गांधीनगर में सेमीकॉन इंडिया 2023 के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं। सेमीकॉन इंडिया कॉन्फ्रेंस 2023 में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले साल, हम सभी ने सेमीकॉन इंडिया के पहले संस्करण में भाग लिया था। उस समय इस पर चर्चा हो रही थी कि भारत में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश क्यों करें? जब हम एक साल बाद अब मिल रहे हैं तो सवाल बदल गया है। अब कहा जा रहा है – निवेश क्यों न करें? अब सवाल ही नहीं हवा का रुख भी बदल गया है। यह बदलाव आप और आपके प्रयासों से आया है। आप जुड़े हैं आपका भविष्य भारत की आकांक्षाओं से जुड़ा है। आपने अपने सपनों को भारत की क्षमता से जोड़ा है और भारत कभी किसी को निराश नहीं करता है।

“जैसे सॉफ़्टवेयर को अपडेट करना आवश्यक है…”

सेमीकॉन इंडिया कॉन्फ्रेंस 2023 में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “21वीं सदी के भारत में आपके लिए अपार अवसर हैं। भारत का लोकतंत्र, भारत की जनसांख्यिकी और भारत से मिलने वाला लाभांश आपके व्यवसाय को दोगुना, तिगुना कर सकता है।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जैसे सॉफ़्टवेयर को अपडेट करना आवश्यक है, वैसे ही यह कार्यक्रम भी है। सेमीकॉन इंडिया के माध्यम से उद्योग, विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं के साथ संबंध अपडेट होते रहते हैं। मेरा यह भी मानना है कि संबंधों में तालमेल के लिए यह आवश्यक है।

भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 100 अरब डॉलर के पार
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम भारत के डिजिटल क्षेत्र और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण में तेजी से वृद्धि देख रहे हैं। कुछ साल पहले भारत इस क्षेत्र में एक उभरता हुआ खिलाड़ी था और आज, वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में हमारी हिस्सेदारी कई गुना बढ़ गई है। 2014 में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 30 बिलियन डॉलर से भी कम था। आज यह 100 अरब डॉलर को पार कर गया है। सिर्फ दो साल में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात दोगुना हो गया है। भारत में निर्मित मोबाइल फोन का निर्यात दोगुना हो गया है। जो देश कभी मोबाइल फोन का आयातक था, वह अब दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मोबाइल फोन बना रहा है और उनका निर्यात कर रहा है।

पीएम मोदी ने की चौथी औद्योगिक क्रांति की बात
सेमीकॉन इंडिया कॉन्फ्रेंस 2023 में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ”आज दुनिया इंडस्ट्री 4.0 की गवाह बन रही है। जब भी दुनिया में कोई औद्योगिक क्रांति आई है, उसकी नींव उस क्षेत्र के लोगों की आकांक्षाएं रही हैं। यह पिछली औद्योगिक क्रांतियों और अमेरिकी सपने के बीच का संबंध था। आज मैं चौथी औद्योगिक क्रांति और भारतीय आकांक्षाओं के बीच वही संबंध देख सकता हूं।”


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