बिहार के गया में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला चल रहा है. इस दौरान गया में दर्जनों विदेशी तीर्थयात्री पहुंचे हैं. इन विदेशियों को भारतीय वेशभूषा और धर्म संस्कृति काफी भा रही है. यही वजह है कि भारतीय परिधान में जर्मन की विदेशी महिलाओं ने गया में पिंडदान किया. जर्मनी के अलावे रूस, यूक्रेन से भी विदेशी गयाजी में पिंडदान करने पहुंचे हुए हैं।

जर्मन तीर्थ यात्रियों ने किया पिंडदानः आज बुधवार को जर्मनी के तीर्थ यात्रियों के द्वारा गया के फल्गु तट पर स्थित देवघाट पर पिंडदान का कर्मकांड किया गया. इन्होंने अपने पितरों का निमित कर्मकांड किया. जर्मनी की दर्जन भर महिलाएं और एक पुरुष शामिल पिंडदान में शामिल हैं. जर्मनी से आई दर्जन भर महिलाएं पिंडदान कर रही है. इसमें एक पुरुष शामिल है. यह सभी अपने पितरों के निमित्त पिंडदान का कर्मकांड कर रही है. खास बात यह है, कि इसमें अधिकांश महिलाएं हैं।

पिंडदान के प्रति बढ़ रही विदेशियों की आस्थाः गया जी में पिंडदान के लिए रूस, यूक्रेन, जर्मनी के दर्जनों और तीर्थ यात्री गया जी को पहुंचें हैं. इनके द्वारा गुरुवार को पिंडदान का कर्मकांड किया जाएगा. वहीं, बुधवार को दर्जन भर की संख्या में जर्मन देश के पिंडदानी ने पिंडदान किया. इसमें एक पुरुष के अलावे शेष महिलाएं शामिल हैं. पिंडदान के प्रति विदेशियों की आस्था बढ़ी है. यही वजह है कि विदेशी तीर्थ यात्री गया जी में पिंडदान करने को पहुंच रहे हैं. सनातन धर्म के प्रति इन विदेशियों की आस्था बढ़ी है, जो अपने पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर गया जी पहुंचे हैं।

“जर्मनी से अबूधाबी और फिर दिल्ली आई. दिल्ली से वाराणसी और वहां से फिर गया जी पहुंचे हैं. पिंडदान करके काफी अच्छा लगा. हमलोग यहां की धर्म संस्कृति से काफी इंस्पायर हुए हैं. यहां आकर शांति मिली है”- यूलिया, विदेशी पिंडदानी

महिलाविदेशी स्कॉलर करते हैं रिसर्चःगया जी में होने वाले पिंडदान को लेकर विदेशियों द्वारा रिसर्च भी किया जाता रहा है. इसके बीच विदेशियों के आगमन और उनके पिंडदान की आस्था बढ़ती दिख रही है. खासकर विदेशी महिलाओं की पिंडदान के प्रति आस्था बढ़ी है. वहीं, इन विदेशी पिंडदानियों के साथ रहे इस्काॅन के प्रचारक लोकनाथ गौड़ ने बताया कि जर्मनी की महिलाएं गया जी पहुंचकर पिंडदान का कर्मकांड कर रही है. यह सभी जर्मनी से हैं और इसके अलावा रूस, यूक्रेन से भी विदेशी महिलाएं गया जी को पहुंची हुई हैं, जो आने वाले दिनों में पिंडदान करेंगे।

विदेशी महिलाओं के बीच पिंडदान और पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर आस्था बढ़ी है. यही वजह है कि काफी संख्या में महिलाएं गया पहुंच रही है. फिलहाल में तीन कंट्री से विदेशी आए हुए हैं और उसमें जर्मनी के तीर्थ यात्रियों ने बुधवार को पिंडदान किया है. इन विदेशी पिंडदानियों में सवेतलाना, इरीना, केविन, नातालिव, मरीना, मारग्रेटा, वेलेंटिना शामिल हैं”- लोकनाथ गौड़, इस्कॉन प्रचारक सह पुरोहित


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.