बनी मंदिर की छत पर सुंदर कालाकृतियां उकेरी गई हैं जो इसे और मनोरम बनाती है।

महा योगी और और आध्यात्मिक गुरु श्री सदाफल देवजी महारजा ने स्वर्वेद ग्रंथ की रचना की थी। जिसके आधार पर इस मंदिर का नाम स्वर्वेद रखा गया है।

लोगों की आकर्षण का केंद्र बना स्वर्वेद मंदिर  में 7 मंजिलें हैं और यह लगभग 180 फीट ऊंचा है। मंदिर में मकराना मार्बल का प्रयोग किया गया है। जिस पर तकरीबन 3137 स्वर्वेद ग्रंथ के दोहे लिखे हुए हैं।

स्वर्वेद दो शब्दों से मिलकर बना है स्वः और वेद। स्वः का अर्थ है अंतरमन की आत्मा जो परमात्मा का स्वरूप है और वेद का मतलब ब्रह्म ज्ञान। मतलब जिसके द्वारा आत्मा और परमात्मा का ज्ञान प्राप्त किया जा सके उसे स्वर्वेद कहा जाता है। मंदिर के प्रेरणा स्त्रोत संत सदाफल महारज ने 17 वर्षों तक हिमालय की चोटियों में कड़ी तपस्या कर गहन ध्यान लगाया। जहां से उन्हें इस दिव्य ग्रंथ को लिखने की प्रेरणा मिली। जिसके नाम पर इस मंदिर का नाम रखा गया है।

इसी के साथ बताया जा रह है कि इस मंदिर की बाहरी दीवार पर लगभग 138 महाभारत, रामायण, वेद उपनिषद, गीता, आदिके दृश्य चित्रों के माध्यम से बनाए गए हैं।

स्वर्वेद मंदिर के अंदर जड़ी-बूटीयों और औषधीयों से रहित एक बगीचा भी बनाया गया है। जिसका उद्देश्य है स्वस्थ्य जीवन को प्रेरित करना।

इस मंदिर की दीवारों पर गुलबी बलुआ पत्थर लगें है जो स्वर्वेद मंदिर की शोभा को और भव्य बनाता है।

पूर्व CM शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुलाया

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मध्य प्रदेश में डॉक्टर मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद प्रदेश बीजेपी की राजनीति रोचक हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले कई दिनों से रोचक बयान दे रहे हैं। वह जमीनी कार्यकर्ताओं से जाकर मिल रहे हैं। शपथ ग्रहण समारोह के में शामिल होने के लिए जाने के दौरान शिवराज सिंह के कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेर लिया था। वहीं इससे पहले राज्यपाल को इस्तीफा देने के बाद उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि वह दिल्ली नहीं जाएंगे और अपने लिए कुछ भी नहीं मांगेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि दिल्ली जाकर कुछ मांगने से बेहतर मैं मरना पसंद करूंगा। उनके इस बयान ने कई चर्चाओं को जन्म दे दिया था। अब इसके बाद पार्टी अध्यश जेपी नड्डा ने उन्हें दिल्ली बुलाया है।

जहां पार्टी कहेगी वहां काम करेंगे- शिवराज सिंह

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शिवराज सिंह चौहान को जेपी नड्डा ने दिल्ली बुलाया है। दोनों नेताओं की मुलाकात शाम साढ़े सात बजे होने तय हुई है। बताया जा रहा अहि कि इस बैठक में शिवराज सिंह की आगामी भूमिका को लेकर चर्चा की जा सकती है। माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए पार्टी उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। वहीं दिल्ली जाने से पहले संवाददाताओं को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि बीजेपी एक मिशन है। जहां पार्टी कहेगी वहां काम करेंगे। सीके साथ ही उन्होंने कहा कि पर्यावरण और महिला हित मेरा प्रिय विषय है। मैं आजीवन पर्यावरण, महिलाओं और बाल कल्याण का काम करता रहूंगा।

चुनाव परिणाम आने के बाद छिंदवाड़ा गए थे शिवराज

बता दें कि चुनाव में जीत हासिल होने के बाद शिवराज सिंह सुपर एक्टिव हो गए थे। इस दौरान वह छिंदवाड़ा, श्योपुर और राघवगढ़ गए थे। बता दें कि बीजेपी ने इन तीनों जिलों में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। शिवराज सिंह का यह दौरा लोकसभा चुनावों से जोड़कर देखा गया था। वहीं कुछ लोगों का मानना था कि उनका यह तरीका आलाकमान पर दवाब बनाने का है। हालांकि उन्हें सीएम पद की जिम्मेदारी नहीं दी गई।

शिवराज सिंह चौहान इन दिनों मध्य प्रदेश के कई इलाकों में भ्रमण कर रहे

इसके बाद शिवराज सिंह चौहान इन दिनों मध्य प्रदेश के कई इलाकों में भ्रमण कर रहे हैं। ऐसे में वो विभिन्न इलाकों में जा रहे हैं। यहां उनके स्वागत में बड़ी मात्रा महिलाएं उमड़ रही हैं। इस दौरान वह शिवराज सिंह के गले लगकर रो रही हैं। कई वीडियो में देखा जा सकता है कि महिलाएं उनसे कह रही हैं कि उनके लिए मुख्यमंत्री वह ही हैं। यह तमाम वीडियो उनके आधिकारिक सोशल मीडिया एकाउंट से पोस्ट किए जा रहे हैं। बता दें शिवराज सिंह चौहान राज्य में मामा के रूप में प्रसिद्ध हैं और वह खुले मंच से हमेशा राज्य के महिला व पुरुषों के लिए भाई, बहनों, भांजे, भांजियों जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं।

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